हक़ ए जवानी के चार सिक्के थे romantic shayari,

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हक़ ए जवानी के चार सिक्के थे romantic shayari,
हक़ ए जवानी के चार सिक्के थे romantic shayari,

हक़ ए जवानी के चार सिक्के थे romantic shayari,

हक़ ए जवानी के चार सिक्के थे ,

दो मुफ्लिशी में दो सादगी में खर्च किये ।

 

खूबसूरत नज़रों के दायरे में,

वादी ए गुल को खिज़ा के मौसम भी हसीन लगा करते हैं ।

 

जिस्म की चोटें दिखती है दिल के ज़ख्म नज़र नहीं आते ,

ज़रा बच के गुज़रना हमारी गलियों से खोये पड़े सामान लौटाए नहीं जाते ।

 

ख़ुदा न ख़ास्ता गली भटके तो बदनाम हो जाओगे ,

दिल गया चोरी तो जवाब कहाँ से पाओगे ।

2line attitude shayari 

लुत्फ़ आता है लिखने में ऐ मेरी जान ए ग़ज़ल ,

तुझको क्या लिखूँ दिल की अदावतों में थिरकती है तेरी सरगम साँसे बनकर ।

 

कभी मंज़िलों से पहले भी दस्तक दो ,

यूँ ही हर रात का सवेरा किया नहीं करते ।

 

सवाल बनकर खड़े रहते हो बाब ए सुखन से तुम ,

गोया लोग सोचते है मरीज़ ए दाना को हक़ीम ए दवाखाना भेज दें ।

 

जितने किस्से थे चल दिए होंगे ,

रात के आगोश में चाँद के साथ जब हम भी निकल लिए होंगे ।

 

दहकते शोलों में सुकून देता है ,

ये शेर ओ सुखन ज़ीस्त ए ख़ूबरू को एक हसीन जूनून देता है ।

 

सारे शहर का आब ओ दाना चुक जायेगा जब ,

तब जाकर के बहारें घर को वापस आएगी ।

 

कुछ दर्द ए दिल के फशाने क्या कम थे ,

जो ग़म ए उल्फ़त के मेघ मल्हार तूने भी छेड़ दिया ।

 

बूँद बूँद टपकता है लहू पानी बनकर ,

निगेहबानी ए सरहद इतनी हसीन होती है ।

 

शाम मेरी उदास थी तन्हा ,

मेरी तन्हाइयों का नशेमन है शायर ।

 

क़लम की जुम्बिशें कहती है शायर ,

तू मेरे दिल की धड़कनो में रवां रवां सा है ।

 

तन्हाइयों का सफ़र कभी पता नहीं चलता ,

कभी रात के अँधरों के पलछिन नम आँखों से चुनो तो जानो ।

 alone shayari

शाम ए महफ़िल में शायर की धड़कती सरगम ,

अब इस रात का अंजाम सुबह ही जाने ।

 

शायर बस न शायरी में बयान हो ,

जो भी हो बयान अंदाज़ ए गुफ़्तगू सबसे जुदा हो ।

pix taken by google