adult horror story in hindi horrific family 2 ,
टॉप एंगल व्यू पेड़ के पत्तों के झुरमुट से ज़ूम इन होता हुआ कैमरा सीधा चूल्हे में चढ़े बर्तन में पक रहे कौआ और कबूतर के गोस्त पर पड़ता है , तभी तुतलाता हुआ ललबी गोस्त पका रही छकौड़ियाइन के गले से लग कर बोलता है अम्मा हम तब तत इन चिलिया चुनुगुन का मांस पका पका कर खायेगे , हमें अब और नहीं बलदास्त नहीं होता और अधपका कौवा बर्तन से उठा कर चबाने लगता है , अभी ललबी ने कौआ की गर्दन पर दांत गड़ाकर एक निवाला नोचा ही था की कौआ कांव कांव करने लगता है , ललबी एक बार फिर उसकी गर्दन को दूसरे हाँथ से नोचता है , और गाली देता हुआ कहता है थूब कांय कांय कलता है मादल …. गाली सुनते ही छकौड़ियाइन ललबी के कान में गरमा गरम एक चमचा बजा देती है गरम गरम चमचा गले पर पड़ते ही ललबी की मरी हुयी खाल और जल कर लाल हो जाती है , और मचलता हुआ ललबी सूअरों के झुण्ड में गिरता पड़ता वहाँ वहाँ से भाग जाता है , तभी छकौड़ियाइन कहती हैं साली भूतों की भी मान मर्यादा होती है मर गए हैं इसका मतलब ये थोड़ी न कभी भी गाली गलौच करना सुरु कर दें ,
cut to ,
बंसी की एक पुरानी गर्लफ्रेंड है छौनी वो बंसी के बचपन का प्यार थी कोरोना संकट काल में उसके माँ बाप तार से लदे ट्रक में सवार होकर लौट रहे थे , रास्ते में ट्रक पलट जाने से उनकी मौत हो गयी थी , माँ बाप की मौत के बाद उसका कोई नहीं था ले देके बंसी ही उसका सहारा था , नहर किनारे बंसी अपनी महबूबा छौनी के साथ गुत्थम गुत्थी में लगा था तभी छुट्टन भैया की बुलेट धक् धक् करती उधर ही आ रही थी , छुट्टन भैया वार्डमेम्बरी का चुनाव जीतने के बाद प्रॉपर्टी डीलिंग में में भी अच्छा नोट कमा रहे थे , छुट्टन भैया के साथ बुलेट में उनका चमचा सूरज हमेशा उनके साथ बैठा रहता है , नहर किनारे पहुंचते ही छुट्टन अपना बुलेट रोक दिए और सूरज को बोले तनिक पेशाब कर लें , छुट्टन भैया को देखकर बंसी डर के मारे अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ चुपचाप नहर की मेड के नीचे छुप जाता है , तभी छुट्टन ऊपर से धार बहाना सुरु करता है सारी धार बंसी के मुँह में जाकर समां जाती है , कुछ बूढें छौनी के ऊपर भी जा गिरती हैं , तभी छौनी कुछ बोलना चाहती है , की बंसी उसका मुँह दबा लेता है , पेशाब करने के बाद छुट्टन गाड़ी स्टार्ट करके वहाँ से निकल जाता है , उनके जाते ही बंसी छौनी के मुँह से अपना हाँथ हटाता है , छौनी छुट्टन को गरियाना सुरु कर देती है , हराम के जने साले पवाईदार होगा तो अपने लिए साला ऊपर मूतेगा क्या , तभी बंशी की जिस्म में जलन महसूस होती है उसके शरीर से धुंआ निकलने लगता है छौनी की नज़र उसके जिस्म पर पड़े बड़े बड़े फफोलों पर पड़ती है , बंसी कहता है कोई बात नहीं पेशाब से जलाया है इन्होने मुझको अब मैं तेज़ाब से जलाऊंग इनको,
