ghost diary a short horror story
एक पुरानी सी ज़िल्द वाली किताब पर पन्ने पलटती उंगलियां , शायद किसी बुज़ुर्ग डायन महिला की थी , सामने ज़मीन
पर बैठे शैतान के बच्चे उस बुढ़िया से दुखी होकर पूछ रहे थे , फिर आगे क्या हुआ , क्या उस लड़के की शादी हमारे
शैतान लोक की लड़की से हुयी , तभी एक शैतान दरवाज़े पर आता है दरवाज़ा खटखटाता है , और बच्चे डर के मारे पीछे
के दरवाज़े से भाग जाते हैं , शैतान बूढी डायन से पूछता है , आज फिर बच्चे तुम्हारे पास तो नहीं आये थे , बुढ़िया कुछ
जवाब नहीं देती है , और शैतान आँख दिखाता घर में इधर उधर झांकता है बच्चे नहीं मिलते हैं और वो वापस चला जाता
है , तब बुढ़िया की जान में जान आती है , बच्चे एक फिर आ धमकते हैं , और कहते हैं कहानी सुनाओ न बुढ़िया कहती
है कल सुनाऊँगी अभी घर जाओ शैतान नगरी में छोटे बच्चों का देर शाम को घूमना सुरक्षित नहीं है , और बच्चे कल का
पक्का वादा लेकर वहाँ से चले जाते हैं ,
cut to
भूतों के नगर के बीचों बीच एक युवक और एक युवती को प्यार करने के जुर्म की सजा दी जा रही है , युवक आदम जात
का है और युवती दैत्य सम्प्रदाय की , दोनों सम्प्रदाय के कबीलों के सरदार को यह सम्बन्ध पसंद नहीं है इसलिए दोनों
को सजा ए मौत का ऐलान किया गया है , युवती की मासूमियत देखकर कोई नहीं कह सकता था की ये इंसान नहीं है ,
दोनों का जुर्म सिद्ध हो चूका है , दोनों को ज़िंदा ताबूत में दफनाया जा रहा है और दोनों ताबूतों को दो अलग अलग
दिशाओं की कंदराओं में दफनाने के लिए भेजा जा रहा है , ये सब देख एक मासूम दिखने वाली बूढी डायन दया की भीख
मांग रही है मगर कोई उसकी बात सुनने को तैयार नहीं है , तभी सभा में एक आसमानी आवाज़ गूंजती है , जिस तरह
तुम लोगों ने इन मासूमों की जान ली है , उसी तरह तुम्हारे नगर में भी अब भूतों का क़हर बरसेगा जिसे तुम में से शायद
ही कोई रोक पायेगा , और एक अट्टहास के साथ आवाज़ बंद हो जाती है सभी उस आवाज़ को अनदेखा कर चले जाते हैं ,
seen change
दैत्य नगर के सभी भूत प्रेत पिशाच दैत्य कबीले के छोटे भाई सुम्भासुर के नाम से थर थर कांपते थे , सुम्भासुर जब
नगर की गलियों से गुज़र जाता मजाल क्या किसी की नज़र ऊपर उठ जाए , जिस किसी भी वस्तु या सुंदरी पर सुम्भासुर
की नज़र पड़ जाती वो उसकी सेवा में हाज़िर कर दी जाती , अगर कोई बीच में आनाकानी करता तो उसका सर वहीँ धड़
से अलग कर दिया जाता , मगर अब हालात धीरे धीरे बदल रहे थे , अब कोई ऐसा भी था जो सुम्भासुर के अत्याचार का
मुँह तोड़ जवाब देता था , यहां तक की वो सुम्भासुर के सर पर चौबीसों घण्टे मौत का खतरा बनकर घूमता था , उस
शख्स ने सुम्भासुर का सोना तक हराम कर रखा था ,
cut to
रात्रि का दूसरा प्रहर सारा दैत्य नगर गहरी नींद में सोया हुआ था , तभी नगर की गलियों से एक शख्स सुम्भासुर के
राजमहल की तरफ बढ़ता हुआ नज़र आता है , पहरे दारों की गर्दनो को रेतता हुआ दुसरे ही पल वो शख्स सुम्भासुर के
सयन कच्छ के भीतर प्रवेश करता है , और तीसरे ही पल उसकी तलवार सुम्भासुर की गर्दन में होती है , तभी सुम्भासुर
हड़बड़ा कर उठ जाता है , इससे पहले की सुम्भासुर कुछ बोल पाता वो शख्स सुम्भासुर से पूछता है , नयना को कहाँ
दफनाया है बता इससे पहले की सुम्भासुर कुछ बोल पाता , तभी दरवाजे पर सैकड़ों सैनिको की दस्तक होती है , और वो
शख्स खिड़की से कूदता हुआ बाहर की ओर भाग जाता है , तभी सुम्भासुर सैनिको को आदेश देता है कहाँ मर गये थे सब
के सब मुझे तुरंत ये शख्स ज़िंदा या मुर्दा चाहिए , और सैनिक उस शख्स के पीछे दौड़ लगा देते हैं ।
