बेतकल्लुफ़ सी नज़रों से मुड़ मुड़ के देखना love shayari ,

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बेतकल्लुफ़ सी नज़रों से मुड़ मुड़ के देखना love shayari ,
बेतकल्लुफ़ सी नज़रों से मुड़ मुड़ के देखना love shayari ,

बेतकल्लुफ़ सी नज़रों से मुड़ मुड़ के देखना love shayari ,

बेतकल्लुफ़ सी नज़रों से मुड़ मुड़ के देखना ,

इस साद ओ सादगी को भी ज़माना मोहब्बत न समझ ले ।

 

रखते हैं नज़र शमा ए हुश्न पर रह रह कर ,

शब् ए बज़्म क़ातिल निगाहों का कोई जवाब नहीं ।

 

दिल में एक दस्तक सी दे जाती है ,

ख़ामोश रातों की ज़बान सी होती है ।

hindi shayari 

एक मशवरा है मान भी जाओ ,

अब की नाराज़ हो तो बात भी न करना ।

 

कुछ तन्हाइयों में नींद ही नहीं आती ,

कुछ ग़म ए फ़ुर्क़त में हैं और मोहब्बतों का भी बहाना है ।

 

फ़िज़ा में रौनके बिखर रही हैं निख़र निख़र ,

तेरी ज़ुल्फ़ों की रानायियों में घुली मौसमो की अंगड़ाई है ।

 

यही अदा तो थी जो सीधा दिल पे वार करती थी ,

गोया इश्क़ के दर पर कई शहेंशाह समसीर डाल के चले गए ।

 

कितनी खामोशियों में कहता है ,

दिल हर वो लफ्ज़ सारे जो ज़बान से बोल पाता नहीं

 

सवालों के हैं गिरह कितने ,

लब खुले तो दिलों को सुकून मिले

 

रोक सकता उसे ग़र दो पल की भी खातिर ,

सब्ज़ लम्हों से गर्द जज़्बात सारे चुन लेता ।

 

तेरे शहर में पहचानता है हर शख्स मुझे ,

एक तुझसे बस मेरा ताल्लुक़ात नहीं ।

 

फलक से ज़मीन के नज़ारे हसीं दिखते होंगे ,

कभी उतर के भी दिल के रास्तों में ख़ाक ए गुबारों के फांके लगाइये ।

 

ज़ब्त रखे हैं कई राज़ मैंने भी सीने में फ़राज़ ,

लब पे आ जाये तो क़यामत की बात हो जाए ।

 

शायरों की महफ़िल में बा अदबी से बात करो ,

गुस्ताख़ नज़रों को झुकाओ खामोशियों से दिल के मामलात साफ़ करो ।

 

दिल की रगों को छेड़ दिया है तो धुनों की अंदाज़ ए अदायगी भी सुन लो ,

कुफ्र ओ कैफियत में भी गुल बिंदास खिला करते हैं ।

 

आदम हो आदम ए ज़बान समझते हो अगर ,

गोया आदमीयत से भी थोड़ा सा ही सही वास्ता तो रखते

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pix taken by google ,