छुट्टन का बड़ा भाई घुन्नू ने हाईवे पर बहुत बड़ा कॉम्प्लेक्स बनवा लिया है , जिसमे बहुत सी दुकाने हैं , घुन्नू भैया अब बड़े आदमियों में गिने जाने लगे हैं , एक रात घुन्नू भैया दुकान से अपने घर लौट रहे थे , तभी सड़क किनारे कुछ लोग गोबर इकट्ठा करते हुए दिखे घुन्नू बोलै ये कौन हैं बे , घुन्नू के ड्राइवर ने कहा वही है छकौड़ियाइन का परिवार है रात में गोबर इकठ्ठा कर रहा है , घुन्नू नशे की हालत में था उसने ड्राइवर को बोला अबे अमेज़न में गोबर का कण्डा (उपले) बेचेंगे का बे पिए हम हैं चढ़ तुमको गयी हैं , ठीक से देखो बे हम तो छकौड़ियाइन को परिवार समेत ख़त्म कर चुके थे फिर बच कैसे गए भोस…. इस बार अच्छे से मारेंगे सालों को , और जीप दौड़ाता हुआ ड्राइवर वहाँ से आगे बढ़ जाता है , सुबह का वक़्त है , छुट्टन खाट पर बैठा अपनी पिस्तौल साफ़ कर रहा है , घुन्नू भैया एक कोने में बाल्टी में पानी लिए मंजन घिस रहे हैं , मंजन घिसते घिसते ही घुन्नू भैया से छुट्टन की गटरमस्ती बर्दास्त नहीं हुयी , उन्होंने बोला कुछ काम धंधा करो छुट्टन मियाँ खा खा के घोड़ हुए जा रहे हो काज ब्याह करने की उम्र हो गयी है तुम्हारी ,नाम की पार्षदी जीते हो तुम एक धेला न कमा पाए आज तक तुम सारा का सारा पैसा प्रॉपर्टी डीलिंग में लगाए बैठो हो कभी साइड पर जाओ और हाँ अब हमें छकौड़ियाइन वाली ज़मीन का कब्ज़ा चाहिए रोड निकलवानी हैं कॉलोनी की , बीच रास्ते में झोपड़ा तने बैठी थी साली , छुट्टन कहता है दादा आप हमें सुबह सुबह भाषण न दिया करो , हमारा सारा दिन खराब हो जाता है , घुन्नू बोलता है तो का कहें लाट साहेब को , कभी तक झाड़ियों में लडकियां लेकर घुसे रहोगे , किसी के बाप दादा ने देख लिए तो टपका देंगे वहीँ पर , पिस्तौल को अनलोड करते हुए छुट्टन कहता है दादा आप भी न बस डांटते रहते हैं , तभी न जाने कैसे पिस्तौल से गोली चल गयी और गोली सीधा छुट्टन की जांघ को चीरती हुयी आर पार निकल गयी , सब छुट्टन की तरफ दौड़े लेकिन तब तक गोली अपना काम कर चुकी थी , ये लो कर दिए कारनामा बन्दूक का लाइसेंस निकलवाना कितना कठिन है बड़ी मुश्किल से बनवाया था रिवॉल्वर का लाइसेंस खुद की गाडी पर खुद ही दनादन फायर किये जान का खतरा है बताकर बनवाया था बन्दूक का लाइसेंस और इन साहबज़ादे ने खुदई को ठोंक लिया अब भुगतो साले बैठे बिठाये आफत मोल लेने की का ज़रुरत रही बे , लंगड़े हो जाओगे साले जन्म भर को , और घुन्नू भैया आनन् फानन उसे हस्पताल लेकर जाते हैं , और छुट्टन का वहीँ इलाज सूरु हो जाता है , एक दिन बबलू बंटू के पिता जी अर्थात चौधरी साहेब अपने छोटे बेटे बंटू के साथ लैंडलॉर्ड घुन्नू भैया से मिलने आते हैं और बातों बातों में उनके छोटे बेटे बंटू और छकौड़ियाइन के परिवार के बीच हुयी घटना से अवगत कराते हैं , उनकी बात सुनकर घुन्नू हंस देता है और बंटू को कहता है अच्छा एक बात बताओ जब ऐसी बातें आप लोग सोचते हैं तो आपको सपने में भी भूत प्रेत दिखाई देते होंगे , बेटा देर रात तक जागना छोड़ दो , ऐसे में बेहद खतरनाक बीमारी से ग्रसित हो जाओगे , वैसे रात भर जागने वालों को इन्सोम्निया नार्मल हो ही जाता है , मगर धीरे धीरे बीमारी जानलेवा भी हो सकती है चौधरी साहेब इलाज़ करवाइये अपने साहबज़ादे का इनका भगवान ही मालिक है और एक्सक्यूज़ मी बोलता हुआ घुन्नू वहाँ से निकल जाता है ।
