आईने में भी अब झुर्रियाँ नज़र आती हैं dard shayari,

0
1108
आईने में भी अब झुर्रियाँ नज़र आती हैं dard shayari,
आईने में भी अब झुर्रियाँ नज़र आती हैं dard shayari,

आईने में भी अब झुर्रियाँ नज़र आती हैं dard shayari,

आईने में भी अब झुर्रियाँ नज़र आती हैं ,

वक़्त के साथ वो भी बूढा हो चला जैसे ।

 

मासूम से चेहरों पर अदायें फ़ानी ,

हुश्न ऐसा की सारा शहर क़त्ल गाह कर दे ।

 good morning shayari

जचकी वाले पान सी हलक़ में आके अटकी है मोहब्बत तेरी ,

उगलते बने न निगला जाए ।

 

कभी फुर्सत मिले तो मोहल्ले का भी रुख़ कर लेना ,

चौराहे पर मिलेंगे जिगर हर चिलमन जलाये हुए ।

 

गम ए रुख़सती मिली तुझसे रुखसत होके ,

ज़मीर पर बोझ बन पड़ी थी मोहब्बत तेरी ।

इश्क़ में अंधा शायर बना फिरता है ,

देखता नहीं है अल्लाह राम बस मेहबूब मेहबूब किया करता है ।

 

गए घर से ख़ुदा की नमाज़ अदा करने को शायर ,

रास्ते में मेहबूब मिला खुद ही अदा होकर लौटे ।

 

ख़ाक ही छाना है शायर इश्क़ में छलने के बाद ,

तन लंगोटी और भभूति बन गया साधू मलंग दिल के जलने के बाद ।

 

पथराई आँखों में जम गए मोती ठण्ड के मारे ,

गोया हम समझते थे ख़ारे दरिया में बह गए सीप के मोती सारे ।

 

क़त्ल हुआ इश्क़ में शायर बदनाम शायरी कर गया ,

मरे हैं और भी आशिक़ इश्क़ की राह ए ज़फ़ा में बस नाम शायर के सुखन का रह गया ।

love shayari , 

तालीम ओ तर्बियत से नहीं हूँ हर दिल अजीज़ में ,

इश्क़ में नाशाद हुआ है दिल और कफ़न दाग़दार है मेरा ।

 

झपकती पलकें सीना चीर दिल निकाल देती हैं ,

तेज़ है खंज़र ज़माने में लोग इश्क़ जिसे कहते हैं ।

 

दुल्हन सी सजी रात चाँद तारे भी हैं साथ ,

पल भर का सवेरा भी देता नहीं है साथ ।

 

सज़दे सा उठाये पलकों पर हर जलवे यार के ,

खुली आँख से जो घूरे ज़माना तो भी कोई ग़म नहीं ।

 

आँखों में बंद करके पलकों से ढाँप दूं ,

तू बस मेरी है जान ए ग़ज़ल मैं ही बस पढूँ ।

pix taken by google