short horror story in hindi blood game ,
रेगिस्तान की गलियों में धूल उड़ाती एक कार तेज़ रफ़्तार से दौड़ी जा रही है , अचानक चिंघाड़ के आवाज़ के साथ गाड़ी
में ब्रेक लगता है , वो एक गाड़ियों के कबाड़ के गेट पर रुक जाती है , गराज का लगभग बीस फ़ीट लम्बा चौड़ा गेट
खुलता है , गेट का वॉचमैन गाड़ी की एंट्री करता है , गाड़ी गराज के गेट के अंदर जाती है , जिसमे से दो कपल उतरते हैं
, तभी पीछे से कोई अजनबी इंसान उन पर वार करता है और वो वहीँ ढेर हो जाते हैं , तभी हाँथ में कुल्हाड़ा लिए एक
शख्स उन चारों की लाशों को तहखाने की तरफ घसीटता हुआ ले जाता है । और गराज में एक भयानक अट्टहास गूँज
जाती है ।
कट टू
रेगिस्तान का मरुस्थल इंडिया पाकिस्तान के बॉर्डर का वो इलाका जहां कभी कोई टेररिस्ट भी जाने की नहीं सोचता ,
रोमांच के शौक़ीन लोगों के लिए बहुत ही रोमांच की जगह जहां आते तो बहुत हैं , मगर लौटता कभी कोई नहीं , अगर
कभी कोई लौटा भी हो तो शायद ही वो इस लायक रहा हो की इस जगह के बारे में किसी को कुछ बता सके ।
गाड़ियों के भंगार के लिए मशहूर जगह , जहां कबाड़ की भाव के गाड़ियों को मनचाहे मॉडल और पावर के साथ
मोडिफाइड करके महानगरों के रेसिंग के शौक़ीन लोगों को बेचीं जाती है , और इन कार को बेचने के लिए कुछ लड़कों का
ग्रुप महानगरों के कार शो रूम लोकल सर्विसिंग वर्क शॉप्स में शक्रिय रहता था । जिनका एक मात्र उद्देश्य कार को बेचना
और कस्टमर को कबाड़ के गराज तक पहुँचाना होता था ।
अब इन चारों के घर वालों और दोस्तों ने इन्हे ढूढ़ना सुरु किया पुलिस में कंप्लेंट डलवाई गयी , मोबाइल की लोकेशन
रेगिस्तान का बॉर्डर बता रहा था , जो प्रतिबंधित क्षेत्र के अंतर्गत आता था, किसी तरह लोकेशन ट्रैश करवा के उन चारों
के दोस्तों ने उन्हें खुद ढूढ़ने का प्लान बनाया , इसके लिए ५ दोस्त जो ख़ास थे उन्होंने पुलिस द्वारा बताई लोकेशन का
चप्पा चप्पा छान मारा मगर कोई सुराग हाँथ नहीं लगा , थक हार कर लौट ही रहे थे की रास्ते में चाय सिगरेट पीने के
लिए एक ढाबे में गाड़ी रोकी , वहाँ उनके पास दो बन्दे आये , पूछा गाड़ी के शौक़ीन लगते हो , गाड़ी मस्त है तुम्हारी ,
तभी इनमे से एक बोला इम्पोर्टेड है , तो वो दो बन्दे हंस दिए ये दिखने में इम्पोर्टेड है , हमारे पास जो है वो बात इसमें न
है , तभी ५ दोस्तों में से एक बोला भाई खुद तो खचाड़ा लेके बाग़ रहे हो , हमें उल्लू समझा है के , जाओ किसी और को
बेवकूफ बनाओ , तभी दोनों बन्दों ने गराज में रखी मोडिफाइड कार का वीडियो दिखाया , पांचो लड़के दंग रह गए , उन
पाँचों दोस्तों में से एक बोला भाई ये ये कार नहीं जेट है गी, हटाओं उन्हें ढूढ़ना ढाढना हम इन बन्दों की कार खरीदते हैं ,
और मस्ती करते हैं , पाँचों दोस्तों ने दोनों बन्दों की बात मान ली , अपनी गाडी उन बन्दों की गाड़ी के पीछे लगा दी ।
आगे आगे बन्दे पीछे पीछे ये पाँचों की कार दौड़ी जा रही थी , अचानक दोनों बन्दों की कार ने ऑफरोड सीधा रेगिस्तान
का रुख कर दिया , पीछे पाँचों ओह तेरी हम तो अभी यहीं से होके गए थे हमें तो यहां कुछ नहीं मिला , कार रेगिस्तान
