romantic horror story in hindi the black rose ,

1
6160
romantic horror story in hindi the black rose ,
romantic horror story in hindi the black rose ,

romantic horror story in hindi the black rose ,

चारों तरफ भूत प्रेत का साया है , सब सो रहे हैं बेख़ौफ़ , सबके पीछे मौत का एक भयानक सच घूम रहा है जिससे अनजान हर एक शख्स बेख़ौफ़ अपने आपमें सिकंदर बना मस्त है , इसी अँधेरे में कुछ रूहें इस कदर भटक जाती हैं की उन्हें उजालों में ला पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी हो जाता है , शहर के एक मकान में दूर कहीं एक शख्स सो रहा है उसे ये भी खबर नहीं की जिस साये को कम्बल समझ कर ओढ़ रखा है, वो कोई कम्बल नहीं बल्कि एक रूह का काला साया है जो सिर्फ मौके की तलाश में है की कब वो शख्स ख़्वाबों की अनंत गहराइयों में खो जाए और वो उस शख्स के जिस्म से उसकी रूह को अलग करके अपने साथ उड़ा ले जाए , मगर हर बार वो बेबस रूह उस शख्स की रूह को अपने साथ ले नहीं जा पाती है , और अंततः हर दिन उस रूह को अलमारी में रखी किताब के अंदर रखे सूखे गुलाब की पंखुड़ियों में छुपकर बैठ जाना पड़ता है ।

नंगे बदन पर किसी भयानक चुड़ैल के वो  रेंगते हुए नुकीले नाखून , मगर कामाग्नि में जल रहा जिस्म छोटी मोटी खरोचें कहाँ देखता है , वो बस चरमसुख की प्राप्ति के लिए तड़पता रहता है , तभी बेड पर लेटा हुआ देव अचानक से चीख उठता है उसके जिस्म पर ढंकी सफ़ेद चादर खून से लाल हो जाती है , वो चादर को अपने ऊपर से हटा कर बेड से दूर फेंक देता है , तभी उसकी नज़र सीसे पर दिख रहे अपने ही अक्स पर पड़ती है , वो आईने के पास जाता है , उसके जिस्म पर किसी औरत के नुकीले नाखूनों द्वारा नोचे जाने के निशान स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं , देव एक बार फिर चीख को हाँथों से मुँह में दबाकर रोता हुआ वहीँ फर्श पर बिछी कालीन पर धड़ाम से गिर जाता है , तभी दरवाज़े पर खटखटाने की आवाज़ सुनायी देती है नौकर कहता है ब्रेकफ़ास्ट रेडी हो गया है , देव फ्रेश होकर डायनिंग टेबल पर पहुँचता है , वो अभी भी सदमे से उभर नहीं पा रहा था की अचानक उसकी नज़र सामने रखे लाल रंग के जूस पर पड़ती है देव लाल रंग को खून का कटोरा समझकर फेंक देता है जिससे चाइना बोन्स का बर्तन छनाक की आवाज़ के साथ फर्श पर टुकड़ों में बिखरा जाता है और अनार के जूस से सारा फर्श लाल हो जाता है , नौकर कपडा लाकर फर्श साफ़ करता है और देव वहाँ से बिना कुछ खाये निकल जाता है ।

khatarnak horror story,

शाम का वक़्त है ऑफिस से आने के बाद देव अपनी पत्नी वर्षा से बात कर रहा है , देव .. तुम आ कब रही हो , वर्षा ..

