मौत के सौदा first bagheli horror story ,
रात के ढाई बजे का बखत लगभग सगळा रीमा गहरी नींद माँ सोएगा ते , दूर ढेकहा माँ कौनौ पान के दूकान में चिमनी टिमटिमात रही , तबहिन दरोगा जी अपने खटारा जीप माँ एक ठे मुंसी का बैठाये नगर के गश्ती माँ निकले रहे , चिमनी के रौशनी देख कर मुंशी जी जीप माँ ब्रेक मार दिहिन और जीपौ सरकत सरकत दस फर्लांग दूरी भर जाय के खड़ी भै , अंग्रेजन के जमाने के जीप आये नगर सेठन के मेहरबानी से ओमा तेल डर रत है होइगा वा स्टार्ट होइ जाथी एतनै बहुत आये , रिटायर मेनटी माँ मुंशी जी के दुइ महीना बचे हैं तऊ मूँछन के ताव जाय नहीं रहा आये , मुंसाईन इनका बार बरोबर भाव नहीं देती आएं घरे गए की बाद सब्जी ए इन काटत हैं फेर आटा सनहीं तबै रात के बिरियारी बनथी , मुंशी जी तशमई के बहुत शौक़ीन हेमैन या बात और हिबै की शुगर के गोली खात हमैं , नहीं ता मरी जइहीं डॉक्टर कहिस ही , मूंछ माँ ताव देत अबे जीप रुकबै भै ते की दरोगा साहेब के इशारा पउतै रौब से टपरी वाले का कहत हैं का बे छुट्टन एतनी रात गए तै अबे तक दूकान खोले हए आज ता रेवांचलौ टाइम माँ आइगै ते , फेर तू या कोहरा में धुकना काहे ताप रहे ह्यै , तबहिन छुट्टन मुंशी जी के कान में कहत है अबे ता सगळी रात पड़ी है साहेब , असली माल ता अबहिंन आवथे दरोगा साहेब जीप से आवाज़ लगवात हमैं एक ठे चटनी चमनबहार और गरी के पान लगवाय लै मुंशी जी छुट्टन से कहिन लगा दे एक ठे पान , छुट्टन पान लगावैं में लगि गा , तबहिन टपरा के पीछे से कौनौ के कराहें के आवाज़ आवथि दरोगा जी कहथें धौ देखा पीछे कौनौ मेहरिया रोये रही है का मुंशी , छुट्टन कहत है कौनौ न होये साहेब पीछे पिलई बियान हिबै , पान खाये के बाद मुंशी जी फ़ौरन आगे गाड़ी बढ़ा देथें , तबहिन एक ठे तीन पोकिया पोक पोकात नज़र आवथि दरोगा जी मुंशी से कहत हें , या कहाँ भगा जात लाग है अंधियारे माँ , मुंशी जी झट्टीन से जवाब देथें बाईपास के ऑटो आये साहेब सवारी छोड़ के जात होइ , दरोगा जी मंद मंद मुस्कनिया लेत मुंशी जी के तरफ देखत हें और कहत हें तोहई सब के बराबर खबर रहथी, मुंशी जी कहथें अब चालीस साल होइगा साहेब पुलिस महकमा माँ नौकरी करत अब एतना खबर ता राखैं का पड़थे , पुलिस के गाडी जातै छुट्टन अपने काम माँ लागि जाथै और टपरा के पीछे जाइके कहत है जान से न मारै रे तबहिन एक ठे नवव्याहता मेहरिया उठत ही जरबरिया कैत भागत ही और एक आदमी पीछे से एक लबेद्धा खींच के मारत है व ओहिन ठे धड़ाम से गिरी जाथी , सब ओखर गहना जवाहरात उतार लेथें और गला रेते के बाद ढेकहां कैत का निकल लेथें , और ओहि मैन चौराहा मा फेंके के बाद निकल लेथें ,
cut to ,
