angel and demons a horror fantasy short story,

0
3930
angel and demons a horror fantasy short story,
angel and demons a horror fantasy short story,

angel and demons a horror fantasy short story,

माधवगढ़ के घर घर में आज सुबह से जश्न का माहौल है , बरसों की मन्नतों के बाद महारानी धनवन्तरि देवी ने एक

खूबसूरत सी राजकुमारी को जन्म दिया है , सारा का सारा माधवनगर आज रात के जश्न की तैयारी में डूबा हुआ था ,

शाम होने वाली थी तांत्रिक बाबा प्रचंड जी महाराज का तभी राज भवन में आगमन हुआ , राजा कपालकीर्ति ने तांत्रिक का

स्वागत किया , प्रचंड नाथ राजकुमारी के जन्म से बेहद प्रशन्न था , वो युग ऐसा था की जब लड़कियों को पुरुष के

सामान अधिकार प्राप्त था , प्रचंड नाथ ने नवजात राजकुमारी को हाँथ में उठाया बेहद तेज़ अट्टहास लगाई , मगर ये

ख़ुशी के पल कुछ ही छणो में ग़मगीन हो गए , बाबा प्रचंड नाथ ने नवजात बालिका का माथा देखा और महाराज से बोलै

ये कन्या अभिशापित है महाराज इसे फ़ौरन मरवा दीजिये , ये राज्य के लिए बेहद अशुभ है ये लड़की नहीं डायन है , ये

बात सुनकर महाराज कपाल कीर्ति चिंता में पड़ गए , रात का अँधेरा था जमुना जी का काला पानी आस्मां में फैली

चांदनी , बालिका को एक संदूक में रख कर बहा दिया जाता है , संदूकची बहती हुयी सागर में पहुंच जाती है फिर न जाने

किस देश , संदूकची किनारे पर पहुंच जाती हैं बालिका के रोने की आवाज़ सुनकर एक खौफनाक हाँथ उस संदूकची से

बच्ची को उठा कर छाती से लगा लेता है , और आगे चला जाता है , शायद वो कोई औरत थी ।

adult horror stories in hindi , 

दरवाजा खुलता है , एक इंसानी कटा हुआ हुआ सर ज़मीन पर फूटबाल की तरह गिरता है , और फर्श पर कूदने लगता है

, तभी एक ठहाके की आवाज़ गूंजती है , और सर कटा धड़ उस सर को हाँथ में उठाकर कुछ बड़बड़ाता हुआ अपनी गर्दन

पर उस कटी हुयी मुंडी को एडजस्ट करता हुआ आगे बढ़ जाता है ।

तभी पीछे से खौफनाक चेहरे वाला भूत जिसकी सिर्फ एक आँख है पीछे से आवाज़ देता है , कहाँ भागा जा रहा है सर कटे

राक्षस पलट कर बोलता है मैं सरकटा हूँ तो तू कौन सा बहुत खूब सूरत है तेरे तो चेहरे में आँख ही नहीं है , चल लड़ना

झगड़ना छोड़ ये बता आज राजकुमारी को कहाँ ले जाना है घुमाने सरकटा वाला भूत बोला वही चमेली के बाग़ में तभी

बिना आँख वाला भूत बोला चमेली के बाग़ वाला क्षेत्र तो दुसरे भूतों के अधिकार में आता है , हम काले गुलाबों वाले बाग़

में राजकुमारी को घुमाने ले जायेगे ।

dark life status in hindi,

ठीक है चलो दोनों महल के अंदर पहुंचते हैं , वहाँ भूतों की महरानी उन नालायकों को डाँट लगाती है कहाँ मर गए थे

नालायकों , हमारी बेटी सोफिया कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही है , तभी सीढ़ियों से राजकुमारी सोफिया नीचे उतरती है

, दो और विचित्र तरह के भूत सोफिया के अभिवादन में आगे पीछे लगे हुए थे , फ़ौरन बग्घी आती है सोफिया बग्घी में

सवार होती है तभी भूतों की महरानी सोफ़िया को समझाती है की जादूगर तुरीन के क्षेत्र में मत जाना वो हमारा दुश्मन है

, और सोफिया के दास भूतों को आदेश देती है अब जाओ नालायकों मगर रात होने से पहले वापस आ जाना , दास भूत

