dark rainy night a true short horror story,

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dark rainy night a true short horror story,
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dark rainy night a true short horror story,

हाईवे की सड़क पर सरपट दौड़ती जीप , सड़क के किनारे बाढ़ की वजह से मरे जानवर जीप में बैठे १८ साल के युवक को

नाक भौंह सकोड़ने पर मज़बूर कर रहे थे , की तभी , गोविंदगढ़ आ गया सवारी उतरो की आवाज़ जीप के ड्राइवर ने दी ,

शायद ये लड़का ही बस गोविंदगढ़ की सवारी था , आसमान से टपकती बारिश की बूँदें दिसंबर की कड़कड़ाती ठण्ड को

और भयानक बना रही थी , लड़के ने घडी देखी रात के ९ बज चुके थे , हाईवे से गाँव लगभग ५ किलो मीटर दूर था और

इस ठण्ड की बर्षात वाली रात में कोई वाहन मिलना भी नामुमकिन था ,लड़के ने बैग काँधे में टांगा और निकला पड़ा गाँव

के पथरीले रास्ते पर , जवान खून था लड़के ने तो पहले हिम्मत की मगर रास्ते में तरह तरह के खौफनाक मंज़र जब

याद आते थे तो दिल का दहलना भी लाज़िम था ।

 

मगर कहते हैं न जहां चाह है वहाँ राह है , लड़का लगभग आधे से भी कम किलोमीटर आगे बढ़ा होगा की तभी पीछे से

अँधेरे में बर्षात की बूंदों को चीरती एक तेज़ रोशनी दिखाई देती है लड़का बीच रास्ते में खड़ा हो जाता है , जीप वाला जीप

रोकता है बोलता है हीरो समझते हो अपने आपको लड़का बोलता है लिफ्ट चाहिए थे अगले गाँव तक के लिए , जीप वाला

पहले से ही शराब पीके फुल टुन्न था , उसने लिफ्ट देने से साफ़ मना कर दिया लड़का सोचा एक एक से नमूने हैं इस

दुनिया में वो आगे की राह पकड़ा ही था की उसे याद आया हिवै के पास उसके चाचा रहते हैं वो गोविंदगढ़ की स्कूल में

टीचर हैं , क्यों न वापस चलकर उनके पास से कोई वाहन का इंतज़ाम किया जाए ।

 

लड़का वापस लौटता है , बैकोना हाउस जहां उसके चाचा रहते हैं , का दरवाज़ा खटखटाता है , तभी एक लड़का बाहर

निकलता है , घर के भीतर से आवाज़ आती है कौन है इतनी रात को , अंदर से आया हुआ लड़का जवाब देता है जो स्कूल

में टीचर हैं न उन्ही के भतीजे हैं , घर के मालिक बोलते हैं टीचर जी तो नहीं है वो तो गाँव गए हैं आज पूजा थी न आपके

गाँव में आप भी पूजा में आये हो न मगर इतनी लेट , लड़का बताता है बस लेट हो गयी थी , क्या करता फिर पहले बस

से १६५ किलो मीटर का सफर इसके बाद जीप पकड़ो रास्ते का हाल तो पता ही है आपको , मालिक बोलते हैं अब गाँव

जाओगे लड़का हाँ में सर हिलाता है , और कोई वाहन का इंतज़ाम करने के लिए बोलता है , मालिक बोलते हैं ये साइकिल

लिए जाओ , लड़का साइकिल उठाता है धन्यवाद कहता है और वहाँ से निकल लेता है ।

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लडक़े की जान में जान आती है वो साइकिल गाँव के ऊबड़ खाबड़ रास्तों में दौड़ा देता है , मगर रात का सन्नाटा और

झमाझम बारिश उस पर रास्ते में मरे हुए जानवरों का ख़्याल रात के माहौल को और भयानक बना रहा था , लड़के की

साइकिल जाने एक ढाल में किस गड्ढे से जम्प करके दोचार गुड़मुड़ी के बाद , लड़के को एक खेत के किनारे पटक देती है

, साइकिल ऊपर लड़का नीचे तभी , कपडे झाड़ता हुआ लड़का उठता है , नज़र चारों तरफ दौड़ाता है , तभी चांदनी रात में

उसे पास के खेत में फूल तोड़ती एक महिला दिखाई देती है , वो उसे आवाज़ देता है , कौन है वहां पर महिला पलटती है ,

वो लड़के के पास आने लगती है चांदनी रात में में औरत के घूंघट के अंदर चेहरा ही नहीं होता लड़का डर जाता है , वो

तुरंत साइकिल उठाकर वहां से भागता है , और हनुमान चालीसा पढ़ना सुरु कर देता है , उसने बचपन में सुना था

हनुमान जी से भूत प्रेत डरते हैं , रास्ते में एक बार फिर सोचता है , काश बस से उतरने के बाद मामा के यहां ही रुक

गया होता , मगर फिर उसे अपने पिता का आदेश याद आता है , बात संस्कार की है वो खानदान का सबसे बड़ा लड़का है

आज कुलदेवी की पूजा थी इसलिए उसका पहुंचना हर हाल में ज़रूरी था , लड़का एक बार फिर घडी देखता है रात के