अभी टाइम लगेगा मौसी की लड़की की भी शादी फिक्स हो गयी है प्लीज़ तुम भी आजाओ न , देव .. मैं नहीं आ सकता तुम्हे पता है बिसनेस में कितना कम्पटीशन है आजकल , ….. उधर से कुछ रिप्लाई न पाकर देव फोन काट देता है और जब दुबारा लगाता है तब कोई फोन रिसीव नहीं करता है , बात ख़त्म करके देव बेड पर लेटा ही था की जाने कब आँख लग गयी , किसी खूबसूरत लड़की की उंगलिया पहले उसके जिस्म के साथ खेलती है इसके बाद शर्ट की बटन खोलती है गर्दन पर किसी लड़की के होठों का स्पर्श साफ महसूस होता है की बदन पर घूमती हुयी वो हसीन उंगलियां जाने कब गले तक पहुंच जाती है पता भी नहीं चलता है , और धीरे धीरे उँगलियों की गिरफ्त गले में इतनी कड़ी होजाती है की देव का दम घुटने लगता है , और देव चीख उठता है , कमरे में अँधेरा है देव लाइट्स ऑन करता है चारों तरफ देखता है मगर कमरे में कोई नहीं मिलता है , वो मेज पर राखी सिगरेट की डिब्बी से एक सिगरेट निकालता है माचिस की तीली खिरचकर मैच बॉक्स  को मेज पर वापस रखता है सिगरेट के दो चार कश लेने के बाद , ।

उसे लगता है हो सकता है वर्क के ज़्यादा होने की वजह से शायद वो थक गया है थकान मिटाने के लिए देव एक ड्रिंक बनाता और बालकनी में कुर्सी लगाकर बैठ जाता है , अभी ड्रिंक का एक शिप लिया ही था की अचानक लाइट गोल हो जाती है देव मोबाइल की फ़्लैश लाइट ऑन करके मोमबत्ती ढूढ़ने में लग जाता है अलमारी के खाँचे से मोमबत्ती निकालता है और माचिस की तरफ हाँथ बढ़ाता है तभी ऐसा लगता है जैसे कोई अनजान हाँथ माचिस को टेबल पर देव की ओर आगे बढ़ा दिया है , देव इस बात को अनदेखा कर एक बार फिर ड्रिंक ख़त्म करने में लग जाता है तभी देव के कानो के पास किसी अनजान लड़की की आवाज़ आती है देव ,,,, देव क्या तुम मुझे भूल गए हो देव … क क क क कौन हो तुम वो आवाज़ एक लड़की का रूप ले लेती है देव उसकी तरफ देखकर एक बार फिर पूछता है कककक कौन हो तुम वो कहती है मैं तृप्ति क्या तुम मुझे पूरी तरह भूल चुके हो ,देव कहता है कौन तृप्ति वो कहती है जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती , मगर क्या करूँ तुमसे नाराज़ भी तो नहीं हो सकती अब मैं एक आत्मा हूँ देव कहता है कौन हो तुम और मेरे पीछे क्यों पड़ी हो , वो कहती है मेरी मोहब्बत को ठुकरा कर तुम्हे वर्षा के साथ सम्बन्ध बनाने का कोई हक़ नहीं था , क्या कमी थी मुझमे क्या मैं खूबसूरत नहीं थी , क्या वर्षा मुझसे ज़्यादा प्यार करती थी तुम्हे , देव कहता है वर्षा मेरी पत्नी है अब उसके बारे में तमीज से बात करो , वो कहती है आत्माएं कभी तमीज से बात नहीं करती हैं वो सिर्फ अपना हक़ हासिल करना जानती हैं , तृप्ति … तुम क्या भूल गए वो साथ बिताये लम्हे , देव … मुझे तुममे न कभी इंटरेस्ट था न होगा प्लीज लीव मी अलोन , तृप्ति … मैं अभी तो जा रही हूँ मगर तुम्हे मैं एक दिन अपने साथ लेकर जाऊंगी , और तृप्ति का अक्स देव की नज़रों के सामने से गायब हो जाता है । बेड पर लेटा देव कॉलेज के दिनों के बार बारे में सोच रहा है ,

story in flashback ,

देव को आज भी याद है वर्षा की वो पीली वाली ड्रेस जिसमे उसने पहली बार उसे देखा था और पीली ड्रेस के साथ हाँथ में

