रात की तन्हाई सुरखाब ख़्यालों वाली 140 words shayari ,
रात की तन्हाई सुरखाब ख़्यालों वाली ,
फिर बेख्याली में बिखरे होंगे कजरा गज़रा झुमका लाली ।
कदमो की चापों से खलल होती है ,
बेरोक टोक बिला इजाज़त हमारी नींदों को रौंदती हैं तेरी यादें ।
ख़्वाबों में भी आने जाने की इजाज़त ,
उफ़ ये इश्क़ है या ख्यालों की नुख़्ताचीनी ।
तितलियों सी लहरों के साथ क्रीड़ाएँ करने की ज़िद ,
व्याकुल मन जल थल नभ दृष्टिगोचर होता उथल पुथल ।
ऊँघती शाम की सिलवटों से निकलते जुगनू ,
चल दिए रात घनेरी को झिलमिल करने ।
दिल में हो गर बोझ तो हल्का कर दो ,
मोहब्बत जब लगे तोहमत तो सौदा कर लो ।
ज़िन्दगी बोझ है तेरी साँसों की ,
आ तेरी साँसों में मैं अपनी साँसे भर दूँ ।
हर मौसम में दिल दहकता है ,
आशिक़ों की साँसे भी कब सर्द होती हैं ।
ज्योति बुझ रही मनोबल बढ़ रहा ,
घुप अँधेरों के परे एक सवेरा और है ।
ghost alive a true horror story ,
बुझ गए सारे नज़ारे ग़ुम हुयी सब तितलियाँ ,
अब चमन में रंग ओ बू के भी सहारे और हैं ।
हैं इरादे फ़क़त दीवारों को हटाने के ,
आ अँधेरों को चरागों से रोशन कर दें ।
इश्क़ ए बदनाम सुदा लगते हो ,
यूँ रो रो के मैक़दे न बदनाम करो ।
जाम दो घूँट की ख़ुमारी है क्या ,
मैक़दे के नाम से भी बहक जाते हो ।
अब लेले तू भी लट्ठ तोड़ पोएट्री का मज़ा ,
है बड़ा दर्द भरा दिल तो बैतबाजी से शायरी को सजा ।
नाज़ुक ख्याली तेरी उसपर बाली उम्र ,
गोया इश्क़ पुरज़ोर कहीं बल न खा जाये पतली कमर ।
उतर गयी हो ख़ुमारी तो घर को आजाओ ,
भटक गए हो रस्ता तो मैक़दे में सो जाओ ।
अतीत के समंदर में समाये धीज के मोती ,
अब्र ओ सैलाब से निकले है इजाज़त के बगैर ।
बिला इजाज़त सिपहसालारों की भर्ती ,
कौन है वो हुकुमरान जो हमारे ख़्वाबों की सल्तनत रौदने चला आया ।
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