ख़्वातीनो हज़रात की गुज़ारिश पर quotes life hindi ,
ख़्वातीनो हज़रात की गुज़ारिश पर ,
लहरें समंदर की खुद ही चली आती हैं हाल ए दिल की नुमाईश पर ।
नरम ज़ुल्फ़ों के बादल क्या कम थे दिलों की तिश्नगी के लिए ,
जो जमाल ए यार ने बिजलियाँ गिरा दीं आशिक़ों की ज़िन्दगी के लिए ।
नरम जुल्फों से बचके आना हुनरबाज़ी है ,
सनम खानों में जाने कितने बेरोज़गार डले हैं ।
कितने लटके कितने फंदे झूल गए ,
जो बच गए क़ाफ़िर निगाहों से अपने घर बार तक का पता भूल गए ।
समंदर को साहिलों की दरकार कहाँ ,
हर क़तरे की ठोकर पर एक साहिल उतार देता है ।
पड़ोसियों के घर में आजकल हमारे लिए क़फ़न मिल रहे हैं ,
चलो अच्छा है दुश्मनो के दिल में भी हमारे लिए राज़ ए गुल खिल रहे हैं ।
नरम जुल्फों से बचके आना हुनरबाज़ी है ,
सनम खानों में जाने कितने बेरोज़गार डले हैं ।
जाने कितने फ़नकार आये आकर के चले भी गए ,
रेश्मी ज़ुल्फ़ों में कब तलक़ शबनमी बूँदों का कारोबार टिका करता है ।
जला कर रखा था शहर भर का दिल ,
रेशमी ज़ुल्फ़ों ने अब किसका आशियाना सजा के रखा है ।
ज़मीन पर बिखरे पड़े हैं कितने शबनमी मोती ,
रेश्मी ज़ुल्फ़ों ने और कितने शब् ए आफताब छुपा के रखे हैं ।
इश्क़ ए इबादतों में लगे होते तो जन्नत नसीब होती ,
दीन ओ मज़हब नसीब होता न ख़ाक ए कब्रेँ नसीब होती ।
न द्वन्द हुआ न मल्ल हुआ ,
सत्ता और विपक्ष में मोहब्बतें पनपी लोगों में नफरतों का कारोबार हुआ ।
सागर है मेरा दिल इश्क़ तेरा आग का दरिया ,
तुझको खुद में ऐसा डुबा दूँ तुझको तेरा वजूद न मिले ।
तह ए दिल को सागर सा गहरा करके ,
इश्क़ में लहरों सा मिजाज़ ए फानी का कारोबार हुआ करता है ।
अपना तो यही फलसफा है,
ज़िन्दगी मयकदा है ।
मैं बिखरा तो मुझमे सिमट जाऊँगा ,
तू जो बिखरा तो दूसरा साहिल कहाँ से पायेगा ।
है मसला पेचीदा तो पेचीदा ही सही ,
साहिल को तू रख पत्थरों को मेरी नज़र कर दे ।
कुछ हम कहें कुछ तुम सुनो ,
कुछ गुस्ताख़ निगाहें भी करम फरमाएँ ।
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