की गहराइयों में खोती चली गयी , पीछे से रेत के बवंडर में सब कुछ ग़ुम हो गया , पीछे वाली कार वालों का आगे वाली
गाड़ी की सिर्फ ब्रेक लाइट दिख रही थी , उसी का पीछा करते वो यहां तक आ पहुंचे थे , अचानक से आगे वाली गाड़ी रुकी
, पीछे वाली भी रुकी पर आगे वाली से ठुकती ठुकती बच गयी , सामने २० फ़ीट लम्बा चौड़ा गेट था , गाड़ी अंदर गयी
गेट बंद हुआ तभी पीछे वाली गाड़ी में बैठे एक लड़के ने बोला भाई गाड़ी रोक ले बहुत तेज़ से बाथ रूम आई है नहीं तो
यही कर दूँगा , गाड़ी रुकी पांच में से चार लड़के गाड़ी से उतरे और चारों ने एक एक दिशा पकड़ ली और हल्का होने लगे ,
तभी जो ड्राइवर सीट पर जो लड़का बैठा है , वो साइड मिरर में पीछे से एक दैत्याकार आदमी को हाँथ में फरसा लिए हुए
उनकी तरफ आगे बढ़ता हुआ देखता है , और चिल्ला देता है भागों सालों वरना जान से मरोगे , चारों जो जिस दिशा में
था भाग जाते हैं ।
ड्राइविंग सीट पर बैठा लड़का गाडी को तेज़ रफ़्तार से आगे भगाता है , और रिवर्स गेयर में उतनी ही रफ़्तार से पीछे से
आ रहे फरसा वाले दैत्यनुमा इंसान को ठोंक देता है , इसी तरह दो तीन बार आगे पीछे करके उसे गाड़ी से ठोकता रहता है
, तभी उसके चारों दोस्त भी वापस आ जाते हैं , सब कहते हैं कहाँ फंस गए यार , ये जगह तो जहन्नुम से बद्तर है ,
तभी फरसे वाला दैत्य एक बार फिर हरकत में आ जाता है , और एक झटके से कार को हवा में उछाल देता है , कार गोते
खाती हुयी दूर जाकर धड़ाम से गिरती है और ब्लास्ट हो जाती है , फरसे वाला दैत्य फरसा उठा कर एक बार फिर इन
पाँचों की तरफ बढ़ता है , ये पाँचों भागते हैं और गाड़ियों के कबाड़ में जाकर छुप जाते हैं , सब के मोबाइल की ब्राइटनेस
और रिंगटोन्स ऑफ़ कर रखी हैं ताकि ये बस आपस में मेसेज भेज सकें , इन्होने पुलिस को भी मैसेज किया हुआ है की
ये अनजान जगह पर फंसे हुए हैं और इनकी इनकी जान खतरे में हैं ।
अब उस कबाड़ के गराज में बहुत से दैत्य आ जाते हैं जिनके पास तरह तरह के हथियार हैं , बरछी भाला तीर कमान ,
पिस्तौल गन्स , और वो इन पाँचों लड़कों को ढूढ़ रहे हैं , ये वहाँ छुपते छुपाते रात होने का इंतज़ार करते हैं , ताकि रात
हो जाने पर वो यहां से भाग सकें , अँधेरा होते ही पाँचों एक साथ भागने की कोशिश करते हैं तभी एक के पैर में एक दैत्य
तीर मार देता है, बाकी चारों अब उसे साथ लेकर भागते हैं , और जाकर किसी गुफानुमा क़ैदख़ाने में पहुंच जाते हैं , वो
छुपकर अंदर जाते हैं सामने का नज़ारा देखकर स्तब्ध रह जाते हैं , सामने का नज़ारा कुछ और ही था , सामने एक
नरभक्षी शैतान जो एक हड्डियों के बने सिंहासन में बैठा हुआ था , उसके सामने सभी दैत्य और गराज के कर्मचारी सर
झुका कर घुटनो के बल बैठे हुए हैं , तभी एक अट्टाहास गूंजती है , मुझे खून चाहिए ताज़ा खून मेरी बरसों की प्यासी रूह
नया जीवन मांग रही है , खून लाओ मेरे लिए ताज़ा खून ।
ये पांचो आपस में बात करते हैं भाई ये तो कोई नरपिशाच लगता है , हमारे दोस्त अगर यहां आये होंगे तो अब तक तो
मर ही गए होंगे , हमें भी यहां से निकल भागना चाहिए , तभी एक के सर पर पीछे से वार होता है जिसके पैर में तीर
लगा था वो वहीँ ढेर हो जाता है , बाकी चार फिर भागते हैं , जिनमे से तीन को दैत्य पकड़ लेते हैं , मगर एक फिर भी