आज घुन्नू अपनी जीप में अकेला ही कॉम्प्लेक्स के लिए निकला है , गाड़ी सूनसान रास्ते में आगे बढ़ी जा रही थी , की
अचानक एक बुढ़िया जीप के सामने आ जाती है पावर ब्रेक के साथ एक चिंघाड़ की आवाज़के साथ कुछ इंच तक ज़मीन रौंदता हुआ जीप का टायर वहीँ धंस जाता है , घुन्नू गुस्से में उस बुढ़िया को चिल्लाने लगता है मरने के लिए तुझे मेरी ही गाड़ी मिली थी क्या और उतर कर बुढ़िया को किनारे करने की कोशिश करता है , वो बुढ़िया के काँधे में हाँथ रखता है , हाँथ रखते ही बुढ़िया का कम्बल घुन्नू के हाँथ में आजाता है , घुन्नू उसे रु.. रु.. जा रुक जा बोलता है तभी एक ईंट का टुकड़ा उसकी कनपटी में आकर लगता है घुन्नू कुछ समझ पाता की तभी मुँह में मास्क बांधे एक लड़का उसके चेहरे पर तेज़ाब डालकर भाग जाता है , हमलावर कोई और नहीं छकौड़ियाइन और उसके बेटों की करतूत थी मगर , मुँह ढका होने की वजह से किसी को उन पर शक भी नहीं होता है , घटना चक्र के बाद राहगीरों ने आनन् फानन में एम्बुलेंस बुलवाई और घुन्नू भैया को हॉस्पिटल के सर्जिकल डिपार्टमेंट में भर्ती कर दियाजाता जाता है चेहरे में बहुत ज़्यादा नुकशान नहीं हुआ था , क्यों की जिस वक़्त उस शख्स ने एसिड फेंका था उस समय घुन्नू ने अपना हाँथ आगे कर लिया था हाँथ में लेदर की जैकेट पहने होने की वजह से सारा एसिड जैकेट पर गिरा और घुन्नू का चेहरा जलने से बच गया , कुछ प्रारंभिक उपचार के बाद घुन्नू भैया को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है ।
कुछ दिनों बाद छुट्टन की भी हस्पताल से छुट्टी हो जाती है , जाँघ में रॉड डल गयी थी लेकिन लंगड़ा लंगड़ा के चल लेते थे , नामके लंगड़े थे जवानी के उफान में कोई कमी न थी , घुन्नू भैया के बेटे की ट्यूशन टीचर को ही पटा रखे थे और उसी के साथ आये दिन हाईवे पर सैर सपाटे के लिए निकल जाते थे , उनकी रंगीन मिजाज़ी से इलाके का बच्चा बच्चा अवगत था , अभी घुन्नू भैया ने अपने आप को सम्हाला ही था की , कॉम्प्लेक्स के ऑफिस से फोन आता है रात में कई दुकानों के सिलसिलेवार ताले टूटे हैं , सी सी . टी वी . फूटेज की जांच की जाती है , कच्छा बनियान में दो युवक दुकानों के ताले तोड़ रहे हैं , और एक बुढ़िया सामान बोरे में भरकर रास्ते के उस पार ले जा रही है , घुन्नू का माथा ठनकता है , वो पिक्चर ज़ूम इन करके देखते हैं उनका शक छकौड़ियाइन और उसके दोनों बेटे ललबी और बंशी की तरफ घूम जाता है , तभी वहाँ पर छुट्टन पहुंच जाता है , वो घुन्नू भैया के हाव भाव से परिस्थिति को समझ जाता है और अकेला ही जीप लेकर छकौड़ियाइन के घर की तरफ चला जाता है ,
