बड़ी बेफ़िक्री सी रहती है वो जब भी वो मेरे साथ चलती है shayari,

0
983
बड़ी बेफ़िक्री सी रहती है वो जब भी वो मेरे साथ चलती है shayari,
बड़ी बेफ़िक्री सी रहती है वो जब भी वो मेरे साथ चलती है shayari,

बड़ी बेफ़िक्री सी रहती है वो जब भी वो मेरे साथ चलती है shayari,

बड़ी बेफ़िक्री सी रहती है वो जब भी वो मेरे साथ चलती है ,

कभी सोचा नहीं वो मग़रूर सी लड़की क्यों मुझ से बात करती है ।

 

क्या कहना है क्या सुनना है ख़ामोशी में भी कोलाहल है ,

दिल में अरमानो का भूचाल लिए बेबाक समंदर ठहरा हो जैसे ।

good morning shayari

तू नहीं कोई और सही कोई और नहीं कोई और सही ,

टिकती नहीं किसी ठौर पग ,

गोया मोहब्बत में किसको अब और परवान चढ़ाया जाए ।

 

जुगनुओं की जमघट में मुझे मिलती नहीं ,

गोया आलम ये हैं की तितलियों के पर भी बेरंग करती है ख़ुशी दिल की ।

 

इश्क़ में यूँ न सरे आम क़त्ल हो आशिक़ का ,

ये पाक साफ़ घरानों के नामचीन हुश्न वाले न बदनाम हो जाएँ ।

 

यूँ ही मुस्कुराओ सनम ज़िन्दगी में बहार आ जाये ,

साँस जलजला सी चले हर पल मद्धम हो जाए ।

 

मौत हर राह पर चुम्बन लेती है ,

ज़िन्दगी के हर मोड़ पर बनी महबूबा खड़ी हो जैसे ।

 

रात टहलती है दरवाज़े पर मेरे ,

याद तेरी आँखों में बसी पलकें पर्दा करती हैं ।

 

जो भी किया क्या खूब किया खुद की तबाही की औरों को आबाद किया ,

मर गए फ़िक्र में ज़माना ए यार के ,

इस तरह हमने बस मैय्यत के लिए भीड़ का इंतज़ाम किया ।

 

झबार बनके रह गयी थी ज़िन्दगी अपनी ,

गोया जब से वो गया दिल की सूनी मीनारों में ग़मो के ताले लग गए जैसे ।

sad love poetry 

तेरे अधरों में हैं नयन मेरे ये बूँद बूँद जो बहता है ,

तेरे मन की हर कथा व्यथा उद्वेलित मेरे मन को विचलित करता है ।

 

आलम ए जश्न ए तन्हाई भी अज़ीब है ,

आस्मां पर सजी चाँद तारों की बारात ,

गोया ज़मीन के ज़र्रे ज़र्रे को ख़ाक होने की ज़िद है ।

 

संगदिल दुनिया संग मेहबूब भी संगदिल हो निकले ,

टूटा पड़ा रहा दिल काँच का टुकड़ा समझ कर अरमान ओ आरज़ू निकले ।

pix taken by google