अबै ऑटो कुछ आगे बढ़ा रहा होई तबहिन दुइ थे मेहरिया मेंसेरुआ आगे देखाने उन्ही लाग की ऑटो मिलिगा अब नबौना बस स्टैंड से अनंतपुर तक पैदल न जाए का पड़ी लेकिन ऑटो जब नहीं रोकिस ता मेहरिया मेंसेरुआ चिल्लाने रुका हो ऑटो वाले भैया इंटौरा बाईपास चलैं का रहा है , केतना लेहै ऑटो वाला अबे धीम करबै भा ते की क्लीनर कहिस रात के टाइम है ५०० लेब चलैं का होये ता चला नहीं ता आपन रस्ता नापा मेहरिया मेंसेरुआ जानौ समझदार रहें , कहिन ठीक है ले लिहे भाई जेतना लेते होये हमहीं तैं इंटौरा पहुचाय दे , ऑटो माँ दुनहु अबे बैठबै भें ते की मेहरिया चिल्लान न हो हमार पायल गायब होइ गई मेंसेरुए कहिस तहिन आँधर अस चलते हए कहूं रख दिहे होइहें बैग माँ मेहरिया कहिस नहीं हो हम घर से निकलत के टाइम पहिने रहे हैन मेंसेरुआ कहिस शांत रहु घर चल के देखे जैसे तइसन इंटौरा आबा दुनहू बस स्टैंड माँ उतरे ऑटो वाले का पैसा दिहिन और आपन बैग निकालें लागे तबहिन मेहरिया पूण चिलान हमर एक थे बैग गायब है , तीन ठे बैग रहे करियनमा नहीं आये ओहिन माँ हमार गहना गुरिया रखा रहा हबैं तब ऑटो वाला वहाँ से भाग गा , दुनहूँ चोर चोर चोर चिल्लातै रही गें, आगे जाइ के क्लीनर बैग चेक करिस और ऑटो वाले से कहिस गुरु आज अच्छा माल हाँथे लगा है , एमा बहुत जेवर हमें लागत है सारे हरे बरात से आये रहे हमैं, ड्राइवर कहिस मेहरिया चेचर रही बर्बाद कई दिहिस मेंसेरुआ का , वा काहे बर्बाद कई दिहिस बर्बाद हम पंचे नगद के कई दिहेन , बिहान होइन वाला रहा , की तबहिन दुइ ठे कस्टमर और मिली गें , ऑटो रोकाइन पूछिन रेलवे चलिहै भाई , ऑटो वाले रोकिन नहीं भाग गें कस्टमर चिल्लाइस डबल किराया ले लिहे रे माद ,,,,,, तल्हे तक माँ ऑटो बहुत दूर निकलीं गे रहा ।
बिहन्ने बघेली अखबार माँ समाचार छपा रहा की ढेकहा तिराहा माँ कौनौ अज्ञात महिला के सिरकटी लाश मिली हिबै जेखर शिनाख्त मा सगळा पुलिस महकमा जुटा हबै , दरोगा जी मुंशी कैत देखत कहत हें न हो मुंशी काल रात के जब हम कहे रहेन की पान के टपरा के पाछे से कौनौ मेहरिया के रोबैं के आवाज़ आवत लाग ही ता वा पान वाला का कहत रहा साहेब पिलई बियान हिबै पिलई पिल्बा बार नहीं बियान रहा आये या केस ओहिन ठे के आये अब हमहीं सब समझ आये रहा हबै , तबै मुंशी दरोगा जी के हाँथ माँ १०,००० के नोट थमावत कहत है साहेब या ढेकहा के वसूली आइगै ही तबहिन दरोगा साहेब कहथें या बेर बिहन्नेन बिहन्ने पैसा आई गा का बात है मुंशी , मुंशी जी तपाक से जवाब दिहिन अब ता ऑनलाइन के जमाना न आईगा है साहेब सब तुरंतै होत है दरोगा साहेब कहथें तूँ या ऑनलाइन के चक्कर माँ कहूं हमहीं न निपोर दीहै ,
रीवा से ४० किलोमीटर दूर बरदहा घाटी में राति के लगभग १२ बज चुके रहे हमैं तबहिन खून से लथपथ एक आदमी गुफा
