दौर ए उल्फ़त का आलम अजीब होता है one line thoughts on life in hindi,

0
1266
दौर ए उल्फ़त का आलम अजीब होता है one line thoughts on life in hindi,
दौर ए उल्फ़त का आलम अजीब होता है one line thoughts on life in hindi,

दौर ए उल्फ़त का आलम अजीब होता है one line thoughts on life in hindi,

दौर ए उल्फ़त का आलम अजीब होता है ,

सर्द में जलता है और एहसास ए लम्स की गर्मियों से पिघलता है ।

 

ख्यालों के पैमाने छलक जाते हैं ,

जब भी बेमौसम सी तेरी यादें बरस जाती है।

 

हादसा टल गया होता जाम ए मैकशी के बाद ,

गोया पैमाना न बिखर जाता यार की जुस्तजू के साथ ।

 

ख़ुश हो लेता हूँ रक़ीबों का चेहरा पढ़कर ,

हो सकता है शहर की वीरानियों में कोई गुनहगार ही न हो ।

 good night sms

ज़मीन का एक ज़र्रा बचा के रखना ,

ऊंचे आसमानो में रात की बसर नहीं होती है ।

 

क्या हम ही दौर ए इश्क़ से गुज़रे थे ज़ालिम ,

हर शख्स ने शहर के जज़्बा ए नुख्ताचीनी को दिल से लगा लिया ।

 

नाहक में बदनाम है फिराक ए गुल ,

सेज़ से लेकर मैय्यत तक बस उसी का खामियाजा है ।

 

यूँ नहीं की याद अब नहीं आती , रात ख्यालों में गुज़र जाती है ,

दिन तेरे कूचे के नाम ओ निशान तलाश करता है ।

 

एक क़फ़स का साया सी है हर ज़िन्दगी ,

आ मेरे मौला मुझे आगोश में सुला ।

 

इतनी नफ़रत भी न थी की अदावतें अदा कर लेते ,

बस ख्याल ए जुस्तजू थी उनकी हम कैसे मोहब्बत कह देते ।

 

गुनाह ए इश्क़ के मुजरिम का हाल मत पूछ ,

बैठकर मैखानो में भी मेहबूब ए इबादत होती है ।

 

हाल अपना ग़ालिब से कम नहीं ,

हर सदा ए दिल में बस दुआ ए इश्क़ होती है ।

 

नज़र ए इनायत थी या था रहम ओ करम ,

हम इश्क़ के मारे थे एहसान को मोहब्बत समझ गए ।

good morning shayari

कटीली झाड़ियों के पीछे सरहदें बन गयी ,

बहके गुलों के दम पर मज़हबी टोलियां बन गयी ।

बन गए कुनबे पे कुनबे चश्म ए तर के,

फिर उन्ही अपनों के दम पर अपनों के खून की नदियाँ बन गयीं ।

है अगर हैवानियत ही सबका जूनून ,

फिर इसी तेवर में जीना हो चाहे रूबरू खुद के चेहरे से तस्वीरें जुदा ।

pix taken by google

 

Top post on IndiBlogger, the biggest community of Indian Bloggers