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पेड़ पर चढ़ा बंशी अमरुद तोड़ रहा है ,और बीच बीच में एकाध अमरुद नीचे ललबी की तरफ भी फेंक देता है , ललबी एक डंडी लेकर बंसी के पिछवाड़े में गुच्च रहा है वो बार बार लकड़ी उसके पिछवाड़े में गूल रहा है और बोल रहा है बंशी एक अमलूद औल देदे नहीं तो अम्मा को बताऊंगा , तभी उसको जीप की आवाज़ सुनायी देती है जो उनके घर की तरफ जा रही थी , ललबी बंशी को लकड़ी गूलता है और बोलता है बंशी धुन्नू भैया की गाली आरही है जल्दी चल और एक बार लकड़ी तेज़ से गूल देता है जो सीधा बंशी के पिछवाड़े में जा घुसती है , और दर्द से आहत बंशी धड़ाम के साथ ज़मीन में जा गिरता है , और कराहते हुए कहता है सोच बे ललबी अगर आज हम ज़िंदा होते तो तूने तो मेरी जान ही लेली थी और पिछवाड़े से लकड़ी निकाल कर दूर फेंक देता है , बंशी डल गया बंशी डल गया चिल्लाता हुआ ललबी घर की ओर दौड़ लगा देता है , तभी छुट्टन की जीप बीच में आजाती है फोर व्हील गाड़ी में एक साथ ब्रेक लगता है कच्ची ज़मीन उखड जाती है धूल आसमान तक छा जाती है ।
धूल के गुबार को चीरता हुआ छुट्टन आगे बढ़ता है , उसके हाँथ में रिवॉल्वर है वो छकौड़ियाइन और उसके लड़को को बाहर आने के लिए बोलता है और कहता है पिछली बार बच गए थे सालों इस बार मैं तुम्हारा वो हश्र करूँगा की सोचकर भी रूह काँप जाएगी , तभी हवा में उछलती हुयी छकौड़ियाइन छुट्टन की कनपटी में एक लट्ठ बजा देती है और छुट्टन एक ही लट्ठ में वहीँ तड़पता हुआ ढेर हो जाता है , और छकौड़ियाइन उसकी टूटी वाली टांग पकड़ कर घसीटती हुयी छुट्टन को पेड़ पर उल्टा लटका देती है , ललबी और बंशी दौड़कर फ़ौरन छुट्टन के नीचे आग लगा देते हैं , छकौड़ियाइन कहती है हरामी लड़कों एक ही दिन में सारा गोस्त खा जाओगे क्या , और लात मार कर कर लकड़ी को वहाँ से हटा देती है इसके बाद छुट्टन को थोड़ा नीचे करती है और उसकी टूटी वाली एक टांग काटकर पतीले में पकने के लिए रख देती है और कहती है बेटा हरों कोरोना काल चल रही है सब भुखमरी के दौर से गुज़र रहे हैं , हम भी बचत कर कर के खायेगे रोज़ छोटे लल्ला का एक एक अंग काटेंगे पकायेगे और खायेगे , इधर घुन्नू को पता चलता है की छुट्टन जीप लेकर छकौड़ियाइन के घर की तरफ बढ़ा है , तभी घुन्नू को चौधरी साहेब के लड़के की बात याद आती है वो फ़ौरन बंटू को बुलवाता है , छकौड़ियाइन के तांडव को ख़त्म करने का प्लान बताता है , बंटू कहता है छकौड़ियाइन और उसके परिवार के आतंक को ख़त्म करना इतना आसान नहीं है , वो सब भटकती रूहें हैं जो अब और अधिक शक्तिशाली हो गयी हैं , उसके लिए हमें बहुत से लोगों की ज़रुरत पड़ेगी , तभी उसके आतंक का खात्मा संभव है , बंटू कहता है सभी व्हाट्स ऐप्प ग्रुप में शेयर कीजिये की शहर में एक गिरोह है जो बच्चों को किडनैप कर रहा है जिसका पता चल गया है सभी राघव राज प्रॉपर्टी पर तुरत पहुंचे और उसे पकड़ने में मदद करें , घुन्नू भैया ऐसा ही करते हैं सी सी टी वी फुटेज की क्लिप व्हाट्स ऐप्प में शेयर कर साथ में बच्चों के किडनैपर होने अफवाह फैला दी जाती है , घुन्नू बहुत से लोगों के साथ छकौड़ियाइन के घर के लिए रवाना होता है , मगर साथ में बंटू नहीं जाता है ,