के सामने जाथै और गुफा माँ रौशनी देखा थी गुफा के दीवारन से खून के धार बही रही हिबै दीवारन माँ मशाल के जगह लोगन के कटे हाँथ जल रहे हमैं , तबहिन व आदमी खून से लथपथ हाँथ मा कटा मनई के सिर लये गुफा के भीतर घुसत हैं , तबहिन बाहर एक ठे जीप और आये के रुकथी गाडी के लाइट बंद भये के बाद एक और आदमी गाडी से उतरत है और सरकटी लाश का गुफा के बहिरेन दरवाजा माँ डारि के चला जाथै, सिर का भीतर पटके के बाद व आदमी वापस गुफा के बाहर जाथै अबके बार सरकटी लाश के गोड़ पकड़ कर के घसीटत गुफा के भीतर ले जाथै और शैतान के मूर्ती के सामने लाश का गुरी गुरी काटे के बाद बने फव्वारा माँ वा सरकटी लाश के टुकड़न का डार के प्रार्थना करथै और कहते हे शमशान के देउता हमहीं एतना शक्तिशाली बना देई की सगळी दुनिया माँ हमहीन राज करी, मान लेई की सगळे रीवा माँ हमार दबदबा होय मंत्री से लैके विधायक तक सी ए से लैके के एम् एल ए तक सब हमरे आगे पाछे तरी ऊपर बागैं, हॉस्पिटल चौराहा से लै के सिरमौर चौराहा तक एन कैत अनंत पुर से ढेकहा तिराहा सामान नाका और रतहरा तक , ओन कैत बधवार बरसैता सब हमरे नाम से काँपै बस प्रभु , एतनै कृपा बनाये रखी हम एहिन माँ खुश हैन,
घोघर तकिया के छटा बदमाश पुत्तन पगलान है आजकल गांजा कोरेक्स के खेप ढ़ोबत ढ़ोबत खुद कोरेक्सी होइगा है सार , लोगन के नज़र माँ पागल बना सगळी रात अंतरिन माँ नगड़ा बागत है , सगळा मोहल्ला परेशान है , अम्मा ओखर चिल्ला चिल्ला के परेशान ही दिन भर गरियावत ही मरिउ नहीं जाए दहिजार के चो,,,,, पुत्तन का इन सब बातन के कौनौ फरक नहीं पड़ै , हाँ आधी रात के जरूर ओखे लघे कौनौ के फोन आवत है और व रात भरे का गायब होइ जाथै , कहाँ जाथै का करथै केहू कुछु नहीं जानत आये , रात के १० बज चुके हमैं घर के ओसारी माँ पुत्तन खटिया डारे पसरा है मेहरिया आइके काने माँ कहत ही न हो जउन तूँ हमहीं अंगूठी दीहै ते न ओमा खून लगा हबै , कौनौ का क़तल ता नहीं किहै आहै पुत्तन कहत है वा खून न होय व सिन्दूर आये पूजा के लगी गा होई व भागा भागा जाइके आपन जर्किन के जेब टटोहत है , भीतर गुलगुल लागत है ओमा ओही ढेकहा वाली मेहरिया के कटी हुयी ऊँगली मिळत ही वा ओही निकाल के तुरंतै नाली माँ फेंक देथे, तबहिन ओखे मोबाइल माँ मैसेज आवत है , गाडी उंचेहरा क्रॉस कई गई हिबै १ घंटा के भीतर पहुंच जई रतहरा बाई पास माँ मिला , गाड़ी का सीहोर से बुक कई के इलाहाबाद लै जात रहे हमैं , एक ठे चमचमात बोलेरो पुत्तन के दुआरे माँ आइके खड़ी भै पुत्तन स्नो पॉउडर लगा कर फ़ौरन तैयार भ गाड़ी माँ बैठ और निकलिगा, रास्ता माँ बड़ी पुल के लांघे जब गाडी पहुंची ता एक ठे चिल्लान हो दा बे वा ईको पार्क माँ देख कौनौ लटकत लाग है , पुत्तन ड्राइवर का कहिस गाडी तेज़ चलाव माँ ,,,,, वा बंदरिया वाली चुड़ैल आये दिन माँ साइकिल वाले लटकत हें रात के बंदरिया के चुड़ैल लटकथी होई , ड्राइवर फटी के आलम माँ आई जाथै और फुल एक्सीलेटर दाब डेथै और सीधा चोरहटा बाई पास माँ जाके रुकत हैं , एक ठे लाल रंग के चमचमात सफारी गाड़ी हाइवे माँ दौड़ी जाए रही हिबै , की तबहिन बोलेरो बीच रोड में आइके आडी खड़ी होइगै सफारी वाला गाडी रोक दिहिस सफारी माँ बैठे पैसेंजर ड्राइवर के कनपटी माँ रिवॉल्वर तान दिहिन , ड्राइवर कुछु समझ पावत ओसे पहिले बोलेरो से पुत्तन अली अपने गुरगन के साथ उतरा ड्राइवर का गाडी से खींचिस सगळा रूपया पैसा सोना चांदी लूटिस और वहाँ से निकलिगा , अब सफारी माँ सवार पैसेंजर वाली टीम ड्राइवर का झाडिन माँ घसीट के लै गई एक ठे जींस माँ फसे पीछे से खंज़र निकालिस और ड्राइवर के तरफ बढ़ा ड्राइवर रोबैं लाग उनके गोड़े माँ गिरिगा कहिस भाई का गलती होइगै हमसे सब ता लूट लिहै अब जान से न मारा लेकिन कौनौ का ओके ऊपर दया नहीं आई और एक ठे पीछे से ओखे पिठाहें माँ खंज़र धौक दिहिस , और सगळे घपा घप ओहि पेलैं लागे और जब व मरिगा ता ओखर गला रेतिन अब सर कटी लाश का एक दुसरे गाडी माँ लाद के बरदहा घाटी कैत का रवाना कै दीन्हिन,
cut to ,
बनकुइयाँ के क्रेसर उत्तर प्रदेश माँ गिट्टी के सप्लाई बंद भये के बाद खण्डहरन माँ तब्दील होएं लागे हमें , उनहीन माँ से एक गज्जूमल का अपराध के गढ़ बनी गा है ओहिन माँ ऊँ आपन ठीहा जमाये चार ठे रूहअल्लन का जुहाए बैठ रहथें राति के २ बाजत रहा होइ के गज्जूमल के ठीहा माँ रिपोर्ट आवत ही की आज तमरा दुआरी कैत से आवैं वाली गांजा के खेप का पुलिस धई दबोची नबा आ, जी, आबा है वा जहां जहां गा है सबका सड़ करे रहा हबै , गज्जूमल कहिन ता अइसन है तै फोन लगाओ गजोधरवा का, ओही बोल की गज्जूमल तोहईं याद करिन हिमें गज्जू मल के गुरगा फोन लगावत है , गजोधरवा के रिप्लाई आवत है का होइगा हो हम ड्यूटी माँ निकलत रहे हैन , जल्दी बोला गुरगा कहिस गज्जू दादा अपना से मिलएँ चाहत रहे हमैं , ता अपना कबे तक ठीहा तक पहुँचब गजोधर कहत हें अबे हम कोतवाली जाब एखे बाद जब गस्ती माँ निकलब तब फेर औब या बात गज्जूमल सुन लै जाथें और गुरगा के हाँथे से फोन छुड़ाय लेथें और कहथें सुनी ता महराज अपना के फायदा के बात आय या बेर कमीशन डबल रही अपना अई ता गजोधर कहिन ठीक है नबा आई जी आबा है बहुत टाइट करे है सबका दुनहूँ टाइम थाना माँ हाजिरी देय का पडत है हम हरबिन आबैं के कोशिश करब , गज्जूमल कहिन अई फेर चखना का कड़कनाथ है सतना से मगवाये हैन स्पेशल अपना के खातिर , गजोधर हओ बोल के फोन काट देथें और कहत है माँ,,,,,, इहाँ नौकरी बचाबैं के पड़ा