bloody mirror Horror Stories in Hindi,

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सुबह के वक़्त मुंबई जैसे महानगर में सुबह सुबह सबको ऑफिस जाने की जल्दी रहती है , घडी का अलार्म रुकने का नाम नहीं ले रहा था , न चाहते हुए भी वाशरूम में संजना अधखुली आँखों से आईने के सामने अपना चेहरा ठीक करती है , और ब्रश करके अपने बाल सवारती हुयी वहाँ से निकल जाती है , मगर उसके जाने के बाद भी संजना का अक्स आईने में ठहर जाता है , और वो बड़े गौर से संजना की तरफ देखता है , अचानक संजना वापस वाशरूम में आ जाती है तभी अक्स नीचे की तरफ खिसक जाता है , संजना को जाने क्यों ऐसा महसूस होता है की उसके अलावा भी वाशरूम में कोई है , वो चारों तरफ नज़र दौड़ाती है जब उसे यकीन हो जाता है यहां उसके अलावा कोई नहीं है ये सिर्फ उसका वहम था वो वहाँ से पुनः चली जाती है , और एक बार अक्स पुनः आईने में सामने आ जाता है और पीछे मुड़कर गायब हो जाता है , शाम को जब संजना अपने रूम में वापस आती है , ड्रावर में रखी फाइल ढूढ़ती है लेकिन वो उसे वहाँ नहीं मिलती है वो बहुत ढूढ़ती है घर का कोना कोना चप्पा चप्पा छान मारती है लेकिन उसे फाइल का नाम ओ निशान नहीं मिलता है संजना अपनी फ्रेंड निशा को फोन लगाती है और कहती है यार वो मेरी फाइल गायब है कल प्रेजेंटेशन है बॉस जान निकाल देगा मेरी फाइल इन्कम्प्लीट है अब क्या करूँ निशा कहती कुछ मत कर दो पेग मार चुपचाप सो जा कल ऑफिस के केबिन में देख लेना वहीँ भुलक्कड़ कहीं की वहीँ रख दी होगी , और फोन काट कर अपने बॉय फ्रेंड के साथ गप मारने में बिजी हो जाती है ,

इधर फाइल की टेंशन में संजना रात भर सो नहीं पाती है , सुबह जब ऑफिस पहुँचती है तो देखती है की चड्ढा ग्रुप ऑफ़

कम्पनीज़ के वौइस् चांसलर की मौत की न्यूज़ पेपर के फ्रंट में छपी मिलती है संजना और घबरा जाती है , आनन् फानन में बची खुची फाइल्स को समेटती हुयी मीटिंग हॉल में प्रवेश कर जाती है चड्ढा ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज़ के वौइस् चांसलर की मौत पर दो मिनिट के शोक के बाद मीटिंग सुरु हो जाती है , सभी मेंबर्स सामने बैठते हैं और अपना अपना प्रेजेंटेशन देते हैं , संजना की बारी आती है संजना कॉर्पोरेट के सामने अपना प्रेजेंटेशन देना सुरु करती है वो बताती है की सर ए आई के आ जाने से हमारे सामने जो समस्या है वो है वर्कर्स की बेरोज़गारी की जिन्हे हम मुआवजा की राशि देखर किनारे नहीं कर सकते उनके बाल बच्चे उनकी फॅमिली भूखो मर जाएगी इसके लिए हम उनका उपयोग कच्चे माल की काट छाँट में कर सकते हैं और बाकी बचे अपने काम में दक्ष कारीगरों का उपयोग हम प्रोडक्ट को फाइनल टच देने में कर सकते हैं ये दोनों काम वो किसी मशीन से ज़्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं , सभी को संजना का प्रपोजल पसंद आ जाता है जूरी मेंबर्स कहते हैं संजना अपना अपनी प्रोजेक्ट फाइल जमा कर दीजिये संजना अपनी फाइल के बण्डल में प्रोजेक्ट फाइल देखने लगती है और उसे वो फाइल मिल भी जाती है संजना की जान में जान आती है वो फाइल उलट पलट के देखती है उसमे वही सब था जो संजना ने कहा था , संजना खुश हो जाती है और फाइल सबमिट कर देती है , इधर तमाम कॉर्पोरेट मेंबर्स की मंज़ूरी के बाद फाइल चड्ढा ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज के नए वौइस् चांसलर जी के चड्ढा के पास जाती है पिता की मौत के बाद जी के चड्ढा ने बाग़ डोर सम्हाल ली थी ,

