इश्क़ में जले मुर्दे भी ख़ाक होते हैं one line thoughts on life in hindi,
इश्क़ में जले मुर्दे भी ख़ाक होते हैं ,
कौन कहता है राख को उठा के बहाया नहीं जाता ।
बहता हुआ दरिया क्या पाक़ करेगा दामन,
जिसके साहिल ने ख़ुद न जाने कितने अश्क़ों को डुबोया है ।
ज़माने की भीड़ में ता उम्र खिलौना बना फिरता रहा दिल ,
जिसने भी खेला दिल को खिलौना समझकर तोड़ दिया ।
नाम मिला मोहब्बत में जब बदनाम हुआ इश्क़ ,
जीते जी बस मेहबूब की गलियों का ख़ाकसार रहा है ।
ग़म ए तन्हाई के आँसू हैं मुस्कराहट न समझ ,
दिल की आग होठों पर आई तो इश्क़ की दुनिया तबाह कर देगी ।
किस बात की खुशनशीबी किस बात का है ग़म ,
जब तू ही न हुआ मेरा तो क्या ख़ुदा में ढूढता सनम ।
तलब ये की तेरे बाद कोई सै ही न हो ,
हशरत ये की शब् ए ज़िन्दगी की बस सेहर तुम हो ।
बहते हुए दरिया की मौजों पर न जा ग़ालिब ,
हमने समंदर को साहिल पर तड़पते हुए देखा है ।
बड़ी सिद्दत है तेरी मोहब्बत में ,
आ देख मेरे चेहरे को , आइना कभी झूठ नहीं बोलता ।
करके इश्क़ सुनहरे बाल हुए जवानी में ,
दिल से आशिक़ों का कोई ख़ास ए ज़माना न रहा ।
ज़माने बीत गए मियाँ अब पुराने हो जाओ ,
रंग रोगन न करो दाढ़ी में , देख हसीनो को न गाल चमकाओ ,
की परखच्चे उड़े हज़ार मुई जवानी के ।
हर एक मोहब्बत का अपना फशाना निकला,
इश्क़ ए खाकसारी का हर दौर ए ज़माना निकला ।
राग रंग बहुत हैं अंतरंग नहीं है ,
स्वांग बहुत हैं , मगर कोई संग नहीं है ।
अभी साज़ साथ साथ बजते हैं ,
दिल की आवाज़ का जज़्बों में कोई राज़ नहीं है ।
सितार बन तानपुरे सा बजता है दिल ,
देख तेरी अटखेलियाँ न जाने कौन से सुर ताल में सजता है दिल ।
pix taken by google ,