अरमान बुझ गए जिस्म बेज़ार पड़ा है funny poetry,
अरमान बुझ गए जिस्म बेज़ार पड़ा है ,
मुर्दों का क्यों मैय्यत में सिंगार किया है ।
रगों के गर बहते लहू में नमक बनाये रखता ,
गोया रूबरू ए अक्स के अपने न कभी आँख झुकाये रखता ।
माना की सियासत की रगों में खून नहीं पानी है ,
नमक खाना किसी की किसी की चाकरी बजा आना भी नमक हरामी है ।
real ghost story in hindi language
बेख़ुदी में लरज़ जाते हैं आबिद ,
जाम अश्क़ों के छलक जाते हैं वाज़िब ।
रात की सरगोशियों में तल्खियों की बात चलती है ,
बेख़ुदी के दौर में हाल ए दिल सुनना ज़ाया है ।
यही तो विडंबना है झूठ लब पर आते नहीं ,
सच बोलता हूँ तो अपने रूठ जाते हैं ।
जिस्म मरता है रूहें आबाद रहती हैं ,
बस यूँही कारोबार ए उल्फ़त के अफ़साने जहां भर में सुर्खरू हैं सारे ।
खाता है किसी के घर का किसी और के दर पर दुम हिलाता है ,
ये गिरगिट से रूप रंग में ऐ दोस्त हर रोज़ कहाँ जाता है ।
किसको अजीज़ समझूँ किसको बेवफ़ा का नाम दूँ ,
बस तेरी वफ़ा के सदके में तेरी नज़रें उतार दूँ ।
पाक पोथियों के आगे उनके ज्ञान हो गए ,
ईमान बेंच के जो महान हो गए ।
ज़ौक़ ए आतिश समझो या जूनून ए जिगर का ख़लूस ,
जहां से गुज़रे सरारे जहान जलाते गुज़रे ।
जज़्बा ऐ दिल वही रास्ता इख़्तियार किया ,
समंदर की लहरों ने पत्थरों को तोड़कर जैसे साहिलों को पार किया ।
समंदर में फंसी किश्तियों को साहिलों की तलाश रहती है ,
दिल के जज़बातों को दीदार ए यार की आस रहती है ।
कहते हैं की शायरी का कोई मतलब नहीं होता ,
ये बस जज़बा ए दिल को आग में बहा लाती है ।
पत्थरों को चीर कर दरियाओं में मिल जाता है ,
बहते पानी का वेग कभी पत्थर भी रोक पाता है ।
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