तल्ख़ लहज़े से नश्तर चुभोता दिल में कोई बात नहीं funny shayari,
तल्ख़ लहज़े से नश्तर चुभोता दिल में कोई बात नहीं ,
वादे वफ़ा में तो इश्क़ का भरम बनाये रखता ।
ये जो कू ब कू दिलों के टुकड़े बिख़रे पड़े हैं सारे ,
कुछ नहीं बस इश्क़ के कारनामे हैं प्यारे ।
सर्द मौसम है लबों की ख़ुश्की सुबह का मजाज़ ऐसा है ,
रात साद ए दिल की कहकशां में गुज़री हो जैसे ।
धुएँ धक्कड़ की शौक़ीन सी ज़िन्दगी ,
बिन जले शाम से ख़ाक हो रही हो जैसे ।
गुलों को जुस्तजू थी खिलेंगे बाद ए नौबहार में ,
गोया इल्म न था कुचले पड़े मिलेंगे दिल कू ब कू मीना बाजार में ।
ज़माने को जलाने का जिगर रखते हैं ,
गोया हम जेबों में आतिश ए औज़ार लिए फिरते हैं ।
क्या बस सर्दियों में दर्द होता है ,
इश्क़ में टूटी हड्डियों का मर्ज़ लाइलाज होता है ।
न दवा न दुआ काम आएगी ,
ये इश्क़ की बिमारी है दीदार ए यार के बाद ही दूर जाएगी ।
पण्डित के छिछोरे छोरे ने कमाल कर दओ ,
एक उर्दू ज़बान अपनी थी वो भी अपने नाम कर गओ ।
सैकड़ों अरमान जो शान ए आसमान हुआ करते थे ,
बिखरे पड़े हैं ज़मीन पर कू ब कू हाल ए दिल का भी पता नहीं चलता ।
क्या मिला तोड़ के दिल तुझको ऐ ज़ालिम ,
तू भी तो किसी के इश्क़ का सौदाई बना फिरता है ।
नज़रें जब नज़रों से चार हो जाती हैं ,
रात भर दिल बेक़रार होता है आँखों में फिर नींद कहाँ आती है ।
एक तो उम्र ए दराज़ दूजा शायरी कमज़ोर जा रही थी प्यारे ,
देखा जमाल ए यार तो रगों में रफ़्तार आ गयी ।
इश्क़ में दिल टूटने का दस्तूर है ,
कोई ज़ल्दी ही लौट आता है तो कोई दूर तलक निकल जाता है प्यारे ।
और कितना तबाह करेगी मेरी मय मुझको ,
बिन पिए भी तो दिल जला जला सा है ।
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