ख़ुश्क लबों की गुज़ारिश दुआ बनके मोहब्बत बरसे शहर भर में good morning shayari,
ख़ुश्क लबों की गुज़ारिश दुआ बनके मोहब्बत बरसे शहर भर में ,
गुंचा गुंचा गुलों के रंग ओ बू से खिल जाएँ ।
मैं जब भी होता हूँ उदास ग़म ए फ़ुर्क़त में ,
हर ओर दुआ बनके मिलती है मोहब्बत तेरी ।
ज़िन्दगी होती ग़र क़ामिल उनकी दुआओं के दम से ,
वो कब के जा दूर बैठे हैं हमसे किनारा करके ।
जब आदमी को आदमी से वेहसत होती है ,
ज़मीनें बंज़र हर मंज़र बियाबाँ होता है ।
जीने की जद्दोज़हद ख़त्म होती नहीं ,
यहाँ आदमी, आदमी के लहू का इस क़दर से प्यासा है ।
दुआ बनके धड़कती है मेरे सीने में ,
जुदा होकर भी मेरी साँसों का तेरी साँसों से ताना- बाना ख़त्म नहीं होता ।
हर एक दुआ के बाद लब पर तेरा ही नाम आया ,
ज़िन्दगी के सफ़र में जब भी कभी तन्हा उदास सा पाया ।
दुआओं के दम पर शहर भर में क़त्ल ए आम होते हैं ,
आज कल क़ातिल हुश्न के पिटारे क़त्ल का सामान साथ लेकर के चलते हैं ।
हमसे ज़्यादा दुआओं की ज़रूरतें उनको हैं ,
जो सरे बाजार रूबरू ए ज़माल ए यार के गुज़रे ।
ज़िन्दगी किसी की दुआओं का असर होगी वरना,
हम तो सहराओं से भी क़फ़न ओढ़ कर गुज़रे ।
हमें मोहब्बत की तलब थी गोया,
लोग रिश्तों पर रिश्ते लेकर के मिलते रहे ।
लब पर दुआ आँखों में शिकायत रखती है ,
ये आतिश ए मोहब्बत है शर्द में भी ग़ज़ब की तिश्नगी रखती है ।
दुआ कर मैं राख हो जाऊं ,
मेरे ख़ाक ए बदन की मिटटी भी तेरे काम आ जाये ।
रब् की दुआ में हाँथ उठता है ,
दिल की हर सदा में तेरी ख़ैरियत की बात होती है ।
ये उसकी दुआओं का असर है शायद ,
उसके हिस्से में चाँद तारे मेरे हिस्से में बस खIली रात आई ।
कुछ ख़ास मौकों की तलाश रहती है ,
ख़ाली लबों को बस जाम की प्यास रहती है ।
गुलामों की फौजें देखी हैं आंगे बहुत मीनारों के ,
कोई दिल से दुआ दे ऐसी जो सीधी दिल तक पहुँच जाए ।
ख़ुद की उम्र का कुछ तो ख़्याल करो चच्चा ,
एक पाँव क़ब्र में रख कर किस किस की ज़िन्दगी कबाड़ करोगे ।
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