ख़्याल ऐसा जाने मोहब्बत कैसी होगी friendship shayari in hindi,
ख़्याल ऐसा जाने मोहब्बत कैसी होगी ,
जिसके तसब्वुर में उसने उम्रें गुज़ारी होगी ।
ये जो बात बात में दाद देते हैं ,
क्या जाने चाक़ ज़ख्मों को सीने में रखकर हम पैबंद उतार देते हैं ।
फिर कभी होगी हाल ए बयानी अपनी ,
बिछड़ के मुझसे तू तो खुश है न मेरे यार बता ।
ज़िन्दगी के सफर में हर तरह के मुक़ाम आये ,
रास्ते में जितने लोग मिले सब इंसान नज़र आये ।
बेवज़ह ही हाल ए मुफ़्लिसी में भटकता रहा फ़कीर ,
देखा जो नशेमन वो भी बेज़ार नज़र आये ।
हौज में उतरे तो गुलूबंद बाँध कर ,
हिज्र ए तन्हाई सर ए शब् जले कम्बल उँघार कर ।
सर्द के मौसम में दिल को चुभती है ये गलन ,
तेरे इश्क़ की मेरी रूह तक लगता है अब भी है सीलन ।
ग़फ़लत न समझ ऐ दिल नया साल भी चंद रोज़ की ख़ुशी थी ,
पहलू में जश्न ए मातम हरसू बेचारी बेबसी है ।
शब् ए महताब समन्दर की आग़ोश में झूमते मंज़र ,
कभी देखा है रक़्स करती लहरों को चूमकर साहिल ।
दिल का मामला था दिल में ही रहता तो अच्छा था ,
क्या मिला सर ए आम करके सबने मसला ए पेचीदगी पर दिल्लगी कर ली ।
ख़ुद के जज़्बों को सम्हाला न गया ,
तेरे ख़्वाबों को संवारा हमने वजूद ए मोहब्बत का मुब्तला किये बगैर ।
हौसलों के दम पर ज़िन्दगी चलती है साहेब ,
साँसों का आना जाना तो बस मुर्दा न होने एहसास दिला देता है ।
सुना है बड़ी दौलत कमा रखी है तुमने ,
मुझे बस मेरे हिस्से का तुम बीता वक़्त लौटा दो ।
जाने वो किस ग़ुमान ए इश्क़ में खोये हैं ,
ग़म ए हिज्र में दोनों साथ साथ रोये हैं ।
दिलों के तार जुड़ सकते हैं सरहदों की दूरियाँ कुछ नहीं होती ,
टूटने पर जो आओगे सियासी घर तक फूंक डालेंगे दर ओ दीवार लाख पुख्ता हों फौलाद की मजबूतियां कुछ नहीं होती ।
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