तभी वो शख्स पुनः एक बार पुनः प्रकट होता है वो वहाँ से भगा नहीं था , बल्कि वहीँ छुप गया था , और वो एक बार
फिर सुम्भासुर की गर्दन दबोच लेता है , और घसीटता हुआ अपने साथ दूर कंदराओं में ले जाता है।
इधर सारे नगर में हंगामा हो जाता है की दैत्य राज के छोटा भाई कबीले के छोटे सरदार सुम्भासुर का अपहरण हो गया है
, और कबीले के सरदार के आदेश से सिपाही नगर के चप्पे चप्पे में सुम्भासुर को तलाश रहे हैं ,
seen change
सुम्भासुर जंज़ीरों में जकड़ा हुआ , अपने ही खून से लथ पथ अपनी जान की भीख मांग रहा था ,
तभो वो शख्स बोलता है तूने भी क्या रहम किया था हम पर , क्या दोष था नयना का जो उस मासूम को ज़िंदा दफ़ना
दिया तुम लोगों ने , उसका कसूर यही था न की वो खुद एक दैत्य होते हुए उसने इंसान से प्यार किया था , और तभी वो
शख्स अपने चेहरे से नक़ाब हटा देता है , जिसे देखकर सुम्भासुर कुटिल मुस्कान से हँसता है , और बोलता है तो तू है
चिलगोजे इंसान की औलाद तुझे क्या लगता है , तूने मुझे यहां क़ैद कर लिया और तू बच जायेगा , पर तू बचा कैसे तुझे
भी तो हमने ज़िंदा दफ़न करने का आदेश दिलवाया था ।
cut to
तभी वहाँ वो डायन बुढ़िया प्रकट होती है , वो इस तरह सुम्भासुर को घूर कर देखती है जैसे ज़िंदा चबा जाएगी , और
बोलती है मेरी लाख मिन्नतों के बाद भी मेरी फूल जैसी बच्ची नयना और इस शख्स को तुम ज़ालिमों ने ज़िंदा दफनाने
का आदेश दिया था , और जब तुम्हारे सैनिक वहाँ से दोनों दिशाओं के लिए रवाना हुए थे , तब मैंने इस आदम की
औलाद को बचाने का फैसला लिया क्यों की मेरी बेटी तो दफ़न होकर भी मर नहीं सकती , लेकिन ये इंसान का बच्चा है
ये एक बार मर गया तो पुनः जीवित नहीं होगा , जब तुम्हारे सैनिक दूसरी दिशा की कंदराओं तक पहुंच रहे थे , ताबूत
वाली बग्घी को मैंने अपने कारिंदो से लुटवा लिया था , इस शख्स की नब्ज़ें तब भी चल रही थी मामूली उपचार के बाद
मैंने इसे पुनः जीवित कर लिया । और गौर से देख सुम्भासुर ये इंसान का मामूली बच्चा आज तेरी मौत बनकर तेरे
सामने खड़ा है ,
seen change
एक बार पुनः गुफा सुम्भासुर के अट्टहास गूँज जाती है , तभी गुफा में धड़धड़ाते हुए सैकड़ों की संख्या में सैनिक घुसे चले
हैं , और सुम्भासुर आदेश देता है सैनकों मार डालो सबके सब को एक भी ज़िंदा बचना नहीं चाहिए , जितने भूत प्रेत और
डायन थे सबके सब हवा में उड़कर गायब हो जाते हैं , बचता है वो लड़का जो एक भयानक संघर्ष के बाद एक बार पुनः
बाज़ी मार ले जाता है , और तलवार सुम्भासुर की गर्दन में रख देता है , और सुम्भासुर को सैनको के बीच से घसीटता
हुआ गुफा के बाहर ले जाता है , और जाने कहाँ गायब हो जाता है , सैनिक जब तक बाहर आते सुम्भासुर और लड़का
दोनों गायब थे ।
seen change
ज़ंजीरों में जकड़ा हुआ सुम्भासुर उसे घसीटता हुआ बुढ़िया डायन और उसके कारिंदों के बीच लड़का उस दिशा की ओर
आगे बढ़ रहे थे जहां नयना को दफनाया गया था , और पूछ रहा था बता सुम्भासुर कहाँ दफनाया है तूने मेरी नयना को ,
सुम्भासुर हँसता हुआ बोलता है बहुत जल्दी है तुझे तेरी नयना से मिलने की बस ४ प्रहर दूर है नयना , तभी डायन बुढ़िया
का एक कारिंदा बोलता है मार क्यों नहीं देते इस सुम्भासुर को , डायन बुढ़िया बोलती है यही तो विडंबना है की इसे मारा
नहीं जा सकता , नयना कहाँ है उसका पता सिर्फ सुम्भासुर ही जानता है ,
cut to
तभी आसमान में काले बदल छा जाते हैं , और तेज़ गड़गड़ाहट के साथ लगता है आसमान फट जायेगा , घोड़े पर सवार
सैनिक बहक जाते हैं , पर किसी तरह अपने आपको सम्हाल लेते हैं , तभी सुम्भासुर तेज़ से हँसता है , स्वागत है तुम
