ज़मीन ए ज़र्द थीं खूँ से लथपथ valentine day quotes,
ज़मीन ए ज़र्द थीं खूँ से लथपथ ,
जबीन ए ख़ाक थे अपने मैं खुद की मौत से डर कर नींद भर सोया नहीं ।
दर्द तेरे छालों के भी कम न थे ,
ज़ख्म जब खुद की रूह ने खाया तो तेरा ख़्याल आया ।
वादा करके मुकर जाना तो साहेब की अदा है ,
फिर भी कर रहे हैं ऐतबार दिल ओ जान से क्यों की हम उनपर फ़िदा हैं ।
मर गए इश्क़ ए तोहमत में उफ़ आह करने वाले ,
बड़े बड़े तक़दीर वालों की किस्मत में हम जैसे पहलवान निकलते हैं ।
थोड़ी सी गैरत जो बची हो इंसानियत के वास्ते ,
तो रोक क़त्ल ए आम आदम का आदम के नाम पे ।
आप हमको हमारी निगाहों में ढूढते क्यों हैं ,
जब हमारा खुद में कोई रता पता ही नहीं ।
यूँ ना हमारी नज़रों में झाँक तांक करो ,
गोया जो निकल पड़ी ग़ज़ल शब् ए बज़्म में हर नज़्म बदनाम हो जाएगी ।
यूँ तो हर माहौल के सुख़नवर बहुत अच्छे होंगे ,
मगर मेरी ख़ुशी और गम के लिए तंज़ भी बहुत कम होंगे ।
ये लब सूखे नहीं प्यास इनमे बाकी है ,
सर्द हवाओं तेज़ चलो थोड़ा और शबनम चश्म ए हरम में भर लूँ ।
मत पूछ मेरा हाल तेरे जैसा है ,
क्या तेरा भी हाल एक सवाल जैसा है ।
दिल के छाले हैं सरगोशियों से फूट पड़ते हैं ,
मोहब्बत भरी रातों में इन्हें ख़ामोशी से दबाया न करो ।
ऐसा भी क्या अज़ाब ऐसी भी क्या रंजिश ,
करीना ए दामन थे गुलपोश से बच्चे ।
लम्स बनके धड़कता है फिर भी सीने में ,
गोया वो आज अपना होता दो बात कहकर उसको चैन से जी लेते ।
फुर्सत मिले ज़माने की मौजों से फुरक़त करके ,
सोच लेना गम ए क़ुरबत में कोई अपना भी रहा होगा ।
pix taken by google
[…] https://www.pushpendradwivedi.com/%e0%a5%9b%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%8f-%e0%a5%9b%e0%a4%b0%e… […]