सल्तनतों के टुकड़े सियासतें ढूढती रह जाती हैं ,one line thoughts on life in hindi,
सल्तनतों के टुकड़े सियासतें ढूढती रह जाती हैं ,
जब आवाम में मज़लूमो के आंसुओं की धार चलती है ।
हुकूमतों के अर्स से फर्स पर बिखरने में ,
बस नज़र ए आम भर की देरी है ।
बादशाहत चली गयी ज़मीनी ज़र्रे से ,
फलक के आफताब बुझा कर तुम भी सो जाओ ।
दर्द ए ग़म की कोई और वजह ढूढ़ ऐ दिल ए नादाँ ,
रोज़ रोज़ वही ज़िक्र ए इश्क़ किया नहीं जाता ।
दिल ए नादाँ में आरज़ू ए जन्नत तो न थी ,
जो एक फूल हमारी नज़रों का ज़माने को गवारा न हुआ ।
लम्हो लम्हो में सिमट के बैठा है ,
दिल आज फिर आरज़ू ए नादाँ से रूठा रूठा है ।
गुलपोश किताबों के ख़्याली पन्ने ,
शायरी से झलक जाते हैं जो जो तू कहने से झिझक जाता है ।
ये ख़बर थी की कहानियाँ रंग लाएगी ,
मगर ये इल्म न था तब्दीलियत ए दोस्ती से रंगत ही बदल जाएगी ।
न लहज़ा बदला न मिजाज़ ए शायरी ,
अब उम्र के इस पड़ाव में ज़ौक़ ए आशिक़ी कैसे फरमाएं ।
कितना बिखरा था तन्हा टूट करके मैं ,
कितना सम्हला मैं खुद से रूठ कर के भी ।
गुज़र गया वो मौसम जो मिजाज़ ए हिज्र का था ,
गोया नयी सेहर से बस आगाज़ ए मोहब्बत की आवाज़ बस हो ।
कुछ जला था मैं भी तन्हा भीड़ में ,
कुछ उल्फत ए रुसवाई भी गम का सबब बनती गयी ।
गर ख़्वाबों में आना ही मोहब्बत है ,
हमें आँखों में सजा लो बस सारी रात आएंगे ।
तू भी मेरी ज़बान बोलता है ,
तू भी मेरी तरह इंसान ही होगा ।
one line thoughts on life in hindi,
ये तन्हाई ये सन्नाटा ,
उस पर कुफ्र ओ क़ैफ़ियत की बातें ।
कभी इश्क़ मरता है कभी इश्क़ करने वाले ,
जीत हमेशा मोहब्बत के दुश्मनो की ही होती है ।
इश्क़ ए इबादत भी कोई मज़हब है ,
आशिक़ों को जहां में सब क़ाफ़िर समझते हैं ।
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