शब् ए बज़्म चरागों को रोशन करके whatsapp status hindi,
शब् ए बज़्म चरागों को रोशन करके ,
रंग ओ बू ए हिना चिलमन में छुपाऊं कैसे ।
फ़िराक़ ए गुल कहें या मिजाज़ ए मौसम ,
सेहराओं से गुज़रा तो हवाओं में खुशबुएँ घोलता चला ।
कुछ वो ख़फ़ा ख़फ़ा सा कुछ मैं बेवफा निकला ,
फ़िराक ए यार के अलावा सारा जहां मुक़म्मल निकला ।
फ़िराक़ फिरंगी की भी समझ पाता कोई ,
हमारे पथ में पथहोल्स बना कर चले गए कितने ।
ghost alive a true horror story
आस्मां दो अलग अलग थे शायद ,
मिलके दोनों को रंग भरना था ।
यूँ मिली सांस मेरी साँसों से ,
सांस को सांस का क़र्ज़ अदा करना था ।
घरों में जलाओ चरागों को सेहर होने तक ,
की इसके पहले दीदा ए यार में आफ़ताब जले ठीक नहीं ।
आज की रात चरागों का सफ़र लंबा है ,
रात की रात है सवेरा है उजाला किसी ठौर नहीं ।
आवारगी यूँ ही बदनाम न थी भवरे की ,
पत्ता पत्ता बूटा बूटा ने गुलों के खिलने का गीत गाया है ।
उडी उडी सी फ़िज़ाओं में बहार घुल मिलकर ,
फ़िज़ाओं में बहार ऋतू बसंती का धानी चूनर से सिंगार करें ।
जहां के रंगों में रंगत नहीं आती ,
रोती है हर कली हर डाली जिसका माली नाराज़ होता है ।
मुक़द्दर उन तितलियों का देखो ,
जाने कौन रंग भर के वीराने में छोड़ जाता है भटकने के लिए ।
आज प्यासी नदियों ने ले ली करवट ,
मोहब्बत की घटा बनके शब् ए महताब यार बरसा है ।
वो दौर ए मोहब्बत वो शबाब ए हुस्न ,
हवा ऐसी चली की अंजुमन में ज़र्द पत्ते भी गुल ए गुलज़ार हुए ।
न जाने क्या सोच कर रखा,
रात की तन्हाइयों में चाँद को ज़ीने में सजाकर उसने ।
रात की चाल में भी थिरकन है ,
ये घटा घनघोर होकर आज भी तेरे मोहल्ले से आई लगती है ।
यूँ तो शहर भर के मिजाजों की ख़बर है उनको ,
बस हमारे ही हाल ए दिल की कोई ख़बर ही नहीं ।
pix taken by google,