तार्रुफ़ खुद से हुआ तो आइना शरमाया 2line attitude shayri,

0
1976
तार्रुफ़ खुद से हुआ तो आइना शरमाया 2line attitude shayri,
तार्रुफ़ खुद से हुआ तो आइना शरमाया 2line attitude shayri,

तार्रुफ़ खुद से हुआ तो आइना शरमाया 2line attitude shayri,

तार्रुफ़ खुद से हुआ तो आइना शरमाया ,

सामने जो शख्स खड़ा था वो बहरूपिया निकला ।

 

हर्फ़ दर हर्फ़ का लहज़ा ग़र मोहब्बत ही मोहब्बत हो ,

तो चाँदनी के सीरे में चाँद डुबोकर लपक जाएँ सारे ।

 

हम मरे इश्क़ में बेमौत कोई रोने नहीं आया ,

यूँ तो मरते हैं आशिक़ छपता हैं हर्फ़ दर हर्फ़ अखबार की सुर्ख़ियों में भी नाम होता है ।

 

उठता नहीं है रोज़ इंसान सोच से ,

इरादों के दम से दुनिया सारी क़ायनात है ।

 

चाँद पर है अब्र ए हिज़ाब ऐसा ,

मामू अपनी ही चांदनी से शरमा रहे हो जैसे ।

sarkaar ki nal jal yojna aur ek vidhwa ki katha vyatha a short story 

यूँ इश्क़ की तल्खियाँ न उड़ाओ ग़ालिब ,

हम भी तुम्हारे जानिब इश्क़ में कभी सरकार हुए थे ।

 

बड़ी फ़ुरसत में किया इश्क़ न हुयी हाय तौबा ,

जब मिली सजा ए मौत तब गुनाह समझ में आया ।

 

संगी साथी छूट गए सब बाबुल तोरे द्वार ,

कैसे हँसू करूँ ठिठोली घर गृहस्थी मूड़े पड़ी झबार

 

संगदिल ज़माने ने हमें ऐसे हाल ए मुक़ाम में रखा ,

न आह ही भरे न गुमसुदगी का मज़ा ही चक्खा

 

लिख दूँ फ़लक़ पे नाम तेरा हर लफ्ज़ सजाऊँ ,

पलकों से चुनूँ तारे चाँदनी के तोरे माथे पर बिंदिया लगाऊँ ।

 

अल्फ़ाज़ नहीं मिलते जज़्बात थामने को ,

हालात बड़े नाज़ुक दौर ए इश्क़ में हुआ करते हैं ।

 

इश्क़ मिला न मिला कोई बात नहीं ,

दौर ए आशिक़ी में तोहमत ए बेवफाई ही सही ।

 

यूँ तो चाहने वालों की कमी नहीं ज़माने में ,

पर दिल के खासम ख़ास कुछ ख़ास हुआ करते हैं ।

 

नज़रें कतरती हैं चिलमन ,

बातों से हिज़ाब करते हो , अक़्ल से पैदल चले आये ,

जो लब से उर्दू फ़ारसी के सवाल करते हो।

 

चाँद जलता है मेरे यार का हुश्न ओ शबाब देखकर ,

सर्द रातों में यूँ ही चाँदनी में धुआँ नहीं होता ।

romantic shayari , 

ज़र्फ़ की बात में हम लाजवाब हो न बड़े ,

आशिक़ों की ज़ात पर बन आये तो पत्थरों को मोम भी कर दूँ ।

pix taken by google