अंजुमन के गुंचा ए ग़ुल से रंग ओ बू नदारद है urdu quotes in hindi,

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अंजुमन के गुंचा ए ग़ुल से रंग ओ बू नदारद है urdu quotes in hindi,
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अंजुमन के गुंचा ए ग़ुल से रंग ओ बू नदारद है urdu quotes in hindi,

अंजुमन के गुंचा ए ग़ुल से रंग ओ बू नदारद है ,

अब हर एक कूचे से सियासत की बदबू सी आती है ।

 

एक ग़ज़ब की तिस्नगी थी मौसम ए नज़ाक़त की जुस्तजू में ,

सर्द सेहरओं से दिल अकेला ख़ार होके गुज़रा ।

 

शबाब ए हुश्न हो ज़रूरी तो नहीं ,

ज़िक़्र होता है तेरा आज भी बादाकशों में मयकशी के बाद ।

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बादाकशों  ने मोहब्बत का नाम ही बदल डाला ,

गोया बिन पिये उनसे इश्क़ आज भी बहुत करते हैं ।

 

जुम्मा जुम्मा चार दिन की मेहनत ,

और तक़दीर कोसने को उम्र भर का जुमला भी क्या खूब होता है ।

 

ज़मीन वालों को दीदार ए यार की चाहत ,

हर रोज़ ईद कहाँ होती है हर रात चाँद कहाँ दिखता है ।

 

गुलपोश नगीने सा सम्हाले रखा था सीने में,

हुआ जो बेनक़ाब तेरा चेहरा तो दिल ए नादाँ रक़्स करने लगा ।

 

तसव्वुर में कटी रात तेरी यादों के पलछिन,

चाँदनी से भई बात चाँद तारों को गिन गिन ।

 

भला मानस समझ कर जिसने देहलीज़ लाँघा था ,

फ़क़ीरों के वेश में वो सैय्याद निकला ।

 

सबको जिस्म की ज़रुरत थी ,

वो रूहों की बोली लगा रहा था ।

 

बिक रहे थे जिस्म मेरे शहर में बेलिबास बहुत सस्ते ,

कुछ खस्ता हाल थे कुछ थे ख़ानदानी बड़े अच्छे ।

 

ज़ौक़ ए सुखन भी रंग लाता है .

शाम ए बज़्म में साज़ और आवाज़ रोज़ परवाज़ भरते हैं ।

 

बिक रहे हैं कौड़ियों के मोल में लोगों के ईमान यहाँ ,

मैं उसी बाजार में ख़ाली लिबास ढूंढ़ता रहा ।

 

कितनी बेख़ौफ़ आफ़तें रोज़ सर से होकर के गुज़रती हैं ,

कभी बेबाक मोहब्बत भी करके देखो ।

 

तुझसे जुड़ा हर मुद्दा कल तक मेरा था ,

आज मेरे अपनों के चेहरे भी सारे तेरे हैं ।

 

दाग़ दामन के परवाह यहाँ कौन करे ,

दग़ाबाज़ी शहर ए आदम की जब रग रग में ठहरी सी मिले ।

 

मुर्दों को साझेदारी नहीं मिलती ,

लोग ज़िंदा लोगों से मुँह फेर लेते हैं ।

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सारा दिन सूरज की चाहत से आँच मिलती रही ,

फिर क्यों हर फूल बिखर जाता है शाम की ठण्ड के बाद ।

pix taken by google