साज़ ए दिल साद ओ गम से सराबोर रहा funny shayari ,
साज़ ए दिल साद ओ गम से सराबोर रहा ,
बाद ए रुख़्सत के भी मेरा दिल तेरी ही ओर रहा ।
तू सर ए बज़्म कोई नज़्म उठा ,
ज़िद है दिल की क़यामत में ग़ज़ल गायेगे ।
अच्छे थे वो जो बला के दुश्मन थे ,
अब तो दोस्तों में भी वैसा लुत्फ़ नहीं आता ।
टूटते हुए तारों की नसीहत अच्छी ,
हर दुआ क़ामिल हुयी जो सच्चे तह ए दिल से निकली ।
सारे नगर में डंका डंका रे रावण की लंका लूट गयी ,
बन्दर और भालू भाग गए बस लाल लंगोटी छूट गयी ।
तेरी नज़र को पैमाना लिखूँ या शाम ए ग़ज़ल कह दूँ ,
तू सर ए बज़्म आती है नज़र किसी ठौर ठहरे तो जान ओ जिगर का नज़राना कर दूँ ।
तेरी ज़ुल्फ़ों के दायरे में घटाएँ चलने लगी ,
कहीं बारिश बनके बरसी झमाझम कहीं आतिशें उगलने लगी I
थमती नहीं नज़र बहार ए चारागार में ,
कुछ बूँद शबनमी से पत्थरों पर सरमा के जम गए ।
तेरी नज़रों ने रूहों से गज़ब का खेल खेला है ,
दायरा ए हुश्न के चिलमन से बचने वाले ज़िंदा लाश रह गए ।
न रक़्स करती निगाहें तेरे तबस्सुम पर ,
मैं शब् ए माहताब जाम में तारा मिला के पी जाता ।
जाते हुए सेहराओं से गुज़रे क़ाफ़िला ,
हों लब पे दुआएं की हर सै मुस्कुराये अब के साल ।
रूखे सूखे भी कोई दिल के नशेमन से चला जाता है ,
जाते जाते आँखों को तो थोड़ा सा पुर्नम कर लो ।
वो राह चलतों को भी अलविदा कह कर ,
वो जाने क्यों हमारा दिल जलाया करते हैं ।
अबके बिछड़े मिलेंगे हम बहारों में ,
न खिज़ा न दर्द न ग़म ए तन्हाई होगी ।
सख़्त दरख्तों से टपकते पत्ते ,
मौसम ए हिज्र में दिल भी पत्थर का हो गया होगा ।
लहू की रवानी सी थम गयी जैसे ,
उसने रोका भी नहीं हमने जाने भी दिया ।
pix taken by google