तर्जुमान ही रहा ता उम्र इश्क़ का 2line attitude shayri,

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तर्जुमान ही रहा ता उम्र इश्क़ का 2line attitude shayri,
तर्जुमान ही रहा ता उम्र इश्क़ का 2line attitude shayri,

तर्जुमान ही रहा ता उम्र इश्क़ का 2line attitude shayri,

तर्जुमान ही रहा ता उम्र इश्क़ का ,

विसाल ए यार हुयी न शब् ए माहताब क़ाफ़िला ए मोहब्बत ही गुज़रा ।

 

मुलाक़ात का तक़ल्लुफ़ न हुआ दोनों तरफ़ से ,

तेरी यादों से भी दामन छूटा आहिस्ता आहिस्ता ।

 

धूल भर दो मेरी आँखों में ,

ग़र मेरा ख्वाब में भी तुम्हे देखना गवारा न हो ।

 

तीर तरकश से निकले है क़यामत तो होगी ही ,

जो अपने हैं खुद ही बच लें खून ए जिगर का प्यासा अपना पराया भी सोचता है कभी ।

 

इक आह का फुवां उठता है इस ज़मीन से उस फलक तक ,

चाँद भी धुआँ धुआँ दिखता है रात से सेहर तक ।

alfaaz shayari 

बेमौत मरे मुफ्लिशी में ग़ालिब अब कब्र में कौन मिलेंगे ,

शेर ओ शायरी कहने सुनने वाले इस जहां में क्या दोजख में कहाँ मिलेंगे ।

 

ज़िन्दगी ख़त्म हुयी नए ख़्यालात इज़ाद करते करते ,

गोया अब उम्र ए दराज़ में बुज़ुर्गियत ए ख़्वाब से निज़ात पाऊँ तो पाऊँ कैसे ।

 

फलाने से मिले कल की बात हो जैसे ,

ढेकाने से मिले वो भी ठिकाने बदल बदल के ।

 

हम इश्क़ में फ्रीलांयन्सर व्यापार करेंगे ,

जब मूड किया प्यार करेंगे जब न किया ब्रेक अप ए यार रखेंगे ।

 

दुआएँ भी बद्दुआ होने लगी ,

अब तो क़ब्र तक खुद की लाश भी ढोनी पड़ेगी शायद ।

 

इल्लियाँ तितलियाँ बन आसमान में उड़ चलीं ,

ये इश्क़ का हुनर है या पैगाम ए मोहब्बत का असर है यारों ।

 

कुछ ख़्वाब अधूरा लगता है जो दिल में रह रह कर के चुभता है ,

दो नैनो से जो नीर बहे कब रोके से भी रुकता है ।

 

मेरे सारे सवाल दिन के ,

उसके सारे जवाब रातों के ।

 

ख़्वाब कातते रात नहीं कटती,

एक खाली लिहाफ़ भी ठिठुरता है सर्द रातों में ।

 dosti shayari

बुरा वक़्त आने दो अभी अपनों ने छोड़ा है ,

कल सपने भी तुमको छोड़ जायेंगे ।

pix taken by google