पीली पीली कांच की चूड़ियाँ जाने कब दिल में उतर गयीं पता ही नहीं चला , और दिल ही दिल में उसे चाहने लगा था , एक पहली नज़र की मुलाक़ात जाने कब प्यार में बदल गयी कुछ समझ में ही नहीं आया , देव को अब भी हल्का हल्का सा याद आ रहा था की उसकी क्लास मे एक लड़की थी तृप्ति जो उसे अक्सर घूरती रहती है ये बात उसका ख़ास दोस्त रितेश उसे बताया भी था मगर अपने दोस्त की बात देव ने कभी सीरियस लिया ही नहीं , बस वो देव से नोट्स ले जाया करती थी , फिर शायद किसी वजह से उसने नश काट ली थी जिससे उसकी जान चली गयी शायद किसी लड़के से वो प्यार करती थी उस लड़के ने तृप्ति के प्यार को ठुकरा दिया था ये ख़बर न्यूज़ पेपर में छपी थी , देव इतने दिनों बाद तृप्ति का लगभग पूरी तरह से चेहरा भी भूल चुका था , तभी अचानक से देव की नज़र अपने बाजू में लेटी तृप्ति पर पड़ती है वो देव की आँखों में आँखें डालकर कहती है क्या हुआ देव मेरे बारे में सोच रहे थे न , देव फ़ौरन बिस्तर से उठकर दूर खड़ा हो जाता है , तृप्ति कहती है तुम मुझसे इतनी नफरत करते तो तो तुमने मेरी यादों को अब तक अपने पास संजोकर क्यों रखा है , डरो मत देव मैं तुम्हे कोई नुकशान नहीं पहुँचाऊँगी मैं तो बस इतना चाहती हूँ कि तुम उस वर्षा को छोड़कर मेरे बन जाओ देव कहता है नहीं तृप्ति ऐसा हरगिज नहीं हो सकता तुम्हे मेरी ज़िन्दगी से दूर जाना ही होगा , तृप्ति ,,, कितने मासूम हो देव तुम तुम्हे इतना भी नहीं मालूम मैं रूह हूँ किसी की गुलाम नहीं मैं जहां चाहूँ वहाँ आजा सकती हूँ , देव कहता है मुझे बक्श दो प्लीज़ इतना बोलते ही तृप्ति न जाने कहाँ गायब हो जाती है , और थोड़ी देर बाद एक भयानक हंसी के साथ फिर प्रगट हो जाती है और कहती है बड़े भोले हो तुम जाओ प्यार की खातिर तुम्हे आज़ाद किया , देव थोड़ा रिलैक्स हो जाता है , तभी सबकुछ शांत हो जाता है , की अचानक देव के सीन में भयानक दर्द उठता है , वो अपना सीना दबाता है उसे ऐसा लगता है जैसे कोई उसके जिस्म से उसका दिल निकाल रहा है , तभी तृप्ति एक बार फिर दिखती है इस बार उसका रूप बहुत भयानक हो जाता है , देव मैं चाहूँ तो अभी तुम्हारा दिल निकाल कर तुम्हारे जिस्म की धड़कने बंद कर सकती हूँ मगर मैं तुम्हे तुम्हारी मर्ज़ी के साथ पूरी तरह से पाना चाहती हूँ , क्या तुम्हे मेरी तड़पती रूह पर ज़रा भी तरस नहीं आता जीते जी तो तुमने कभी मेरी कदर नहीं जानी मगर मरने के बाद तो तुम्हे मेरी मौत पर आंसू बहाना चाहिए था देव , खैर कोई बात नहीं जीते जी न सही मर कर तो तुम मेरे हो ही जाओगे , जाओ जी लो तब तक अपनी बची हुयी ज़िन्दगी इस माह अमावश की रात तुम्हारी ज़िन्दगी की आखिरी रात होगी क्यों की इस रात आत्माओ की ताक़त बहुत बढ़ जाती है , इसके बाद अमावश की काली रात में होगा हमारी रूहों का मधुर मिलन इतना कह कर तृप्ति की रूह हंसती हुयी वहाँ से चली जाती है ।