है उन्हीं कड़कनाथ देखात लाग हबै , शहर माँ गश्ती मारे के बाद गजोधर के गाडी मुंशी के साथ गज्जूमल के ठीहा पहुंच जात ही , तीन चार बेर लाइट के अपर डिपर जलाये के बाद गज्जूमल के गुर्गा आइके गजोधर के गाड़ी के गेट खोलत है , सगळे गज्जूमल के ठीहा के अंदर प्रवेश कई जाथें गज्जू और गजोधर के दुआ सलाम के बाद सब आपन आपन आसन ग्रहण करथें गजोधर कहथें का होइगा गज्जू दादा जउन इतनी रात हमका याद करे हैन , तब तक सामने टेबल माँ ब्लैक डॉग के एक ठे खम्भा रोस्टेड कड़कनाथ के साथ परोश दीन्ह जाथै अबे एक गज्जूमल खुद पेग बनाबैं लगी जाथें और गजोधर से पूँछत हैं सोडा के साथ लेब की पानी के साथ गजोधर कहथें की अपना ता जानित हैन हम नीड पीथे , और गिलास आगे बढ़ाय देथें एखे बाद गांजा के दौर सुरु होथै चिलम बढ़ावत गज्जूमल कहथें लेई हुकुम या बेर तमरा दुआरी कैत से माल आवत लाग है सुने हैन नबा आई जी बहुत कड़क है नबा नबा है तगड़ी चेकिंग लगाए है , बस या बेर कैसौ मैसौ माल पार कराय देई मान लेई की बड़ा उपकार होई अपना के , गजोधर कहत हैं बड़ा खातिर दारी कई रहे हैन हम समझी गेन ते जबे जबे खातिर दारी होथि तबेन तबे पेलाइव जम के होथी गज्जूमल कहिन अपना मानी हमार बात या बेर कोउ न पेली गजोधर कहिन पिछले बेर अपना रामनई भेजेन ते सगळी टीम का बाँध लिहिन ते गांजा तस्कर बहुत पेलिन और रात भर खेत जोतवाइन रहा , गज्जूमल कहिन ता छोड़बौबौ ता हमहीन भैन ते और अपने गुर्गा का गज्जूमल आदेश देथें ददन ले आओ रे साहब का प्रशाद या देखी या बेर प्योर गोल्ड सोने के पिलई मगवाये हैन ख़ास अपना के खातिर , और टेबल माँ थाल में २ लाख रुपया के साथ धई दीन्ह जाथै , गज्जूमल कपडा हटावाथें गजोधर के साथ बैठे मुंशी दरोगा के आँखी फटी के फटी रहि जाथि मुंशी और दरोगा गजोधर एक लाख अपने ज़ेबा माँ डारथें और बचा पचास पचास हज़ार दरोगा और मुंशी आपस माँ बाँट लेथे और डील डन करे के बाद वहाँ से निकलि लेथें ,
गइल माँ गजोधर कहथें वादा ता कई लिहे हैं मानी ले डेरन के मारे , बाकी पेले पहिलेव गेन ते पेले अबहिनौ जाब या
हमहीं अच्छे से पता है , मना कई नहीं सकी , तबहिन मुनशीबा काहिश साहेब एक बेर जब इनखर माल पपरा पहाड़ कैत से आवत रहा ता झिन्ना ककलपुर माँ धइ दबोचीन ते और बोरा माँ बंद कइके आमा के पेड़ माँ टांग दिहिन ते और राति भर अस कचरिन की हाड़ा चौमासे माँ अबहिनौ पिराथै तबहिन दरोगा कहिस रात भर ता पेलाई ता भाबै भैं ते जे बिहन्ने झाड़े जात रहा वा गइल से उहौ एक एक पनहीं मार के जात रहा , एखे बाद दिन भर खेत के मेढ़ मिजवाइन , और जब तक गज्जूमल नहीं पहुंचे तब भर नहीं जाय नहीं दिहिन , मना कई देई साहेब गजोधर कहीं कइसन के मना कई देई बयाना ता लै चुके हैन जनतै