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जी के चड्ढा अपना प्रपोज़ल रख देता है की हम किसी भी सूरत में मजदूरों से काम नहीं कराएंगे जब हमारी मसीन सब कुछ कर सकती है तो हम फालतू का कंपनसेशन क्यों दे नो वर्क नो मनी, जी के चड्ढा ये कंडीशन भी रख देता है की अगर उसकी बात नहीं मानी गयी तो कॉर्पोरेट से अलग हो जायेगा और टेक्सटाइल्स का बिसनेस छोड़ कर टेलिकम्युनिकशन में हाँथ डालेगा और अपने सारे शेयर वापस ले लेगा वैसे भी टेक्सटाइल्स बिसनेस में कच्चा माल ही इतना महगा पड़ता है एक तो पकिस्तान से कपास की रुई का आयात किया जाता है ऊपर से गवर्नमेंट का टैक्स हमारे पास आते आते माल का दाम चौगुना हो जाता है सॉरी अब मैं इस बिजनेस में और लोस्स नहीं सह सकता है , जी के चड्ढा के इस डिसीजन से कॉरपरेट जगत में हड़कंप मच जाती है टेक्सटाइल्स कॉरपरेट के शेयर धड़ाधड़ गिरने लग जाते हैं , संजना के ऊपर लाखों मजदूरों की आँखें टिकी हुयी थी संजना अपने प्रपोजल में रॉ मेटेटियल के वेस्टेज प्लास्टिक की बॉटल्स से फाइबर बनाने की बात रख देती है जिसकी कॉस्ट काफी कम थी , इधर जूरी मेंबर जी के चड्ढा के शेयर वापस करने के लिए तैयार हो जाते हैं और लाखों मजदूर बेरोज़गार होने से बच जाते हैं, जी के चड्ढा को उसकी ये हार नागवारा गुज़रती है , वो दिल ही दिल संजना को किसी भी तरह से इस प्रोजेक्ट से बाहर करना चाहता है वो उसे फोन करके कई तरह के प्रलोभन देता है , बंगला गाडी ऊँचे से से ऊंचा पद दे देगा , मगर संजना उसके किसी भी तरह के प्रलोभन में नहीं आती है , और आखिर कार थक हार कर उसे वही करना पड़ता है जो उसने संजना से पहले वाली लड़की जैस्मिन के साथ किया था वो उसकी कार के ब्रेक फ़ैल करवा देता है , मगर संजना का बाल भी बाक़ा नहीं होता है , और गाडी बिना ब्रेक के भी बराबर चलती है ,

संजना जैसे गाडी पार्किंग में पार्क करके आगे बढ़ती है गाडी फिर बिना ब्रेक की हो जाती है और खुद बा खुद चलती हुयी

