मत हँस देख कर बन्दे को मज़बूरी रही होगी one line thoughts on life in hindi,
मत हँस देख कर बन्दे को मज़बूरी रही होगी ,
जो दिखता है आज मुफ़लिश दास्तान उसकी अभी अधूरी लिखी होगी ।
ज़िन्दगी सबको सबक सिखाती है बारी बारी ,
फर्क इतना है किसी को किश्तों में किसी को मुश्तों में ।
यूँ गिरना फ़िर उठ के चलना इंसानी फितरत है ,
न हो मायूस चलने वाले की ही मंज़िल क़ामिल हुयी होगी ।
जहाँ में कोई सै कभी मुक़म्मल नहीं होती ,
गहरी मात के बाद ही अक्सर जीत होती है ।
हाँथ कट गए मंज़िल पाने से पहले ,
सफ़ीने के मुस्तक़बिल में ही न मौज ए साहिल रहा होगा ।
कुछ साँप इच्छाधारी कुछ वर्दीधारी हो गए ,
जो बच गए रात की कालिख़ से कलम के सिपाही बन गए ।
दिल ए नाज़ुक को तोडना है इब्लीस की फ़ितरत ,
इब्न ए इंसान तो बस गुलों की क्यारियाँ महफूज़ रखते हैं ।
हर रात का ग़र अपना एक आशियाना होता ,
ख़्वाब न भटकते दर बदर हर नज़र का एक ठिकाना होता ।
इश्क़ के नाज़ुक परिंदे हैं कहीं कुम्हला न जाए सुनहरे दड़बों में ,
इन्हें मोहब्बतों के मुल्क में ही महफूज़ रखना चाहिए ।
हमारे दिल का आशियाना क्या कम था ,
जो ज़माने की ज़र्द हवाओं में तेरे ख़्वाब झुलसने निकल गए ।
ज़ब्त कर लूँ तुझको अगर मैं साँसों में ,
साँस आने से पहले ही क़यामत न हो जाये ।
बस एक ख़याल सा रहता है हरसू शाम ओ शहर ,
ज़िक्र तेरा है मगर कोई फ़िक्र नहीं ।
मौसम ए हिज्र का असर है या इश्क़ ए जूनून ,
गर्म आहों से मेरी साँस झुलस जाती है ।
सूखे दरख़्त की दास्तान कहते पत्ते ,
मौसम ए मौज से जाने कैसे बिखर से गए ।
सात समंदर पार जो खोहों में थे दफ़न ,
साहिल पर लाके लहरों ने सारे राज़ खोले हैं ।
साहिल पर लाके कश्ती डुबाना ही शौक़ है ,
दिल में ज़ौक़ ए समंदर रख कौन मौज ए तूफ़ान से डरे ।
हँसते हुए चेहरे को शरारत सूझी कैसे ,
छेड़ के मन के तार खुद साहिल पर निकल गया ।
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