मोहब्बत की ख़ुशी है चंद लम्हात में बिखर जाएगी alfaaz shayari ,
मोहब्बत की ख़ुशी है चंद लम्हात में बिखर जाएगी ,
आगाज़ होगा सरगम से सुरताल के बाद बेसुरा राग़ ये सुनाएगी ।
जो ग़म मिले दुआ में मुस्कुरा कर क़बूल फरमाना ,
ये मोहब्बत की रहमत है न जाने किसकी दुआ कमाल दिखा जाएगी ।
ज़िन्दगी बेवफा ठहरी मोहब्बत क्या निभा पायेगी ,
जहाँ सम्हले क़दम देखी वहीँ पर लड़खड़ाएगी ।
रोज़गार ए मोहब्बत में भी ग़र करेंगे मेहनत ,
गोया फिर हार कर जीतने वाला जुमला किस पर आज़मायेंगे ।
बड़ा सुकून था जब तक सोया था तह ए क़ब्र में हमदम ,
खुली सी वादियाँ हैं अब हज़ारों बुत के साये हैं गला घुटता है मेरा भीड़ में निकले है दम , दम ब दम ।
सब माया है माया का माया जाल है ,
दुनिया रंगीन पानी सी मिली शरबत का कमाल है ।
उलझे हुए रेशम में गुंथी प्यार की एक डोर है ,
कसती है तुझे मुझसे परत दर परत बुनती एक एहसास है ।
मोहब्बत चट गयी दीमक जिस्म भी पुराने हो चले ,
अंजाम ए इश्क़ तो बस मुह में लगे परिंदों के लहू से पूछो ।
कब तक ख़ामोशी में यूँ घुट के मरोगे ,
इश्क़ ए गुनाह किया है तो आंसुओं के सैलाब में ख़ुद डूब मरोगे ।
इतनी दीवानगी भी अच्छी नहीं की वो खिड़कियाँ ही तोड़ दें ,
दरवाज़ा खुला है बस पल्ले बंद हैं ।
पहली मोहब्बत की थी बस तज़ुर्बे के वास्ते ,
गोया रास्ते वीरान थे कुछ और हमनशीन मिल गए ।
आदतें बदल जाएगी आहिस्ता आहिस्ता ,
आप आइये बैठिये दरुं ए दिल मुस्कुराइए बस लबों के बावस्ता ।
इन्कार में नज़रें झुकी हों ,
तो गोया हम क्या सवाल करें ।
ओढ़ने बिछाने की सुध भूल चले ,
बस हमारे नशेमन में ग़म की बारिश हुयी इस क़दर सारे भिगोने उफ़ान भरे ।
कड़कड़ाती गड़गड़ाती आग है बुझ जाएगी ,
बादलों में ठंडी बर्फ है गोया बिजली कहाँ टिक पायेगी।
मोहब्बत में खेलते कूदते रहो दिल भी उछलता फुदकता रहेगा ,
थक के रुक गए तो दिल की धड़कने थमने का ख़तरा है ।
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