भाग जाता है , और उसी तहख़ाने में कहीं छुप जाता है , बाकी तीनो को दूसरे दिन की बली के लिए बांधकर रख दिया
जाता है ।
और इन तीनो के मोबाइल लेकर स्विच ऑफ कर दिया जाता है , तभी वहां मौजूद एक मकैनिक उन्हें बताता है , ये कोई
गराज वराज़ नहीं है यहां बस पिशाचों द्वारा जवान लोगों के खून का खेल खेला जाता है , और उनके खून से प्यास बुझाई
जाती है , फिर लाश को बॉर्डर के उस पार पाकिस्तान में फेंक दिया जाता है , और किसी को यहां का पता भी नहीं चलता
, तुमलोग बहुत गलत फंसे हो , इनका बहुत बड़ा ग्रुप महानगरों में फैला है जो लोगों को काम दाम में पावरफुल
मॉडिफाइड कार दिलाने का लालच देकर यहां तक लाता है , और तुम्हारे जैसे बेवकूफ बेचारे मरने के लिए चले आते हैं ,
मरोगे सब के सब तभी उन तीनो में से एक बताता है की हमारे ४ दोस्त गुम हैं हम उन्ही की तलाश में आये हैं , मेकैनिक
पूछता है कब गायब हुए तुम्हारे दोस्त तीनो बताते हैं पिछले शनिवार को , मैकेनिक पूछता है कोई मॉडिफाइड कार थी
क्या उनके पास , तीनो हाँ बोलते हैं , मैकेनिक गाड़ी नंबर पूछता है ,तीनो गाड़ी नंबर बताते हैं , मैकेनिक बोलता है वो
तो संडे को ही निपट गए थे , यहां इतने दिनों तक कबूतर को फड़फड़ाने का मौका नहीं मिलता , अब तो पाकिस्तान के
चील कौए लाश तो क्या हड्डी भी चाट खाये होंगे ।
तभी तीनो बोलते हैं हमें खोल दो हम किसी को कुछ नहीं बतायेगे , तभी मैकेनिक पर एक दैत्य की नज़र पड़ती है , वो
उसकी कनपटी में घुमा के हथौड़ा मारता है सर से खून का फब्वारा छूटता है , और वो वहीँ ढेर हो जाता है , वो इन तीनो
को भी ठोकने ही वाला ही था की दूसरा गराज का कर्मचारी उसे रोक देता है , जैसे तैसे सुबह होती है , नास्ते में इन तीनो
को गोस्त और ब्रेड दिया जाता है , मगर वो बस ब्रेड खा लेते हैं , दिन भर बस यूँ ही रस्सियों से बंधे डले रहते हैं शाम
होती है , तीनो को नर पिशाच की सेवा में हाज़िर किया जाता है , तीनो में से जो सबसे हट्टा कट्टा था उसकी गर्दन काट दी
जाती हैं दो चुप चाप अपनी चीख मुँह में दबाये खड़े रहते हैं ।
गर्दन काटने के बाद नरपिशाच खून चूसता है , जिसके बाद लाश को गराज से बाहर ले जाने के लिए एक वैन आती है ,
जिसमे गोदाम में छुपा वाला दोस्त किसी तरह वैन के नीचे लटक जाता है , और लाश के साथ वैन में नीचे लटका हुआ
तहख़ाने के बाहर निकल जाता है , लेकिन वैन अभी कबाड़ के गोदाम के अंदर ही है , वो एक बार फिर वैन को छोड़कर
कहीं और छुप जाता है ।
वैन को कबाड़ खाने से बाहर निकलने के लिए कर्मचारी रात होने का इंतज़ार करते हैं , इधर नर पिशाच बचे दो लड़कों के
साथ एक गेम खेलता है , वो उन दोनों को एक मौका देता है कहता है तुम्हारी नादानी पर मुझे तरस आता है मूर्खों ,
तुम्हारा हाल भी वही होगा जो तुम्हारे और साथियों का हुआ है , मगर मैं चाहता हूँ की तुम में से कम से कम एक बच
जाए , वो कहता है तुम दोनों में से कौन ज़िंदा रहना चाहता है , मैं सिर्फ एक को मारना चाहता हूँ , पीछे वाला लड़का
थोड़ा मासूम था वो बोला मुझे मत मारों प्लीज़ मैं तुम्हारी गुलामी करूँगा ता उम्र तुम्हारा गुलाम बनकर रहुगा , इस पर