shayari hindi mai,

देव अपनी पत्नी वर्षा को फोन लगाता है , वर्षा .. हेलो हाँ जी कैसे हो , देव.. मैं ठीक हूँ तुम कैसी हो , वर्षा .. मेरा क्या मायके हूँ ऐश कर रही , हूँ सेव काटते वक़्त ज़रा चक्कू लग गया है , वही बैंडेज लगा रही हूँ , देव … अपना ख़याल रखना वो कॉलेज वाली तृप्ति तुम्हे याद है न वर्षा … तुम्हे आज भी कॉलेज की लडकियां याद आती हैं बड़े बेशरम हो तुम , देव … अरे वो जो तृप्ति थी न जिसने नश काट ली थी , वर्षा .. हाँ तो , देव … उसका भूत मेरे पीछे पड़ा है , वर्षा ,, हाँ तो अच्छा है न ज़िंदा कोई तुम्हे मिलता नहीं तो चुड़ैल के साथ ही इश्क़ लड़ाओ , देव… प्लीज़ समझो मैं मज़ाक नहीं कर रहा हूँ कसम से तिम्हारी कसम ,, वर्षा ,, अच्छा तो मेरे जाते ही जनाब ने दिन में भी शराब पीनी सुरु कर दी है , रुको लॉक डाउन ख़त्म होते ही मैं फ़ौरन आती हूँ , आकर ख़बर लेती हूँ तुम्हारी , और फोन काट देती है , वर्षा के फोन काटते ही देव अपने सबसे करीबी दोस्त रीतेश को फोन लगाता है , और उसे फ़ौरन घर बुलाता है , और सारी घटना चक्र का वृत्तांत उसे बताता है , रीतेश बोलता है भाई देख आज के समय में तेरी इस बात पर कोई यकीन तो नहीं करेगा मगर मुझे तुझ पर पूरा यकीन है यहां से लगभग १५० किलोमीटर दूर काली पहड़िया है जहाँ जाने माने तांत्रिक हैं उन्ही के पास चलते हैं कल सुबह ही , देव कहता है यार रीतेश तू आज यहीं रुक जा सुबह जल्दी निकल चलेंगे रीतेश बोलता है तेरे लिए जान हाज़िर है मेरे भाई मैं आज यहीं रुकता हूँ दोनों एक ही बेड पर लेटकर रात गुज़ारते हैं , मगर देव की आँखों में नींद कहाँ थी रह रह कर खून से लथपथ तृप्ति का चेहरा उसके सामने आजाता था फिर कहीं वर्षा के बार में अंजना सा डर मन की मन को खाये जा रहा था , तभी देव को याद आया

story in flash back ,

तृप्ति की मौत के पहले कॉलेज के दिनों में वर्षा की स्कूटी का एक्सीडेंट हुआ था , तब बाइक रिपेयर ने बोला की आपकी स्कूटी की ब्रेक वायर किसी ने काट दी थी मैडम तब देव को ये पता नहीं था की ये हरकत तृप्ति द्वारा की हुयी थी । और कॉलेज की प्रैक्टिकल लैब में जो वर्षा के ऊपर एसिड गिर गया था वो भी तृप्ति ने जान बूझकर गिराया था , वो तो गनीमत थी की एसिड ज़्यादा तेज़ नहीं था और वर्षा ने जीन्स पहना हुआ था , वरना उसका असर जिस्म तक हो सकता था , यही सब सोचते जाने कब सुबह हो जाती है पता ही नहीं चलता है , और सुबह होते ही देव और रितेश की कार काली पहड़िया के रवाना हो जाती हैं । काली पहड़िया पहुंचते ही दोनों तांत्रिक को सारे घटना चक्र से अवगत करवाते हैं तभी त्रिकाल विद्या से देखकर तांत्रिक देव को बताता है की तुम्हारे ऊपर बहुत ही खतरनाक चुड़ैल का साया है , जिस चुड़ैल का साया है उसकी मौत भरी जवानी में हुयी थी जिसके कारण वो और भी ताक़तवर हो गयी है , वो तुम्हे बिना तुम्हारी मर्ज़ी के नहीं ले जा सकती है क्यों की वो तुम्हारे प्यार में मरी थी इस कारण उसका तुम्हारा दिल जीतना ज़रूरी बन जाता है , अगर तुम्हारा झुकाव ज़रा भी उसकी तरफ हुआ तो वो तुम्हारा दिल तुम्हारे जिस्म से निकाल कर बाहर फेंक देगी और तुम्हारी रूह को अपने साथ ले जायेगा , देव ,, निवारण का उपाय पूछता है , तांत्रिक बताता है , इस महीने की अमावश तक अगर तुम खुद को बचा ले गए तो ठीक है वरना तुम्हारी मृत्यु सुनिश्चित है , तुम्हे फ़ौरन अपनी पत्नी को बुलाना होगा , जिससे ज़्यादा से ज़्यादा समय तक तुम अपनी पत्नी के साथ रह पाओ और और उस चुड़ैल के बारे में न सोचो , और हाँ जैसा की मैं देख पा रहा हूँ तुम्हारे बेड रूम की अलमारी में एक डायरी रखी है जिसके पन्नो में एक सूखा सूखे हुए काले गुलाब की पंखुड़ियां रखी हुयी हैं जो की काले जादू से से अभिशापित है , उसे उस चुड़ैल बनी लड़की ने तुम्हे तब दिया था जब वो ज़िंदा थी तुमने उस गुलाब को न देखा न छुआ ये तुम्हारा सौभाग्य था ,  शायद काला जादू आखरी दांव था उस लड़की का तुम पर जिसकी असफलता वो बर्दास्त नहीं कर पायी और आत्महत्या कर ली ।

