तंज़ लगती थी गम ए ज़िन्दगी सारी good night sms,
तंज़ लगती थी गम ए ज़िन्दगी सारी ,
गोया मौत ने ज़िन्दगी के ज़ख्मों को भी भरा नहीं ।
ज़िन्दगी आसान होती तो लोग मौत से बेवफाई कर लिए होते ,
नाम रखते मेहबूब ए मोहब्बत फिर ज़िन्दगी से सगाई कर लिए होते ।
साँसों के कुछ लम्स दिल में धड़कते हैं ,
बेज़ान है क़ाफ़िर नज़र में आहों से फिर भी मरा नहीं ।
ज़िन्दगी और मौत की कहाँ बनी है ,
एक बेवफा है तो दूजी सौत सी खड़ी है ।
कभी ज़िन्दगी कभी मौत के गम में मरने के बाद ,
कारोबार ए ज़िन्दगी में जश्न भी होता है रोज़ मरने के बाद ।
सब रिश्ते नाते जीने तक , मिटटी का कोई मोल नहीं ,
मरना तो यहां आसान है जीना ही कोई खेल नहीं ।
नियत तिथि की मधुर बेला में जब मौत ब्याहने आएगी ,
सब ठाठ धरा रह जायेगा जब जीवन ज्योति बुझ जाएगी ।
कितने अरसे निकल गए तेरे मेरे दरमियान ,
थे जो वो लफ्ज़ वो ज़ाम वो सिलवटें वो शाम ए कहकशां थे जो ।
कुछ तो है जो तेरे मेरे दरमियान कसकता है ,
गोया यूँ ही नहीं सरे बज़्म नज़्म छिड़ती होगी ।
इश्क़ ए मदहोशी में न उठाओ जाम लफ्ज़ बहक जायेगे ,
लड़खड़ाते लब कोई नज़्म उठा न पाएंगे ।
one line thoughts on life in hindi,
कौन जलाता है कौन बुझाता है चराग़ ,
मैं और तुम जलाने बुझाने को तक़दीर कहें या कहें ज़िन्दगी का मज़ाक ।
इतने जोश ए जूनून से मोहब्बत करने बस मैं तुम निकले ,
या सब निकले हैं घरौदों से मंज़िल ए मुक़म्मल करने ।
यूँ भी नहीं की तेरी याद आती नहीं ,
बस फलक पर तेरे अक़्स हम बनाते नहीं ।
सेज़ पर चाँद तारों की झिलमिल ,
फलक पर दिन के उजालों को सिमट जाने दो ।
फलक पर नज़रें जमाये रखना ,
दिलजले का दिल जला है रोशनी भी हो जाएगी ।
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