दुनियाँ जली तो जली सारा जहान जलना था urdu quotes in hindi,
दुनियाँ जली तो जली सारा जहान जलना था , दबी चिंगारी क्या ख़ाक धुंआ देगी।
फ़लक तक शोला तो ज़रा उठना था , सरारे हम भी लिए फिरते हैं दिल में तेरी नज़रों से कोई आफताब तो ज़रा दिखना था।।
झुकी झुकी सी निगाहों में जो तूफ़ान मचा रखा है , हर एक मंज़र बियबान क्या कोहराम मचा रखा है।
गुमनाम फरिश्ते अपनी हस्तियों को मुतासिर , चाँद तारे तेरे दामन में अब क्या ख्वाहिश ए आफताब सज़ा रखा है।।
आँख पुरनम बात शबनम इस शब् की सहर क्या कहिये , उनके गेसू से उलझ जाए ग़ज़ल क्या कहिये।
जुबां खामोश न लब पर कोई शिकवा , मसला सरगोशियों से सुलझ जाए फिर क्या कहिये।।
उड़ती उड़ती ख़बर है सब्ज़ बाग़ उड़ा ले गया कोई , फ़सल ए गुल भी मायूस है ये कैसे मेहरबान हुआ कोई।
न शाख पर पत्ते न फूलों में रंगत है , अब ख़ूबरू ए मंज़र मयस्सर है बियाबान में कोई।।
उलटते पलटते ज़िन्दगी के तमाम सफ़हे ख़त्म हुए , जाने किस हासिये मुक़ाम पर आ गई ज़िन्दगी।
बर्क़ ए कारीगरी से पता भी न चला , ज़िल्द कुछ और थी जाने किस हकीकत ए दौर से गुज़री है किताब ए ज़िन्दगी।।
उफ़ ये लरज़ते लफ्ज़ लबों की शीलन , शुष्क मौसम में गज़ब की बारिश है।
बेलग़ाम धड़कने साँसों की रवानी , जज़्बा ए ख्यालात न बहक जाए कम्बख्त मौसम की गुज़ारिश है।।
उन्स किस सिम्त में जा बैठा है वो बताएँगे कैसे , जिनके कूचे से दिल ए नादान गुज़र गया सज़दा किये बगैर।
बस कम्बख्त मौत ही आती नहीं मरीज़ ए इश्क़ को , सारे मसला चले आते हैं तौबा किये बगैर ।।
उफ़ ये नज़र की जुम्बिश मसला तमाम होता गया , लब खुले भी नहीं धड़कनो से काम होता गया।
हाल ए मुफ्लिश की बात पूंछो , क़ातिल खुद क़तील होता गया।।
न मंज़िल का पता न रास्ते की खबर , राह ए उल्फत में गुज़रे हैं गुमनाम से नामचीन कई।
ये आग का दरिया भी है मौत का जलजला भी है , ताउम्र भटके हैं बीच मझधार में सफ़ीने कई।।
उलझ गयी है रात ऐसी ज़ुल्फ़ों में , चाँद खोया है जैसे स्याह बदली में।
बात दिल की न लब पे आ जाये , शमा बुझे बगैर न शब् की सेहर हो जाए।।
हम ही कहें यूँ ही रात गुज़र जाएगी , तुम ही थामो नज़रों की जुगलबंदी कोई ग़ज़ल सवर जाएगी।
सिम्त में लिपटी हुयी है ख़ामोशी , सरगोशियों से तिलिस्म रात का तोड़ जाएगी।।
Attitude Urdu Shayari in Hindi,
उन शोख निगाहों के ख्वाब शबनमी , ख़िलाफ़ होते ही लिहाफ़ भिगोता चला गया।
खार बन कर चुभते हैं उन्स आँखों में, अज़ार ए इश्क़ का ऐसा सबक सिखा गया।।
उडी उडी है चेहरे की रंगत नूर किधर जाता है , दीदा ए यार के सदके से खिज़ा ए गुल भी निखर जाता है।
हुश्न ए तौबा शबाब ए हमदम , जमाल ए शोख से मुरीद का दिल ही मचल जाता है।।
बड़ा आया शायर है बड़ी बड़ी बात करता है , फूंक मार के फ़लक के आफताब को बुझाने की बात करता है।
आँख में किर किरी पड़ गयी होगी , हवा के गुबार उठाने की बात करता है।।
मुझे मेरे होने से फर्क नहीं पड़ता , वो जो आईने हैं ख़फ़ा ख़फ़ा से हैं।
अक्स आता नहीं नज़र मुझको , किरदार जुदा जुदा से हैं।।
जहान भर की रिवायत है बदल जाने की , वक़्त मोहताज़ कहाँ है किसी दीवाने का।
जज़्बा ओ जूनून हो ज़मीन को आदम ए खुल्द करने का , तहरीरें खुद बा खुद बदल जाती है ज़माने की।।
आब ओ हवा बदल डालो , ये जहान बदल डालो।
ज़माने भर की फ़िज़ा में दम घुटता है , फ़लक के बाद का मंज़र बदल डालो।।
चुभती है रौशनी इन आँखों में, वो चिलमन बदल डालो वो मुजस्सिम बदल डालो।
लम्स होते नहीं महसूस बुतनुमा सा लगता है मेरा महबूब , देर न हो जाए कहीं क़यामत से पहले मोहब्बत का खुदा बदल डालो।।
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