दीवार से जा टकराती है , संजना अब तक वहाँ से निकल चुकी थी लिफ्ट के रास्ते अपने फ्लैट में जा रही थी की अचानक लिफ्ट की लाइट जलने बुझने लग जाती है लिफ्ट से अचानक किर्र किर्र की आवाज़ आने लगती है और वो नीचे की तरफ गिरने लगती है अभी लिफ्ट दो तीन फ्लोर नीचे आई ही थी की अचानक से रुक जाती है ऐसा लगता है जैसे लिफ्ट को किसी अदृश्य शक्ति ने रोक लिए हो वो फ़ौरन लिफ्ट से निकल कर ऊपर सीढ़ियों से अपने फ्लैट की तरफ भागती है, फ्लैट का दरवाज़ा खोलते ही संजना पर अप्रत्यासित हमला हो जाता है इससे पहले की वो कुछ समझ पाती ज़मीन पर धड़ाम से गिर जाती है , जिस शख्स न उस पर हमला किया था उसे एक काला साया बालकनी की तरफ घसीटता हुआ ले जाता है और बिल्डिंग से नीचे फेंक देता है , तभी एक दूसरा शख्स संजना के बाल पकड़ कर उसे घसीटना सुरु कर देता है की फिर से अचानक वो काला साया उस शख्स को उठाकर दीवार पर पटक देता है जिससे उसका सीर तरबूज की तरह फट कर फर्श पर बिखर जाता है , संजना डर से सहम जाती है वो पुलिस को इन्फॉर्म करती है , तभी अचानक परदे के पीछे छुपा हुआ आदमी संजना की तरफ खंज़र लेकर बढ़ता है की तभी वो काला साया उस शख्स को ज़मीन से उठा कर सीलिंग फैन की तरफ उछाल देता है जिससे उस शख्स का सर पंखे से टकरा जाता है और गर्दन पर गंभीर चोटें लग जाती है और वो किनारे पर पड़ा कराहता रहता है तभी काला साया संजना के सामने से गुज़रता है संजना उससे पूछती है मेरी जान बचाने वाली आखिर तुम कौन हो , वो साया कुछ पल के लिए ठहर जाता है , और एक तेज़ हवा का झोका आता जिससे ऊपर के रैक का एक दरवाज़ा खुल जाता है , तभी घर के दरवाज़े पर पुलिस की दस्तक होती है पुलिस संजना से मामले की तफ्तीश करती है तो कुछ ख़ास सुराग हाँथ नहीं लगता है उसमे घायल गुंडे की गवाही अहम् थी , जो की किसी और के इशारे पर काम कर रहा था ,

 

पुलिस के जाने के बाद संजना घर को ठीक करती है और निश्चय करती है की वो अब कंपनी के दिए इस फ्लैट ,में एक पल भी नहीं रहेगी , तभी उसकी नज़र दीवार पर ऊपर बने रैक के खुले दरवाज़े पर पड़ती है वो स्टूल पर चढ़कर उसे बंद करने की नाकाम कोशिश करती है , तभी उसे उस जगह से किसी लड़की की आवाज़ सुनायी देती है ऐसा लगता है , कोई संजना बुला रहा है , मगर दिखाई नहीं दे रहा है वो हिम्मत बांधकर उस रैक में झांकती है जहां उसे कपडे में लिपटी एक हार्ड डिस्क मिलती है , जिसे वो अपने लैपटॉप से कनेक्ट करती है कनेक्ट होते ही हार्ड डिस्क चालू हो जाती है , जिसमे एक फाइल जैस्मिन के नाम से थी हूबहू उस फाइल का प्रोजेक्ट संजना के प्रोजेक्ट की तरह ही था , संजना की उत्सुकता बढ़ती जाती है उसमे जैस्मिन पर जानलेवा हमला होता है जो संजना के पहले उस फ्लैट में रहती थी , उसे बड़ी बेरहमी से तड़पा तड़पा के वाशरूम के सीसे पर पटक पटक के अधमरी अवस्था में छोड़ दिया गया था ,जिसके बाद जैस्मिन ने फ्लैट के सी सी टी वी फुटेज को हार्डडिस्क में डाल कर रैक में फेंक दिया था ,  मारने वाला कोई और नहीं जी के चड्ढा था जो की संजना के पहले जैस्मिन को अपने रास्ते से हटा चुका था , जिससे की जैस्मिन के प्रोजेक्ट को बीच में ही बंद कर दिया जाता है संजना वो हार्ड डिस्क पुलिस को सौंप देती है , पुलिस जांच में जी के चड्ढा को जैस्मिन की मौत और अपने पिता चड्ढा ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज के वौइस् चांसलर की हत्या का दोषी पाती है उसे ताउम्र कैद ए बामुशक्कत की सजा सुनाई जाती है , इधर संजना के प्रोजेक्ट में काम चालू हो जाता है , और जैस्मिन की आत्मा भी शांत हो जाती है।

the end

pics taken by google ,