राजकुमारी की खुशामदी में इतने मसगूल हो जाते हैं की उन्हें पता ही नहीं चलता की कब काले गुलाबों का बगीचा आगया

, सभी बग्घी से नीचे उतरते हैं राजकुमारी बाग में तितलियों के साथ खेलती पीछे पीछे भागती हुयी एक अनजान शख्स

से टकरा जाती है , शायद वो किसी देश का राजकुमार था , सोफिया की आँखे राजकुमार को देखती रह जाती है , ये सब

नज़ारा सोफिया के चमचे भूत छुपकर देख रहे होते हैं , तभी सोफिया पलट कर बोलती है मुझे जाना होगा शाम होने वाली

है , तब राजकुमार पूछता है अब कब मिलोगी , सोफिया कहती है कल इसी समय इसी जगह और सोफिया दौड़ लगाती है

राजकुमार पूछता है पक्का सोफिया कहती है हाँ पक्का , और वो दुमछल्ले भूतों के साथ बग्घी में सवार होकर महल

वापस जाने लगती है , तो एक भूत तपाक से पूछता है राजकुमारी आपका आदम जात के इस तरह करीब जाना हमारे

लिए ठीक नहीं , तो सोफ़िया कहती है मैं इंसान हूँ , तुम्हारी तरह डरावनी भूत नहीं , ये बात सुनकर सारे चमचे सर झुका

लेते हैं बग्घी महल के बाहर खड़ी होती है , भूतों की महारानी सोफ़िया को गले लगा लेती है , आ मेरी बच्ची , खैर रात

गुज़रती है आज सोफ़िया सुबह से ही बाहर जाने के लिए बेकरार थी मगर माँ की अनुमति के बिना सोफ़िया घर के बाहर

कदम नहीं रख सकती थी , दोपहर किसी तरह गुज़री सोफ़िया एक बार फिर तैयार होकर घूमने निकली , उसने अपनी

बग्घी को पहले ही रोक दिया और दुमछल्ले भूतों को वहीँ रोक कर बाग़ काले गुलाब के बाग़ में अकेली गयी सामने

राजकुमार पार्क की कुर्शी में बैठा सोफ़िया का इंतज़ार कर रहा था , तभी सोफ़िया उसके पास पहुंची दोनों बहुत खुश थे ।

 

सोफ़िया ने कहा की मुझे चमेली का बाग़ देखना है , मगर उसके घर वाले उसे वहाँ नहीं जाने देते राजकुमार कहता है बस

इतनी सी बात है चलो मैं तुम्हे चमेली के बाग़ में ले जाता हूँ , वो सोफ़िया को चमेली के बाग़ में ले जाने के लिए अपने

घोड़े को बुलाता है और सोफ़िया को साथ बिठा कर चमेली के बाग़ के लिए रवाना हो जाता है , तभी उन दोनों पर सोफिया

के चमचे भूतों की नज़र पड़ती है , वो उन दोनों का पीछा करते चमेली के बाग़ तक पहुंच जाते हैं लेकिन सोफ़िया

राजकुमार के साथ चमेली के बाग़ के अंदर जा चुकी थी , भूत बाहर छुपकर बाग़ का मुआइना कर रहे थे क्यों की उन्हें

पता था की जादूगर तुरीन कभी भी वहाँ आ सकता है इतने में जादूगर तुरीन बाग़ के अंदर प्रवेश करता है , वो मायावी

शक्ति से भूतों की उपस्थिति भांप सकता है , उसने कई भूतों को अपन जादुई बोतलों में बंदकर रखा था , जो की उसके

मायाजाल में क़ैद की ज़िन्दगी जी रहे थे , जादूगर तुरीन जब राजकुमार के सामने जाता है तो सर झुकाता है , और उन्हें

आगाह करता है की वो इस लड़की से दूर रहें , ये लड़की उनके लिए सही नहीं है , राजकुमार जादूगर तुरीन को फटकार

लगाता है , और बोलता है की अपने काम से काम रखे , वरना उसके राज्य से उसे भगा दिया जायेगा , आगबबूला

जादूगर तुरीन वहां से भाग जाता है , दोनों चमेली के बाग़ में घूमते हैं , और राजकुमार सोफ़िया से विवाह के सन्दर्भ में