ह्यै की इन गांजा तस्करन के एतना तगड़ा नेटवर्क रहत है की बचिके जैहै ता जैहै कहाँ , कैसौ मैसौ यहां से बची जैहै ता गज्जूमल सैतान खोपड़ी माँ लै जाके बलि दै देई और हम पंचें एतने बदनाम हैन की पुलिस महक़मौ हमार पंचें के साथ न देई सिपाही थाने दार होइगे और तूँ आजौ मुंशी के मुंशी हये और एहिन से रिटायरौ होइ जैहै ऐसे अच्छा है की माल कमाने में ध्यान दो , बोल मुनशीबा चिलिम आगे बढ़ाइस एहिन के साथ गाडी आगे बढ़ी गई ,
cut to ,
रात के तकरीबन १२ बज चुके रहे हमैं नवा बस स्टैंड माँ कामायनी आबै भै ते जौं पैसेंजर बिचारा आबा होय लागत है पहली पहली बेर रीमा आबा रहा बस स्टैंड माँ उतरते बिल्लियाय गा ऑटो वाले ओही गैर लिहिन ओखर बैग पकड़ के खींचै लागे एक ठे ता ओही घसीट के अपने ऑटो माँ लैजाके बैठाय दिहिस और सवारी हेरैं लाग तबहिन वा आदमी के फोन आएगा उनके मित्र के लड़िका के वा पूंछिस कहाँ हैन अंकल जी व आदमी कहिस ऑटो माँ बैठाये हैँ जबरई नेहरू नगर कैत जौं ओवर ब्रिज है ओहिन के नीचे ऑटो खड़ा कए है हम कहेन की बघमड़ा जाय का है ता कहत है अपना जहां जाब उहाँ छोड़ब अपना का तबहिन मित्र के लड़का पहुंच जाथै और उन्ही अपने साथ बैठाय लेथै, और गाडी का लोही वाले बाईपास माँ दौड़ाय देथै , अबे गाडी लोही फ्लाई ओवर तक पहुँचबै भा ते की चार थे मुस्टंडा पुलिया ठे बैठ रहें स्कूटी का देख के आगे बढे लड़िकाउना गाडी तेज़ कई दिहिस और भागी गा स्कूटी माँ पीछे बैठै वाला आदमी पूछिस न दादू रीवा के बारे माँ बहुत सुने रहेन बहुत खतरनाक हैँ इहाँ के लोग देखे के बाद यकीन होइगा अबे स्कूटी रीठी मोड़ से भीतर का घुसबै भै ते की दूर खेतबा माँ चार ठे रुहल्ला गांजा पियत बैठ रहे एक ठे चिल्लान को आहै रुका हो लड़िकाउना कहिस हम आहेन ददई के नाती ओ कैत से जवाब आबा जा होइगा स्कूटी आगे बढ़ी गई पीछे वाला मनई कहिस हमार ता जानै सूखी गई ते , लड़िकाउना कहिस हेन कैत कौनौ दिक्कत नहीं आय दबदबा है हमार , तबहिन गज्जूमल के फोन गनगना जाथै घर के बहरै अंकल जी का उतारी के लड़िकाउना दुआरे कैत का भागत है , वापस गज्जूमल का फोन लगावत है , गज्जू के गुरगा फोन उठावत है और कहत है कहाँ मरी गए ते बे दादा तोहिं याद करत रहे हमैं , गज्जू पूछिस को आये बे गुर्गा कहसि वो बघमाड़ा वाला डीलर आये गज्जू कहीं ले आओ बात कराओ गुर्गा गज्जू के हाँथ माँ फोन थमा दिहिस गज्जू लड़िकाउना का हड़काई के कहिस काबे ददई के नाती तोहूँ का माल चाही न ता अपने छर्रबेन का लै के तमरा दुआरी पहुँच गाँजा ओहिन के बाई पास से निकली नबा आई जी आबा है , कौनौ बीच में आबै सीधा ठोंक दीन्हे जो मर्जी दादा कहिके लड़िकाउना अपने साथी मित्रन एक फोन लगाबै लाग सगली टीम तमरा दुआरी का रवाना