तकरीबन ११:३० बज चुके हैं अभी भी गाँव लगभग ३ किलोमीटर दूर था I

 

लडक़े की साइकिल सरपट दौड़ ही रही थी की एक बुजुर्ग महिला की आवाज़ लडक़े को पीछे से सुनायी देती है , लडक़े को

थोड़ा अटपटा लगता है वो औरत लडक़े के पास आती है , मुझे भी गाँव तक लिए चलो मैं अकेली बुढ़िया कैसे जाऊंगी

इतनी रात को , लड़का बुढ़िया को साइकिल में बिठा लेता है , और साइकिल चलाना सुरु कर देता है , उसे शक होता है ये

औरत नहीं वही भूत है जो गेंदे की फुलवारी में मिली थी , लड़का सोचता है आगे कहीं ले जाकर इसे पटक दूँगा , तभी

औरत पूछती है इतने रात गए बेटा तुम कहाँ अकेले घूम रहे थे , तुम्हे डर नहीं लगता लड़का बोलता है नहीं बस लेट हो

गयी इसलिए मैं  भी लेट हो गया घर में पूजा थी , इसलिए आना ज़रूरी था , आप इतनी रात गए यहां क्या रही थी ,

औरत बोलती है मेरा अमरुद का बगीचा है उसी की रखवाली कर रही थी , लड़का पूछता है इतनी रात को कौन आएगा

अमरुद चुराने औरत बोलती है नहीं बेटा गांव के लडक़े बहुत बदमाश हैं दिन भर चोरी करने के लिए घुसते हैं बगीचे में

इसलिए देखना पड़ता है ।

 

लड़का पूछता है वो जो अमरुद के बगीचे के पहले गेंदे के फूल की फुलवारी पड़ती है वहां कोई भूत रहता है क्या , औरत

जवाब देती है हाँ मेरी बहन है दो साल पहले मर गयी थी उसकी आत्मा अभी भी भटकती रहती है , क्यों तुम्हे भी मिली

थी क्या , लड़का बोलता है हाँ मगर मैं भाग आया तभी औरत की आवाज़ जो नाक पर ज़ोर लगा कर बोल रही थी लडक़े

को शक होता है , कहीं ये औरत वही तो नहीं, लड़का बात को पलटता है वो औरत को बताता है मेरे दादाजी पुजारी हैं मैं

उन्ही का पोता हूँ , औरत बोलती है बड़े भले मानस हैं तुम्हारे दादा जी , सामने लगभग २०० मीटर की दूरी पर हनुमान

जी का मंदिर है तभी लडक़े को महसूस होता है की उसकी साइकिल का वज़न कम हो रहा है , और वो औरत वहीँ पास

भारी गड्ढे के पानी में धड़ाम से कूंद जाती है । लड़का मुड़कर देखना उचित नहीं समझता है ।

 

वो साइकिल सीधा घर की तरफ दौड़ाता रहता है , और घर के दरवाज़े पर ही जाकर रोकता है , घर सामने देखकर उसकी

जान में जान आती है ,वो घर का दरवाज़ा खटखटाता है लडक़े की बुआ दरवाज़ा खोलती है , वो लडक़े को देखकर खुश हो

जाती है पूछती है बेटा तू इतनी रात में क्यों आया लड़का बताता है , बस लेट हो गयी थी क्या करता , बुआ जी पूछती हैं

रास्ते में डर नहीं लगा लड़का बोलता है लगा डर मगर काया करती पिताजी का आदेश था घर पहुंचना भी ज़रूरी था ,

बुआ जी लडक़े को खाना देती हैं रात के तकरीबन १२ बज चुके थे , लड़का खाना खाते समय ही बुआ से पूछता है वो गाँव

के बाहर अमरुद वाले बगीचे में और गेंदे के फूल वाले बगीचे में कौन औरत रहती है , बुआ बोलती है तुम्हे भी मिली थी

क्या लड़का बोलता है हाँ बुआ बताती है वो औरत नहीं चुड़ैल है पहले जब तक ज़िंदा थी बगीचे की देखभाल वही करती थी

२ साल पहले उसकी मौत हो चुकी है , अब हर राह चलते से लिफ्ट लेती है और उसे परेशान करती है , लड़के का भ्रम दूर

हो जाता है उसका शक सही निकलता है , खाना खाने के बाद लड़का सो जाता है , रात भर वो उसी चुड़ैल के बारे में

सोचता रहता है , सुबह जब सोकर उठता है , उसका जिश्म ज़बरदस्त बुखार से तप रहा होता है , बुआ और परिवार वाले

उसे दवा देते हैं और वो दो चार दिन में ठीक हो जाता है ।

दोस्तों ये कहानी ९० के दसक की सत्य घटना पर आधारित है , इंसान की ज़िन्दगी में कुछ वाक़िये ज़रूर ऐसे हो जाते हैं

जो इस विज्ञान के आधुनिक समय में भी इस भूत प्रेत जैसी शख्सियत के बारे में सोचने पर मज़बूर कर देते हैं , आशा है

की कहानी पढ़कर आपको रोमांच का अनुभव हुआ होगा ।

धन्यवाद ।

the end

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