सबका मेरी इस जादुई मायानगरी में और सभी बादल भूत बन जाते हैं , और लड़के के साथियों को घेर लेते हैं और डराने
की कोशिश करते हैं , सुम्भासुर की जंज़ीरें टूट जाती हैं , और वो लड़के की गर्दन पकड़ कर ज़ोर का किक मारता है , और
लड़का फुटबाल की तरह आसमान में उछल जाता है , तभी डायन बुढ़िया उसे सम्हालती है , और सुम्भासुर पर आक्रमण
करती है मगर यहां उसकी सब ताक़त बेकार हो जाती है , सुम्भासुर को और गुस्सा आता है , और वो बुढ़िया को उछाल
कर एक ऊंचे पेड़ पर लटका देता है ,
cut to
और सुम्भासुर एक बार फिर अपने बाल झटकते हुए आँखें तरेरता है , बहुत जल्दी है तुम्हे नयना के मजार में माथा टेकने
की , सैनिको को आदेश देता है , जाओ हमारी प्रिये नयना को लेकर आओ , तभी खूबसूरत लिबास में मदहोश नयना को
लाया जाता है , वो ज़िंदा तो थी मगर ठीक तरह से न बोल पाती थी न चल पाती थी , नयना को ज़िंदा देख कर सभी
आश्चर्य में पड़ जाते हैं , तभी सुम्भासुर एक बार फिर आसमानी गर्जना के साथ चीख पड़ता है , देख लो अपनी नयना को
च च च तुम्हारी नहीं मेरी नयना को जो अब सिर्फ मेरी है , इसे मुझसे कोई नहीं छीन सकता तू लड़के तू भी नहीं बहुत
प्यार था न तुम दोनों में अब नयना को कुछ याद नहीं ।
story in flash black ,
मुझे जब भी वो दिन याद आता है जब तू और नैना हसीन वादियों में साथ साथ घूम रहे थे , फिर एक वृक्ष के नीचे तू
बैठा हुआ था और नयना तेरे गोद में सर रख कर लेटी हुयी थी और तू उसके सर पर हाँथ फेर रहा था मगर वृक्ष के पीछे
मैं छुपा हुआ था , और ये सब देखकर मेरे तन बदन में बिजलियाँ कौंध रही थी , तभी से मैंने तुझे और नयना को अलग
करने का षड़यंत्र बनाया था , और दोनों कबीलों के सरदार को भड़काकर तुम दोनों को ज़िंदा दफ़नाने की सजा दिलवाई थी
, और लड़के की गर्दन पकड़कर ज़मीन से ऊपर उठा देता है सुम्भासुर , और बोलता है मगर तू चिलगोजे बच गया तुझे
बचा लिया इस चुड़ैल बुढ़िया डायन ने , खैर कोई बात नहीं जो तब नहीं हो सका वो अब होगा , और लड़के की गर्दन में
दबाव बना ही रहा था की कहीं से एक तीर आकर सुम्भासुर के हाँथ में लगता है , और लड़का धड़ाम से वहीँ गिर जाता है ,
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सुम्भासुर पीछे पलटकर देखता है , दोनों कबीलों के सरदार साथ में उनकी सेना सुम्भासुर की तरफ आगे बढ़ रही है ,
सुम्भासुर सम्हलता है और क्रोधित होकर कबीलों की सेना की तरफ बढ़ता है , भूतों के कबीले का सरदार सुम्भासुर का
भाई होता है , वो सुम्भासुर को गिरफ्तार करने का आदेश देता है , मगर सुम्भासुर को पकड़ पाना इतना आसान नहीं था
, ये उसका मायावी इलाका था , वो अपने आसुरी सैनिको को आदेश देता है और कबीलों के सैनिक से ज़बरदस्त युद्ध होता
है , तभी लड़का उठता है और ऊंचे पेड़ पर टंगी बुढ़िया को नीचे उतारता है , बुढ़िया सुम्भासुर का मायाजाल खत्म कर
देती है , सुम्भासुर के सैनिक हवा में धुंआ बनकर गायब हो जाते हैं , और सुम्भासुर और लड़का अब युद्ध के लिए आमने
सामने थे , एक ज़बरदस्त लड़ाई के बाद सुम्भासुर लड़के द्वारा मारा जाता है , डायन बुढ़िया को उसकी बेटी नयना मिल
जाती है , लड़के का नयना के साथ विवाह हो जाता है ।
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डायन बुढ़िया डायरी के पन्ने बंद करती हुयी , बच्चों को बताती है तो देखा बच्चों आखिर कार जीत अंत में सत्य की ही
होती है , और बच्चे हँसते हुए हैं आखिर लड़को को नयना मिल ही गयी , और दुष्ट सुम्भासुर मारा गया , और लड़के
दरवाजे के बाहर की और दौड़ लगा देते हैं और कोठरी का दरवाजा बंद हो जाता है ।
the end