बर्बादी का आलम ये बेसबब ही नहीं है hindi shayari,
बर्बादी का आलम ये बेसबब ही नहीं है ,
जिसे ख़ुदा समझा था मोहब्बत का वो बेवफ़ा मेहबूब ए ख़ुदा से कम भी नहीं है ।
आगाज़ ए मोहब्बत तो पुरज़ोर किया ,
अंजाम ए मोहब्बत का रंग फिर क्यों फ़ीका पड़ गया ।
ज़माने की दहलीज़ पर भटकती ,
रूह भी आख़िर चैन की नींद खुद की क़ब्र में ही पाती है ।
मीत जो थे मनमीत मेरे अब ख़्वाब मेरे बस ख़्वाब तेरे ,
जो प्रीत लिखे क्या खूब लिखे जो रीत कहे वही गीत लिखे ।
हाय उनके उफ़ ने तो जान ही निकाल दी अपनी ,
वो बार बार मुड़ के देखते रहे गोया हम दिल लिए गिरते सम्हलते रहे ।
सुकून ए रूह फ़नाह होने पर ही मिलता है ,
गोया फिर बूँद बनके तेरे गेसुओं में दिल भटकता क्यों है ।
यादों के सूखे दरख़्त से कुछ पत्ते गिरे मिले ,
सीने में दबी आग से फिर दिल के ज़ख्मों को सेंक लूँ।
बड़ी गर्माहट है तेरी यादों में ,
ख्यालों के अलाव से भी दिल जलता है ।
ठण्ड के भोर में भी प्रकृति के स्पर्श की गर्माहट महसूस होती है ,
हसीं वादियों में भी जब तेरी यादों की तलब होती है ।
बड़ा मासूम सा रिश्ता रखता है वो तन्हाई से ,
मुस्कुराता है जब चैन से सोता है वो ।
जमाल ए यार कमाल करते हो ,
करते हो प्यार ख़ुद और हमसे सवाल करते हो ।
मचती है हाय तौबा सर ए बाज़ार जब ये मतवाली आँखें करती हैं मदहोश ,
बोलती बहुत हैं ये बेज़बान बेशर्म आँखें ।
उछलती गिरती पड़ती सम्हलती ,
तब कहीं सिक्के का एक पहलू दिखाती है ज़िन्दगी ।
चंद सिक्के यादों के डाल के ,
हम सारी रात गुल्लक खनखनाते हैं ।
काश तुम होते तो न ये ग़म होते ,
न आँख नम होती न सफहों के लफ्ज़ दर लफ्ज़ पुर्नम होते ।
सहेली पर नज़र रखते हैं बात आपसे करते हैं ,
ताकि आपका भी दिल लगा रहे ऐसे जज़्बात नज़र करते हैं ।
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