गर्द चेहरों से क़िरदार निकाल लेता हूँ quotes life hindi ,
गर्द चेहरों से क़िरदार निकाल लेता हूँ ,
जब लिखता नहीं हूँ तब क़िताब ए वर्क़ से लिहाफ़ उतार देता हूँ ।
ज़ब्त रखा है सीने में ज़माने से तेरा नाम मैंने ,
सोचता हूँ दिल के दरिया में अब किसी और सफ़ीने को साहिल दूंगा ।
तालीम ए इश्क़ ही ज़रूरी था अगर जीने के लिए ,
फिर कोर्चा रुपयों का क्यों किया जाता है मरने के लिए ।
ना पूछ बिछड़ के तुझसे तेरे ग़ालिब का हाल कैसा है ,
कुछ एक टुकड़े बचे हैं मिसरा के बाकी सुखनवर का हाल पहले जैसा है ।
बदल रहे हैं जहाँ भर के नज़ारे पल पल ,
तू किस गगन में छुपा बैठा है दिलों से अटखेली कर के ।
तू साथ हो ना हो ,
तेरे इश्क़ का एहसास मेरे साथ होता है पल पल ।
हाल ए दिल को मरम्मत की दरकार है ,
ऐ इश्क़ ए ख़ुदा तू जाने या रामजाने की ये प्यार है ।
तेरे ज़ख्मों का एहसास है मुझको ,
तुझको कितना तल्ख़ तल्ख़ लगता होगा माघ पूस की ठण्ड में जब बेलिबास तन पर ठण्डा ठण्डा बर्फ़ पड़ता होगा ।
भड़क जाता है छोटी बातों से ,
तेरा दिल तुझसे बड़ा दंगाई नज़र आता है ।
इन दर्द के छालों को नासूर न समझ ,
ये दाग़ ए इश्क़ ही सही ग़म ए क़ुर्बत में जी लेंगे हम ।
कम बेसी भी हो जाता अगर ,
माल उठने से पहले दर्द ए दिल का ख़रीददार मिल जाता अगर ।
ग़म के बादल हैं हट ही जायेंगे ,
रात के पहलू से सवेरा छट के निखरेगा ।
एक मसर्रत ही रास ना आई ,
ग़म ए मुफ़लिस का ये फ़साना है ।
नाम तेरा था बहुत आशिक़ों के शहर में ,
इश्क़ करके मैं ख़्वामख़्वाह बर्बाद हो गया ।
राह चलते नैन मटक्का फ़ितरत में ना था हमारी ,
कोई ग़र दिल से लगा ले गुस्ताखी नज़र की तो खता है ये तुम्हारी ।
नज़रो ने छेड़ी जंग कोई ज़ार ज़ार था ,
कोई दिल पर लिया था घाव कोई इश्क़ का बीमार था ।
pix taken by google