हुश्न वालों को नज़ाक़त की ज़रुरत नहीं होती love quotes in hindi,
हुश्न वालों को नज़ाक़त की ज़रुरत नहीं होती ,
मेहरबान गर इश्क़ हो ये अदा खुद बा खुद आ ही जाती है ।
ज़िन्दगी हैं चन्द साँसों का ताना- बाना ,
हर रोज़ उलझे तारों को सुलझाना थक के सो जाना ।
बात मुख़ालफ़त की होती तो हम रिश्ता निभा भी देते ,
साथ लम्बे रास्तों का था कब तलक़ साथ काँधा लगाए फिरते ।
क़ातिलों ने क़त्ल का सामान इज़ाद किया ,
फिर उसी इश्क़ को सात पर्दों के पीछे रख छोड़ा ।
तीर तरकस सी तेरी बातें खंज़र से तेरे नैन ओ नक़्श,
हुश्न अपना तू तेज़ धार सही म्यान में ही रख ।
नाज़ ओ नखरे हम उठाते हैं सर आँखों पर ,
और सिकन झलक आते हैं उनकी पेशानी पर ।
तुमको तुम्हारी माल ओ मिल्क़ियत का वास्ता ,
हमको हमारे हाल में बदहाल जीने दो ।
जाने किस ग़ुमान में थी ज़िन्दगी ,
किश्ती डुबो दी आबरू ए आब् की ख़ातिर अफसोश तब हुआ ।
इतना लुटा बाजार पडोसी के प्यार में ,
ख़ुद की दूकान की ख़ातिर खरीदार न मिला ।
उम्र भर के सारे खर्चे निकाल करके ,
ज़िन्दगी तेरी साँसों का क़र्ज़ हर रोज़ मैं भरता हूँ ।
नींद में भी हर्फ़ दर हर्फ़ समझ सकता हैं दिल ,
मेरे सीने में जो तू चुपके से तहरीर लिखा करती हैं ।
जब सारा गुंचा ए चमन सोता हैं ,
बस एक कली ख्वाबों के साद ओ ग़म को चुनI करती हैं ।
जहाँ भर का आशियाना दिया हो तुझे रहने के लिए ,
तू क्या तामीर करेगा उस खुदI के लिए ।
जहाँ वालों को ग़ुमान जायज़ हैं ,
जहाँ में क़यामत के बाद भी इश्क़ क़ायम हैं ।
माना की गैरों की आमद से मचल जाता हैं दिल ,
अब से पहले भी दिल ये मेरा मुझसे यूँ बेईमान न था ।
महफिलों में जलती हैं मीनारों में जलती हैं ,
गली कूचों को रोशन कर शमा अंधेरों में जलती हैं ।
अब गुलों की रंग ओ बू ख़ार बन चुभती हैं बागबानों को ,
गोया अब बागों के फसल ए गुल में बहार ही दिखनी चाहिए ।
pix taken by google