घुन्नू के पहुंचते ही छकौड़ियाइन के घर के आस पास अफरा तफरी का माहौल बन जाता है , तभी पेड़ पर लटके छुट्टन के कराहने की आवाज़ सुनायी देती है , घुन्नू और उसके साथी छुट्टन को पेड़ से नीचे उतारते हैं घुन्नू अपने साथ तांत्रिक और अघोरियों को भी अपने साथ लेकर आया था , वो तंत्र मंत्र के दम पर छकौड़ियाइन को अपने वश में करने की कोशिश करते हैं मगर तभी पेड़ के ऊपर से पत्तों के झुरमुट को चीरती हुयी छकौड़ियाइन अपने दोनों बेटों ललबी और बंशी के साथ धड़ाम से नीचे उतरती है सभी डर जाते है उसका पिशाचिन वाला रूप देखकर , तभी ललबी बोलता है हमें मत मालो बले मालिक बहुत दल्द होता है जब आप हमें मालते हैं , और अपनी फटी शर्ट से अपने सड़े हुए जिस्म को दिखाता है , जिसमे अब कीड़े पड़ गए थे , घुन्नू कहता है बंद कर अपना शरीर दिखाना बदबू मारता है साले , तभी छुट्टन कहता है काट डालो भैया सालों को इन्होने मेरी टांग काट कर खा डाली है ,
घुन्नू और उसके गुर्गे एक एक करके तीनो को काटना सुरु करते हैं मगर उनके कटे हुए अंग बार बार काटने पर भी जुड़
जाते हैं , तभी स्कूटी से बंटू आता हुआ दिखाई देता है बंटू स्कूटी खड़ी करता है , उसके हाँथ में एक बहुत बड़ा पटाखों का डिब्बा है , बंटू कहता है इन तीनो को फ़ौरन बाँध दीजिये , एक बड़े संघर्ष में के बाद छकौड़ियाइन और उसके दोनों बेटों को बाँध दिया जाता है , चारों तरफ लकड़ी रख कर पेट्रोल डाल दिया जाता है , तभी पटाखों का डिब्बा बंटू उस लकड़ी के ऊपर रख देता है अब उस पर आग लगा दी जाती है छकौड़ियाइन चिल्लाती है सत्यानाश हो तुम सबका मार तो तुम पहले ही डाले थे , अब भूत बनकर भी न रहने दोगे हराम के जने लल्ला जी , और पटाखों के विस्फोटके साथ हवा मे छकौड़ियाइन और उसके बेटे के आत्माओं के कण कण जल कर राख हो जाते है और पटाखों की वजह से इसतरह से बिखर जाते हैं की दुबारा एकत्र नहीं हो पाते हैं , छकौड़ियाइन के आतंक के अंत के बाद छुट्टन घुन्नू से कहता है दादा आप पहले आगये होते तो अच्छा था सालों ने मेरी एक टांग चबा डाली , घुन्नू कहता है कोई बात नहीं छोटे तेरी वो टांग वैसे भी काम की नहीं थी , नयी टांग लगवा देंगे तेरे को ,तू परेशान मत हो मेरे भाई और गले से लगाता हुआ वहाँ से निकल जाता है ।
story finished ,
छकौड़ियाइन के झोपडी जल कर राख हो जाती है वक़्त बीतता जाता है , झोपडी की जगह घास फूस उग आया है , चारों तरफ चूहे दौड़ रहे हैं कैमरा ज़ूम इन एक चूहा रात के अँधेरे में दौड़ रहा है , तभी एक हाँथ लपक कर उसे पकड़ लेता है , कैमरा ज़ूम आउट ।
pics taken by google ,