new kahaniyan

तांत्रिक से विदा लेकर देव और रितेश फ़ौरन अपने घर को रवाना होते और वर्षा को भी घर पहुंचने के लिए कहते हैं , और

जैसे ही देव अपने घर के अंदर पहुँचता है , वर्षा का बैग देखकर खुश हो जाता है वो वर्षा वर्षा कहता हुआ अंदर के कमरों की तरफ बढ़ता है वर्षा को ढूढ़ता हुआ जब देव बेड रूम में पहुँचता है तो वहाँ का भयानक दृश्य देखकर वो डर जाता है , सामने बेड पर वर्षा खून से लथ पथ पडी हुयी है ऊपर सीलिंग पर चुड़ैल बनी तृप्ति मुँह से खून की लार टपकाते हुए वर्षा को घूरे जा रही थी , वर्षा को ऐसी हालत में देखते ही वर्षा चिल्लाता हुआ देव वर्षा की तरफ बढ़ता है , मगर बीच में तृप्ति आजाती है और देव को कहती है देव देखो देव तुम सिर्फ मेरे हो , मैंने मरने से पहले तुम्हे एक फूल भेजा था जिसे इस वर्षा ने तुम्हे नहीं दिया , वो फूल आज भी इस अलमारी में तुम्हारी डायरी में मेरे प्यार की निशानी के रूप में रखा हुआ है , देव फ़ौरन लपक कर डायरी को अलमारी से निकालता है और अपनी जेब में रखे लाइटर से फूल को जलाने लगता है तभी तृप्ति सीलिंग से नीचे उतर कर वर्षा की गर्दन में अपने नुकीले नाखून का कसाव बढ़ा देती है , ज़ख़्मी हालत में ही वर्षा देव को कहती है मेरी जान की परवाह मत करो देव जला दो इस फूल को इस चुड़ैल से मुक्ति पाने का यही एक रास्ता है , देव कहता है देखी तृप्ति यही मोहब्बत कहलाती है एक मोहब्बत की खातिर किसी की जान लेना चाहता है और एक मोहब्बत में अपनी जान न्योछावर करने के लिए भी तैयार है , वर्षा और देव का एक दुसरे के प्रति प्यार में समर्पण देखकर तृप्ति की आँखे भर आती है वो आगे बढ़कर उस काले गुलाब को अपने हाँथ से जलाती है और उसी काले गुलाब के धुएं के साथ के खिड़की से आसमान की ऊंचाइयों में चली जाती है ।

story finished ,

pics taken by google ,