नरपिशाच हँसता है , बच्चे तुम नादाँ हो यहां नहीं रह पाओगे ये जो तुम्हे यहां गुलाम दिख रहे हैं ये सब मरे हुए हैं मैं ने
इन्हे सिर्फ अपने मायावी ताकत से जिन्दा करके रखा है , इनकी रगों में खून नहीं मेरा विष दौड़ता है , जो की नीले रंग
होता है , इन्हे कोई नहीं मार सकता ।
तू मेरे लिए मनोरंजन का जरिया हो , तभी आगे खड़े वाले युवक की गर्दन को मरोड़कर नर पिशाच खून पीना सुरु कर
देता है , जब तक की उसके जिस्म का खून ख़त्म हो पाता नरपिशाच उसके शरीर को उछाल देता है , और मासूम वाले
बच्चे को बोलता है भाग देखता हूँ तेरी तक़दीर तुझे ज़िंदा रखना चाहती है , या तू भी अपने साथियों की तरह अपनी जान
से जाएगा , वो मासूम लड़का वहाँ से भागता है , कबाड़ खाने का गेट खोल दिया जाता है , और वो गेट से बाहर रेत के
तूफ़ान में भागता हुआ कहीं खो जाता है ।
रात होने वाली है गराज में सर्च लाइट चालू हो जाती है , वैन के नीचे छुपा वाला लड़का जो कहीं और छुप गया था रात
होते ही एक बार फिर वैन के नीचे आकर छुप जाता है ,बची खुची लाश को भी वैन में लाद दिया जाता है , वैन रात के
अंधेरों को चीरती हुयी कबाड़ खाने के गेट के बाहर निकल जाती है , सामने कुछ दिखाई नहीं देता है सामने मीलों तक
बियाबान रेगिस्तान और और धूल के अम्बार तभी वैन में बैठा एक कर्मचारी चिल्लाता है , जैसे की कोई लॉटरी खुल गयी
हो उसकी , वो कहता है वो देखो ये वाली चिलगोजा है न जिसे शैतान ने जीवन दान दिया था , अब इसका अंतिम
संस्कार हम करेंगे , उन्हें धूल के अम्बार के बीच वही मासूम लड़का दिख जाता है , मासूम लड़का इस धोखे में रहता है
की ये कोई उसकी मदद के लिए आया होगा शायद पुलिस भी हो सकती है , वो वैन को रुकाने की कोशिश करता है ,
मगर ये क्या वैन तो उस लड़के की जान लेने पर ही तुली है वैन का कर्मचारी वैन को उस लड़के के पीछे दौड़ा देता हैं ,
लड़का इधर उधर भागता है ।
वैन उस लड़के को ठोकने ही वाली होती है की तभी नीचे छुपा लड़का वैन से निकल कर उसे बचा लेता है , अब दोनों
लड़के रेगिस्तान के मरुस्थल में भागते हैं , वो आगे वैन पीछे , तभी वैन से एक दैत्य कूदकर एक लड़के को पकड़ लेता है
, और दुसरे को आगाह करता है रुक जा नहीं तो तेरा साथी जान से जायेगा , मासून वाला लड़का रेत के टीलों की तरफ
दौड़ लगा देता है , तभी दैत्य जिस लड़के को पकड़ा था उसे भी मारकर वैन में डाल देता है , वैन बॉर्डर की तरफ बढ़ने
लगती है और कहीं धूल में गुम हो जाती है ।
सवेरा हो गया है धूप सर पर चढ़ गयी है , मासूम वाला लड़का रेत पर बेहोश पड़ा है , एक आर्मी अफसर उसके मुँह पर
पानी छींटे मारता है , लड़का अपनी सारी दास्तान उसे सुनाता है , ऑफिसर समझाता है बेटा ये बॉर्डर है यहां ऐसी कोई
जगह नहीं है , यहां चौबीसों घंटे आर्मी का पहरा रहता है , तेरी दिमागी हालत ठीक नहीं लगती , आर्मी ऑफिसर लड़के
को पुलिस के सुपुर्द कर देता है , पुलिस उसे शहर वापस भेज देती है , अब उसका मेन्टल हॉस्पिटल में इलाज़ चल रहा
होता है , और वो अखबार में रोज़ अपने दोस्तों की गुमसुदगी की खबर पढता और रोता रहता था ।
man eater lion a thriller adventures short story
that’s finish
pictures taken by google