बेवफ़ाई की कभी इक तरफ़ा तस्वीर नहीं होती sad shayari,
बेवफ़ाई की कभी इक तरफ़ा तस्वीर नहीं होती ,
शाम ए बज़्म में मुँह दिखाई की भी एक रश्म होनी चाहिए ।
हो अगर इश्क़ में गुंजाइस,
बाद ए ईद के भी हम दिल को दीदा ए चाँद का तलबग़ार रखेंगे ।
जिनको मिल जाते हैं मेहबूब चलते फिरते ,
चाँद तारों में फिर उनके किस्से नहीं होते ।
आज तक जितने भी ज़िक्र ए इश्क़ के सफ़हे थे सारे कोरे थे ,
हिज्र की रातों में बस चाँद तारों का अफ़शाना सच्चा निकला।
फलक पर चाँद सा ना तकता तुझको सारी रात ,
उतर जाती जो तेरे दिल में मेरे दिल की सीधी बात ।
शब् ए महताब विसाल ए यार की तारीख़ मुक़र्रर करके ,
दीदा ए यार के बाद खुद चाँद ही सरमा गया ।
चाँद तारों में जब चलती हैं हुश्न ओ इश्क़ की बातें ,
लहज़े में नज़ाक़त लफ्ज़ दर लफ्ज़ ख़ूबरू होना चाहिए ।
चाँद ने जब पूछा चाँदनी का पता ,
मैंने हंस के तेरे घर का पता बतला दिया ।
मोहब्बतों की इबादतों ने जिनको ख़ुदा कर कर दिया ,
हुयी क्या हमसे ही खता इश्क़ के सज़दे में क़लमा पढ़ लिया ।
जिन्हें मिला नहीं तू चाँद तारों के गलियारे में ,
क्या ढूंढ़ पाएँगे तुझको तेरे दिल के ही चौक चौबारे में ।
आसमान में बादल थे फिर निकला क्यों नहीं ,
कल रात गगन का चाँद मेरे चाँद में उलझा बैठा था सोया ही नहीं ।
थक के सो लेता है फुटपाथ पर पन्नी बिछा के ,
क्या बात है मज़दूर को एक मच्छर नहीं काटा ।
घाँस फूस के छप्पर से टपकती हैं कम बूँदें ,
उसमे रहने वालों के रोने से मकान ज़्यादा गीला होता है ।
सहादतें लाख हुयी हो कैसे,
बूढ़े माँ बाप से बेटे के जनाज़े को कांधा दिया नहीं जाता ।
बाप को बिदाई का दर्द क्या कम था ,
जो दहेज़ के लालचियों ने बेटी को ज़िंदा जला दिया ।
दिल को समझाए कौन दर्द का केंद्र बिंदु मस्तिष्क है ,
धमनियाँ तो बस दुखों का प्रवाह किया करती हैं ।
दर्द ए दिल का इलाज़ कब मिला करता था दवाखानो में ,
अब तो नीम हकीम भी निकलने लगे इश्क़ के मरीज़ ए दानाई ।
pix taken by google
[…] https://www.pushpendradwivedi.com/%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%ab%e0%a4%bc%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0… […]