दिल ए फ़ानी की हिमाक़तें तो देखो मोहसिन funny political shayari ,
दिल ए फ़ानी की हिमाक़तें तो देखो मोहसिन ,
लाख बर्बादियों के बाद भी इश्क़ किये जाता है ।
ज़ाहिलों से न मोहब्बतों का ऐतबार करो ,
इनकी अदावतों का भी इंसानियत से एहतेराम करो ।
ये ज़ख्म हैं मोहब्बत के इंसानियत से सम्हाले रखो ,
तन्हाइयों में नासूर सही ग़म ए उल्फत से राहत देगे ।
ये जो जनाज़े में भीड़ उमड़ी है मोहसिन ,
हद से ज़्यादा लेनदार देनदार ही होंगे ।
ये जो आले में सजा रखी हैं तस्वीरें यार की ,
गोया सजावटी हैं कोई इश्क़ ए तलबग़ार तो नहीं ।
चित्रपट की बदलती तस्वीरों पर मत जाना ,
ये बड़ी ख़ामोशी से दिल फ़रेब करती हैं ।
तुझसे मुलाक़ातें बड़ी महँगी पड़ती हैं दिल पर ,
सोचता हूँ तेरी तस्वीरों से बस आँखें चार करूँ ।
सब पर खुलती नहीं ये तस्वीर ए फ़ानी फ़ितरतों वाली ,
जिसे रखती हैं दिल में बस उसी पर वार करती हैं ।
सोचता हूँ तुझे एक ताज़ा तरीन नज़्म पेश करूँ ,
तू भी तेरी तस्वीर सी मुस्कुराये कभी तो ऐ मेरी जान ए ग़ज़ल तुझको मैं जान अपनी पेश करूँ ।
तुम्हारी मोहब्बतें भी हैं अदावतें जैसी ,
खुल के मिलती नहीं पीठ पीछे सादाकशी से वार करती हैं ।
हर सूरत ए तस्वीर की सराफ़तें फ़ानी हैं ,
कुछ की सीरतें फ़ानी हैं कुछ के नैन ओ नक़्श फ़ानी हैं ।
वाक़या ए ख़ास या सूरतें अजीज़ होती हैं ,
यूँ ही नहीं तस्वीर दिल नशीन होती हैं ।
यूँ ही अदालतों में सत्य की देवी अंधी नहीं होती ,
सज़ा के बाद भी मुज़रिम जमानतों में उम्रें काट लेते हैं ।
चेहरे बदल जाते हैं तस्वीरें बदल जाती हैं ,
वकील ए सफाई से तहरीरें बदल जाती हैं ।
कितना चला केस तेरा साल आगे निकल गया ,
बच गया मुवक्किल पैरवी करने वाला मर गया I
तेरी तस्वीर से बातें होती हैं ,
जब भी होता हूँ तन्हा ख़ुद से मुलाक़ातें हर रोज़ होती हैं ।
pix taken by google