मनहूस आईने से कह दो यूँ न घूरे हमको funny shayari ,
मनहूस आईने से कह दो यूँ न घूरे हमको ,
बाद उनके हम उस दिन से टूटे हैं जब से सनम रूठे हैं हमसे ।
नक़ाब में देखा था तो बस जान से गए ,
यूँ शब् ओ सेहर सरे आम भटकोगे तो क़त्ल ए आम करोगे ।
उलझी सी राहें हैं शहर ए यार की मेरे ,
उलझी सी लटों की उलझने सुलझाने में सेहर होती है ।
पर्वत पठार नदियाँ गगन जंगल हो बियाबान ,
हर राह हो आसान ग़र साथ मोहब्बत की दुआ हो ।
चवन्नी अठन्नी का हिसाब करने वाले ,
इश्क़ ओ मोहब्बत की बातें नहीं किया करते ,
गोया वो ही ज़ौक़ ए आशिक़ी फरमाये जो जागीरें तबाह करने का जिगर रखता हो ।
अपने दर्द के सिवा ज़माने का दर्द जाने कौन ,
तड़पते को मरता छोड़ लोग गुज़र जाते हैं मौन ।
रात के झुरमुट से झाँकती तन्हाई ,
दरख्तों के बीच ठहरी रात लंबी सी अकेला चाँद सादा सा ।
हलाहल बनी है खुद ज़िन्दगी अपनी ,
इतने कौतूहल से न देख ग़म के आँसू पियूँ या मोहब्बत का विषपान करूँ तिज़ारत ए मोहब्बत को मिले तो कोई टेक ।
कौन ख़ुशी से ताण्डव करता है यारों ,
किया हो विषपान गले हो मुण्डमाल बीवी हो काली उस पर एक न हो साला साली तो खुद नटराज बन जाए सवाली ।
कितना सुकून ए रूह है दिल के तहख़ाने में ,
बड़ा कोलाहल था ज़माने में ।
तेरे चेहरे पर जो हुश्न का शबाब है ,
मेरे इश्क़ की रंगत का लबाब है ।
वही दर्द का आलम वही मौसम ए तन्हाई ,
ज़बान पर वही नग़मे फिर वही कहानी याद आई ।
हाँथ अलग रखकर भी साथ तो चल सकते थे ,
अलग अलग कोने में दिल जलाकर भी रोशन एक दूजे का घर तो कर सकते थे ।
जितने भी सनम मिले सब बेरहम मिले ,
जब भी मिले अपने हमदम के साथ होठों पर गिले आँखे नम लिए दम ब दम मिले ।
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