अमिया अमराई पीहू पीहू गावै कोयलिया कुहू कुहू hindi literature ,
अमिया अमराई पीहू पीहू गावै कोयलिया कुहू कुहू ,
तन गीला कैसे धीज धरूँ मैं बिरहन तपती जलती मरू ।
पी पी भांग धतूरा अब तो चम्म हो गए सारे ,
मटका में मट्ठा घुलवाओ कोई निमकी चटवाओ अब तो ।
चौरा मा मेहर चौरा लागै ,
कौखन बीती बात जब तक सास बहू न चालू होइ घेमन है उपवास ।
पूड़ी सोहारी बरा मुगौरा कुसली पपड़ी बनमन चोनमन ,
कबहु बिना तीज त्यौहारौं के बनिहैं ठीक से जेमन ।
ये साल कूलर वुलर न निकाळै का पड़ी का का ,
दऊ बारह मास चौमास मनाये पड़ा है ।
अहुड़ बहुड़ घिर आये बदरवा बेशर्मन का लाज़ नहीं ,
खड़ी फसल मा ओला पड़िगै मारे कूटे का कौनौ इलाज़ नहीं ।
भये सकार ढूढे सखार ,
झूले लेहचुआं चुर्र मुर्रा चुर्र मुर्रा राग सुनावै ढुल मुल ढुल मुल ।
नाली नरदा एक कर दिहौ गले मा गमछा डाल ,
अमकरिया न बाची अमारी , पनही सुघावै बाप ।
थाना कोतवाली का तोहरे दुवार मची है गुहार ,
रुण्ड भुसुंड सगळे नौनार , बालम तोरे अगना मा सबहुँ होली खेलें अबकी बार ।
नदी नालन मा डॉक्दर इंजीनियरन के उफानी है ,
गली गली मा किलनी चीलर अस उधान है पियक्कड़ सारे ।
भये बिहान न कुल्ला मुखारी ,
वोट मागन आ गए सगळे नेता बने भिखारी ।
दूसराये तिसराये सब दीन्हिन बिसराये ,
दीन दुखियन की खातिर कौन खोलीं सराये ।
न उसगुर न पुसगुर दरमियान दिलों के ,
ख़ामोशी का गुर इ माज़रा क्या है ।
नाहक का इल्ज़ाम फोड़े हमरे सर ,
आपै बघारे सेखी खुद चिकनी चुपड़ी चाटै हमका बाटै बासी रोटी ।
तीरथ बरथ सारे किये मंगल भया न कोय,
मानुस तन की ईस विनय से मंगल मंगल होये ।
जश्न ए महफ़िल में क्या पिपहरी क्या धुतुरुआ ,
बजने दो बीन का सेहरा लिल्लीघोड़ी नचने दो ।
सियारी उन्हारी मसीहाओं के मत्थे ,
यहां कलेबा बियारी बिन भबा सकार ।
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