उसके माता पिता से मिलने का आग्रह करता है , सोफ़िया पहले घबराती है फिर महल का पता बताकर वहाँ से चली जाती

है , चमचे ये सब बात सुन लेते हैं वो सोफ़िया से कहते हैं तुमने ये क्या किया तुम्हे पता है की हम लोग इंसान नहीं हैं ,

और नहीं इंसानो के साथ रह सकते हैं , सोफ़िया मुँह बना के निकल जाती है , दूसरे दिन राजकुमार सुबह सुबह अपने

घोड़े पर सवार होकर जैसे ही महल के प्रमुख द्वार पर पहुँचता है , एक मुंडी सामने आकर गिरती है , राजकुमार उस मुंडी

को फ़ुटबाल की तरह उछाल देता है , तभी सर कटे भूत का धड़ आता है , ओह राजकुमार ये तुमने क्या किया अब मुझे

अपनी मुंडी की तलाश में मीलों भटकना पड़ेगा , वो अपनी मुंडी के पीछे दौड़ लगा देता है ।

dark life shayari in hindi, 

राजकुमार हँसता हुआ बोलता है तुम्हारे लिए यही बेहतर है , तभी बिना आँख वाला भूत आकर राजकुमार को डराता है ,

राजकुमार उसकी गर्दन पकड़कर उसे हवा में उठा लेता है , और अपनी तलवार से उसका सर काटने वाला रहता है , हल्ला

हो सुनकर राजकुमारी तभी सीढ़ियों से नीचे आती है , लेकिन पीछे से भूतों की रानी की आवाज़ सुनायी देश है , ख़बरदार

राजकुमारी तुम इस आदम से नहीं मिल सकती , सोफ़िया पूछती है आखिर क्यों माँ क्या बुराई राजकुमार में , महारानी

बताती है की तुम अभिशापित हो , हमने तुम्हे यमुना नदी की धार से उठाया है तुम माधवगढ़ के महराज की इकलौती

कन्या हो , जब तुम महारानी धन्वन्तरि देवी की कोख में थी तब महारानी को जादूगर तुरीन ने दवा के बहाने ऐसा घोल

पिला दिया था की तुम जब १८ साल की हो जाओगी तो हर अमावश्या की रात चुड़ैल बन जाओगी , ये बात तुम्हारे माता

पिता को तांत्रिक प्रचंड नाथ ने बता दी थी जिसके चलते तुम्हे यमुना में बहा दिया गया था , तभी सोफ़िया महारानी के

गले लग जाती है वो कहती है वो कुछ नहीं सुनना चाहती वही उसकी असली माँ है , जिसने उसे पाला है ।

 

तभी राजकुमार तैश में आजाता है मैं जादूगर तुरीन को अभी ख़त्म कर दूँगा , उधर भूतों की महारानी राजकुमार को

समझाती है , की इससे कुछ नहीं होगा जादूगर तुरीन मांधव गढ़ का शासक बनना चाहता है , वो कुछ नया कमीना पन

करने वाला है माधवगढ़ के खिलाफ , उसके पास एक ऐसा शरबत ए जम जम है की उसे अगर सोफिया को पिला दिया

जाए तो वो शाप मुक्त हो सकती है , राजकुमार बोलता है मैं अभी जादूगर से वो शरबत ए जम जम लेकर आता हूँ ।

महारानी एक बार फिर राजकुमार को रोक देती है , और कहती है रुको ये लो नक्शा काली पहाड़ी के पीछे वाली शैतान

गुफा में जादूगर तुरीन का मायावी अड्डा है रास्ते में बहुत सी अड़चने आएगी वो उसके साथ सर कटा और बिना आँख

वाले भूत को भेजती हैं राजकुमार हँसता है मैं अकेला ही काफी हो उस मायावी जादूगर के लिए , ये नमूने आप अपने पास

रखें , लेकिन सोफ़िया के आग्रह पर राजकुमार उन दोनों भूतों को साथ लेकर चल देता है , दोनों राजकुमार का अच्छा

टाइम पास करते हैं , कई दिनों के सफर के बाद आखिर राजकुमार को काली पहाड़ी के पीछे वाली शैतान गुफा दिखाई

देती है , राजकुमार गुफा के पहरे दारों को नेस्तना बूत करता हुआ गुफा के अंदर प्रवेश करता है ।

 

