तर्क़ ओ ताल्लुक़ न गुफ़्तगू ए ग़ज़ल है उनसे ,one line thoughts on life in hindi,

0
1998
तर्क़ ओ ताल्लुक़ न गुफ़्तगू ए ग़ज़ल है उनसे ,one line thoughts on life in hindi,
तर्क़ ओ ताल्लुक़ न गुफ़्तगू ए ग़ज़ल है उनसे ,one line thoughts on life in hindi,

तर्क़ ओ ताल्लुक़ न गुफ़्तगू ए ग़ज़ल है उनसे ,one line thoughts on life in hindi,

तर्क़ ओ ताल्लुक़ न गुफ़्तगू ए ग़ज़ल है उनसे ,

गोया एक अदना सी नज़र साज़ ए दिल के तार छेड़ जाती है ।

 

वो कहते हैं दिलों में है दो चार क़तरों की प्यास ,

हम शराब ए अंजुमन सजा कर लाये हैं मैकशी के लिए ।

 

जज़्बा ए जुनून हो तो जहान साफ़ होगा ,

दिल ओ दिमाग का मलबा तो महज़ वहम है प्यारे ।

 

उरूज़ पर हैं ख्वाहिशें आजकल ,

बुलंदियों पर ले जाएँ या दिल ए नादान को गर्त ए ख़ाक तस्कीन करें ।

sad shayari

इश्क़ की नैमतें कब बुलंदियों की मोहताज़ होती हैं ,

ये वो नायाब दौलतें हैं जो खुशनसीबों के पास हुआ करती हैं ।

 

तेरे इश्क़ का गोरख धंधा नोटबंदी सा निकला ,

न सूद न दयान ताउम्र साँसों की किश्तें अदा अदा किये हम ।

 

लुत्फ़ आता था उनकी बातों में ,

फिर नज़रों नज़रों में दिल ए नादान क़त्ल ए आम हुआ ।

 

मोहब्बत का इतना ख़ामियाज़ा भरा ,

फिर किस की अदावतों में सर कटा कर ही आते ।

 

दिलों में लबरेज़ हों मोहब्बतें तो ग़ज़ल होती है ,

ये गुफ्तगू ए मौसिकी खुशनसीबों को फज़ल होती है ।

 

न कोर्ट न कचहरी न दरोगा न कोतवाल ,

चोर के घर डकैत के जैसा है ये गुफ़्तगू ए इश्क़ बहरहाल ।

 

तेरे दाग़ ए दामन पर मैं ग़ज़ल लिखता ,

शहर ए नामचीनों के बीच तू खुद है बदनाम बड़ा मैं क्या लिखता ।

 

रूबरू होते हैं तो बेरुख़ी से मुकर जाते हैं ,

गोया आजकल न जाने किस जुस्तजू ए विशाल ए यार में ग़ुम रहते हैं ।

 

साँसों का हौंसला बुलंदी छूने लगा ,

सुर्खरू है ख़बर ज़िन्दगी की सेहर होने को है ।

 

आतिश ए आशनाई है जो पतंगों को चरागों तक खींच लाती है ,

वरना ख़ुद का वजूद मिटाकर रोशनी का तलबगार होता है कौन ।

 

one line thoughts on life in hindi,

 

कारोबार ए उल्फ़त में खोये हैं इस कदर ,

न होश ओ हवास ख़ुद का ज़माने की है ख़बर ।

pix taken by google