गुलों के दम पर सजते हैं सेहरा ओ जनाज़े ग़ालिब love quotes hindi ,
गुलों के दम पर सजते हैं सेहरा ओ जनाज़े ग़ालिब ,
गुलों के रंग ओ बू का साद ओ ग़म से वास्ता नहीं होता ।
हर एक मौके में पहुंच जाता है ,
गुल साद ओ ग़म दीन ओ मज़हब में फ़र्क़ किये बग़ैर ।
गुलों के हिस्से में सोज़ ओ ग़म लाख सही ,
गुल ए गुलनार के हिस्से में बस बहार ही हो ।
दिल की धड़कन को हलके में मत ले ग़ुल,
किसी की याद में हिचकी हलक पर जान की बन आती है ।
गुलों के अश्क़ों को भी महकना था ,
फ़िज़ा में बाग़ ए बहार हो या हिज़्र ए बयार सही ।
बूँद बूँद टपका जो अर्क़ बन कर के ,
वो राज़ ए ग़ुल की खुशबू है जिसका कोई वजूद नहीं ।
अंजुमन में भँवरे और तितलियों से कह दो ,
गुलपोश दिलों पर भी सल्तनतें भी गुलों की होगी ।
इश्क़ की तलब तिश्नगी उम्र भर की लगने लगी ,
ज़िन्दगी फितूर थी अब तलक़ जूनून लगने लगी ।
ज़माने वाले आये हैं कब जो जनाज़े में साथ आएँगे,
मैय्यत दफ़ना के मिटटी में उलटे पैर लौट जायेंगे ।
हृदय में आग का लावा,
बदन में ज़ुल्मों को सह कर भी धरा खामोश रहती है ।
आये हो तो सलीके से रहना ,
अंजुमन की ज़मीनो में दबे राज़ ए ग़ुल और भी हैं ।
क्यों हर पल मुस्टण्डई की हद पार करते हो ,
आशिक़ों की मैय्यत में बैठ कर अपनी गर्ल फ्रेंडों से बात करते हो ।
सुना के बैठा हूँ हाल ए दिल को जुस्तजू अपनी ,
दिल ए नाचीज़ ख़्वामख़्वाह बेसब्रा हुआ आ जाता है ।
हवा किस रुख़ में पलटेगी न अंदेशा हुआ ,
किताबी बर्क़ और पन्ने पलटते ता उम्र गुज़रती गयी ।
दीदार ए यार की ख़ातिर सुबह से शाम होती है ,
अब उनके तसव्वुर में ग़ालिब की उम्र ए तमाम होती है ।
फ़लक़ की चका चौंध रंग ओ बू की वसीयत ,
बाद ए जश्न जमीदोह है गुलों की किस्मत ।
ये ज़माने वाले हैं गुज़रे वक़्त पर नज़र डालेंगे ,
ज़्यादा तेज़ से गमके तो अर्क़ निकाल कर कंपोज्ड बन डालेंगे ।
न देख मेरे दिल की गरूरियत को मेरी जान ,
तेरे इश्क़ में ही मेरा दिल गुस्ताख़ हुआ है ।
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