ज़िन्दगी में जीतने का शौक़ ही हो अगर quotes life hindi ,
ज़िन्दगी में जीतने का शौक़ ही हो अगर,
आज से अब से अभी से जश्न ए शिकस्त में शिरकत कर लो ।
सर पर मज़हबी टोकरा बदन पर फटी बुश्शर्ट ,
राह ए फकीरों से मत पूछो चिलचिलाती धूप में गर्मी कहाँ पर लगती है।
टपक के खार भी नहीं बनते ,
मेरे दिल का समंदर भी पूरा सूखा है ।
साहिलों पर ग़ज़ल लिख कर के,
अश्क़ों की लहरों से फिर मिटाता हूँ ।
समंदर की स्याही को कलम कर कर के ,
मैं लिखता हूँ तुझको तमाम रात आँखें तर कर कर के ।
होठों पर गिला आँखों में तबस्सुम रखना ,
उफ़ तौबा तेरा हाल ए शिकस्ता गुफ्तगू करना ।
वक़्त के हाथों ही हैं शाह और सिकंदर दोनों ,
इसके आगे कोई सरताज़ नहीं ।
मेरी नाकामी को सिकस्ती का नाम न दो ,
वक़्त का मारा हूँ इतना भी अभी लाचार नहीं ।
दो घूँट ग़म भी मिला दे शाकी ,
जश्न ए बर्बादियों सा कोई जश्न नहीं ।
हाल ए दिल अब भी मुकम्मल न सही ,
इश्क़ ए शिकस्त का फिर भी कोई ग़म ही नहीं ।
ज़िन्दगी में सब कुछ इत्तेफ़ाक़न सही ,
ज़िन्दगी खुद में कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं ।
तेरे ख्यालों से पहले तेरा लौट कर आना ,
इसे मोहब्बत न समझू तो इत्तेफ़ाक़ कहूँ ।
इस रात की तफ़्तीश करवाओ यारों ,
इत्तेफ़ाक़न ही यूँ रात अटक जाती नहीं ।
तुझसे नज़र का मिलना इत्तेफ़ाक़न ही सही ,
दिलों में गुलों का खिलना कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं ।
तिनका तिनका गवाही देगा ,
ज़र्रा ज़र्रा जला है गर्म आहों से ।
गिर के सूख गया ज़मीन पर गेहूँ की बाली की तरह ,
अपनी लहलहाती फसल की बर्बादियों का मालिक ।
उगेने पाँव कभी निकलो तो जानो ,
मखमली फर्श पर गर्मी का एहसास कहाँ होता है ।
अल्फ़ाज़ों को सही आयाम नहीं मिलता ,
मौसम ए तपिस से हर्फ़ दर हर्फ़ झुलस जाते हैं ।
दबी दबी सी धड़कनो में शिरकत करने ,
इत्तेफ़ाक़न ही चले आते हो ख्यालों में हरकत करने ।
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