dark age urdu quotes in hindi दरख़्वास्त लगा रखी है हमने इश्क़ की कचहरी में ,
दरख़्वास्त लगा रखी है हमने इश्क़ की कचहरी में ,
कोई ऐसा वकील हो जो मुजरिम ए सजायाफ्ता न हो वो हमारे मामलात की भी पैरवी करे ।
ये उनकी नज़ाकत थी या जालवाफरोशी कहें ,
वो हर हाल में बहरहाल बस बदगुमां रहें ।
मौशिकी का मैकशी से कोई ताल्लुक़ नहीं होता ,
बस मैक़दे के नाम से अल्फ़ाज़ बहक जाते हैं ।
वो दौर ए उल्फ़त थी ये दौर ए आफ़त है ,
वो वक़्त ऐसा था पलकों में गुज़र जाता था अब हाल ऐसा है लम्हे भी अखर जाते हैं ।
कमतर न समझ वो इश्क़ नहीं ,
शायर की ग़ज़ल में बस रवां रवां है जो ज़िद में आ जाए तो जान से भी खेल जाता है ।
आवाम बेलिबास रहे कोई बात नहीं सियासत की बस ठाठ रहनी चाहिए ,
न खोलो पैबंद ज़ख्मों के आब ओ हवा में गंध फैलेगी ,
दबे मुर्दे हो तुम ज़मीन के अंदर ही सड़ी लाश रहने दो ।
ज़माने की रवायत में कभी कसीदे नहीं पढ़ती है ,
कोई समझाए सियासियों को मोहब्बत जो कल तक थी बागी आज भी बग़ावत ही करती है ।
हमने उनकी मुस्कराहट के सदके में उम्रें गुज़ार दी ,
कुछ अंदाज़ ए गुफ्तगू का दिल तलबगार फिर भी है ।
वो कहते हैं सुरु फ़लसफ़ा ए मोहब्बत हम नहीं करते ,
गोया अटक जाए चाँद तारे फ़लक पर ऐसी तरजीह ए सेहर भी तो हम नहीं करते ।
सज़र के टूटते पत्तों पर रोना आया ,
है इंसान खुद अपनी तबाही का सबब ,
बेसबब बदलियां भी ठहरती नहीं हैं वहाँ क्यूँ कर बाग़ ए नौ बहार में बागवान ने गुंचा ए गुल पर क़हर ढाया ।
जाम ख्यालों से भी छलक जाते हैं ,
इस कदर तेरी आमद की अब खुमारी है ।
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कम पड़ जाती थीं रातें उसकी जिरह के आगे ,
अब नाम लेते ही मोहब्बत का ठहरता नहीं वो शख़्स किसी के आगे ।
pix taken by google ,
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