तिज़ारत ए मोहब्बत में दिलों के नशेमन बिकते रहे dosti shayari,

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तिज़ारत ए मोहब्बत में दिलों के नशेमन बिकते रहे dosti shayari,
तिज़ारत ए मोहब्बत में दिलों के नशेमन बिकते रहे dosti shayari,

तिज़ारत ए मोहब्बत में दिलों के नशेमन बिकते रहे dosti shayari,

तिज़ारत ए मोहब्बत में दिलों के नशेमन बिकते रहे ,

बाँस गोला बल्लियों से मकान बनते रहे ।

 

क्या नशेमन अपना जैसे चूती छप्पर ,

तेज़ बारिश थी कच्ची मिटटी का गिलावा तक बह गया ।

 

रात को और आगे बढ़ाने की सिफारिश ,

चाँद चंद लम्हों में आँखों से फिसल भी गया ।

 

अश्क़ बहते नहीं गम जिगर में थम सा गया ,

सुर्ख आँखों को काली काली रातों ने घेरा है ।

 

बेख़ौफ़ उठाती है कदम महफ़िल में,

की जैसे बिना उनके शाम ए बज़्म की तबाही की उन्हें कोई परवाह ही न हो ।

 

ज़ख्म दिखते तो कुछ पता चलता फ़राज़ ,

मुँहज़बानी में भी कभी हाल ए दिल बयान होते हैं ।

 

ज़मीन पर पाँव न रख दें ज़मीन मैली है ,

गोया हम पलकों के दरीचे बिछाये बैठे हैं ।

 

लरज़ते कदमो से ज़ोर लगता नहीं है प्यारे ,

बेचारे गरीब का जनाज़ा है कदम बढ़ाते चलो ।

 

जो सदायें कभी रूहों को सुकून देती थी ,

अब वो बनके तीर ए नस्तर सीधा जिगर में चुभती हैं ।

hindi shayari 

कितना जला था रात मैं तन्हा,

कितनी जली होगी तमाम रात मेरे बिन

 

नज़रों की ज़हमत तो देखो फ़राज़ ,

ऊँघती पलकों पर न जाने कितने ख्वाब सजाये बैठी है ।

 

नज़र में टिकते नहीं वो बहार ए जुम्बिश ,

रफ़्ता रफ़्ता जो कभी सीने में उतर आये थे ।

 

इत्र फुलेल के साथ दो चार नज़्म हल्के फुल्के ,

गम ए मुफ़लिश ही सही आशिक़ का जनाज़ा है शानदार लगना चाहिए

 

हर रोज़ कितने लिबास बदलोगे फ़राज़ ,

जब शहर ए यार से गुजरोगे किसी शामियाने में बारिश तो कहीं धूप खिली होगी ।

 

वो बादलों के रुख पर मिजाज़ बदलता है फ़राज़ ,

कल शहर भर में बारिश संग धूप खिली होगी ।

 

सेज़ पर मौत दुल्हन बनी पड़ी होगी ,

वक़्त के साथ रफ़्ता रफ़्ता संवर रहा हूँ मैं ।

sad shayari 

रफ़्ता रफ़्ता गर गुज़र गया लम्हा ,

रफ़्ता रफ़्ता तेरी यादें भी गुज़र जाएगी ।

pix taken by google