दोनों भूत जादूगर के डर से अंदर नहीं जाते हैं , वो वहीँ छुप जाते हैं , अंदर का नज़ारा बेहद भयावह था , चारों तरफ

बोतलों में बंद भूतों के चीखने की आवाज़ें सुनायी दे रही थीं , और ये क्या कमीने जादूगर तुरीन ने तो महारानी धन्वन्तरि

देवी , महाराज कपाल कीर्ति और , तांत्रिक बाबा प्रचण्डनाथ को भी बंदी बना रखा था , राजकुमार महाराज और महारानी

को प्रणाम करता है और बताता है की उनकी बेटी को इसी कमीने जादूगर ने अभिशापित किया था , वो अब भूतों की

महारानी के पास सुरक्षित है , जानकर सोफ़िया के माता पिता खुश हो जाते हैं और बाबा परचंड नाथ भी बोल पड़ते हैं उस

शरबत तक मई तुम्हे पहुँचाउगा राजकुमार तभी जादूगर तुरीन आ धमकता है , वाह बहुत खूब आखिर शिकार खुद आ

गया शिकारी के पास अब मैं तुम सब की आत्माओं को जिस्म से अलगकर के इन बोतलों में भर दूँगा और ता उम्र तुम

सब मेरे ग़ुलाम रहोगे , राजकुमार तलवार निकालने की कोशिश करता है, तभी जादूगर अपनी माया से राजकुमार की

तलवार दूर फेंक देता है , और बोलता है कोई होशियारी नहीं बच्चे ये तुम्हारा राजपाट नहीं हमारी माया नगरी है , यहां

हमारी हुकूमत चलती है ।

 

इधर सरकटा और बिना आँख वाला भूत बहुत देर से बाहर ना आने पर राजकुमार के लिए चिंतित हो रहे थे , तभी दोनों

ने एक आईडिया बनाया बिना आँख वाला भूत सर कटे भूत के सर के साथ फूटबाल खेलता हुआ अंदर जा घुसा , और

बिना आँख वाले भूत ने मुंडी में एक ज़ोर की किक मारी मुंडी जादूगर तुरीन के सर पर जा लगी , जादूगर तुरीन लड़खड़ा

कर गिर गया , तभी सर कटे भूत का धड़ पीछे से दौड़ता हुआ आया , और जादूगर तुरीन के सीने में लात रखकर कूदता

हुआ अपनी मुंडी कैच करके पकड़ लेता और अपनी गर्दन में एडजस्ट करता हुआ , नीचे उतरता है तभी राजकुमार अपनी

तलवार उठा लेता है , और महारानी अरुंधति देवी , महाराज कपाल कीर्ति , को आज़ाद करके गुफा के बाहर जाने के लिए

दोनों भूतों को आदेश देता है , अब राजकुमार बाबा प्रचंड नाथ को आज़ाद करता है , बाबा प्रचण्डनाथ राजकुमार को

शरबत ए जम जम की बोतल को उठाने का इशारा करते हैं और सभी भूतों को मंत्र से आज़ाद कर देते हैं , तभी जादूगर

तुरीन एक बार फिर उठ खड़ा हुआ , वो गुस्सा कर राजकुमार की तरफ आगे बढ़ता है , लेकिन बाबा प्रचंड नाथ उसे पवित्र

जल और मंत्र के माध्यम से जलाकर भष्म कर देते हैं , सालों से बोतलों में बंद भूत आज़ाद होकर हवा में उड़ जाते हैं ,

राजकुमारी सोफ़िया शरबत ए जम जम पीकर शाप मुक्त हो जाती है , माधवगढ़ में जश्न का माहौल है , राजकुमारी के

वापस आने पर माधवगढ़ की तमाम प्रजा महारानी अरुंधति देवी , और महाराज कपाल कीर्ति के साथ बेहद प्रशन्न हैं ,

तांत्रिक बाबा प्रचंड नाथ के द्वारा राजकुमारी सोफ़िया का राजकुमार के साथ विवाह करा दिया जाता है , अब राजकुमार

अपने राज्य के साथ साथ माधवगढ़ की भी देख भाल करता है , और सोफ़िया की भूत महल वाली माँ और उसके चमचे

दोनों भूत महल में लौट जाते हैं ।

the end

hindi kahaniyan 

pix taken by google