होइ गई गज्जूमल का खबर आई की या बेर माल पेट्रोल के टैंकर माँ आई रहा है , पिछले बेर एम्बुलेंस माँ रहा ता पुलिस छाप दिहिस ते , अगले दिन सगळे बाईपास माँ गस्ती तेज़ होइगै ते कुछ देर माँ गजोधर अपने लाव लश्कर के साथ लाये खटारा हाईवे माँ गज्जू मल के सपोर्ट के खातिर आगे बढ़तै रहे की मुंशीबा काहिश हुकुम होदा पीछे आई जी साहेब के गाडी आइगै , थोड़ी देर माँ आई जी साहेब के गाडी ओवर टेक करिश व गजोधर के गाडी देखि लै गई वायरलेस माँ फोन आबा तोहार ड्यूटी धोबिया टंकी से सिरमौर चौरा के बीच गश्ती माँ लगी हिबै और तुम यहां मटक रहे हो चलो हमारे साथ आ जाओ एक घनघोर अपराधी को पकड़ने चलना है , गजोधर के गाडी आई जी साहेब के क़ाफ़िला माँ शामिल होइ गई , गजोधर गज्जूमल का अपने नोकिआ ३३१५ से फोन करथें और कहत हैं आई जी साहेब अपने साथ खींच लिहिन हो गज्जू हम साथ ता देब बाकी सामने से न देब बैक अप सपोर्ट हमार फुल रही , गज्जूमल कहिस अपना कौड़ी काम के नहीं आहेन और फोन काट दिहिस रात के २ बजे एक तेज़ रफ़्तार टैंकर बाई पास से गुजरा आई साहेब के फ़ोर्स चेकनाका माँ जैसै ओहि रोकिन और पूछिन का है बे एमा ड्राइवर कहिस कुछ नहीं साहेब डीजल है एमा सबइंस्पेक्टर कहिस रफ़्तार बहुत तेज़ रही तोहार एक ठे सिपाही का टैंकर के ऊपर चढ़ा दिहिन कहिन देख का है एमा सिपाही अबे टैंकर के ऊपर चढ़ते रहा है की ड्राइवर गाड़ी स्टार्ट कई के भाग खड़ा भा इहै झटका माँ सिपाही भुई माँ मुँह बरे गिरा धड़ाम उतरा , टोपी सम्हालत तुरंत उठा और एक ठे जीप माँ लदी लिहिस पुलिस फ़ोर्स टैंकर के पीछे लगी गई सगळे हाइवे के चेकपोस्टन माँ पुलिस तैनात होइगै , एन कैत अंधियारे के फ़ायदा उठावत टैंकर भीतरी होते हुए रायपुर कर्चुलियान से घुसिगा गाँव के भीतर और भीतरे भीतर बैकुंठपुर होते हुए पहुँचिगा बरदहा घाटी सैतान खोपड़ी के इलाका माँ जहां गए के बाद पोलीसौ प्रशासन के जंगल माँ घुसैन के हिम्मत नहीं पड़ै। एंघा कैत आई जी साहेब ढूंढते रहगें की गांजा के खेप आखिर गई कहाँ , सकारे तक भरे माँ पुलिस लोकेशन ट्रेस कई पाइस की टैंकर बरदहा घाटी के सैतान खोपड़ी वाले इलाका माँ देखा गा है , आई जी साहेब कहिन लावलश्कर हइयै है देर किस बात की घुस चलो शैतान खोपड़ी के इलाके में आई जी साहेब के आदेश की अवहेलना नहीं की जा सकती है बरदहा घाटी के चप्पा चप्पा छान मारा जात है मगर मगर गांजा के खेप नहीं मिले लास्ट माँ उत्तरप्रदेश के बॉर्डर माँ टैंकर के लोकेशन ट्रेस होथी जब तक फ़ोर्स वहाँ पहुँचत ही तब तक भरे माँ सगळा माल बॉर्डर क्रॉस कई चुका होत है, और फ़ोर्स का वापस आबैं का पड़ी जात है।
story continue ………
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