devil of ocean Short horror stories with a twist,

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सरगम गुमसुम सी खामोश अपने केबिन में बैठी कंप्यूटर पर अपना काम कर रही थी आज उसका ऑफिस में पहला दिन था तभी , तभी बाजू वाले केबिन में स्टेलिन की एंट्री होती है , ऑफिस में घुसते ही अपने बाजू वाली केबिन में लड़की देख कर स्टेलिन दंग रह जाता है शायद ही इतनी खूबसूरत लड़की उसने अपनी ज़िन्दगी में कभी देखी थी वह अपनी सीट पर बैठते ही काम में लग जाता है मगर उसकी नज़र हर बार फिसल कर सरगम की गोरी गोरी टांगो पर जाकर अटक जाती है , वो बस सरगम से बात करने के बहाने ढूंढ रहा था ,तभी प्यून एक फाइल रख कर चला जाता है , स्टेलिन फाइल चेक करके आगे सरगम के पास बढ़ाते हुए कहता है एस्क्यूज़ मी मिस क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ , सरगम कहती है , या व्हाई नॉट आई ऍम स्टेलिन फ्रॉम बांद्रा वेस्ट एंड यू सरगम अपने सामने रखे डैशबोर्ड को उसकी तरफ फेरती हुयी स्माइल फेंक देती है स्टेलिन को तो बस इसी वक़्त का बेशब्री से इंतज़ार था ओह तो सरगम है आपका नाम आज शाम को कॉफी पीने चलें बरिष्ता में सरगम कहती है काफी अच्छी सैलरी है तुम्हारी वरना पहली बार में कोई किसी लड़की को बरिष्ता तो लेकर नहीं जाता , स्टेलिन अपने शर्ट के अंदर हाँथ डालता हुआ दिल को छूकर कहता है , क्या करें दिल का बहुत अमीर बनाया है ऊपर वाले ने , और दोनों शाम को बरिष्ता में बैठे कॉफी पी रहे होते हैं ,

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तभी अचानक एक गोली सरगम के काँधे पर लगती है और वो वहीँ धड़ाम से गिर जाती है उसे उठाने के लिए स्टेलिन आगे बढ़ता है तभी एक गोली उसकी पीठ को चीरती हुयी सामने रखे फिश टैंक पर लगती और दूसरे ही पल रंग बिरंगी मछलियों के साथ स्टेलिन और सरगम भी फर्श पर तड़पते पड़े रहते हैं , फायरिंग रुकने का नाम नहीं लेती है सारा बरिष्ता टूटा फूटा बिखरा पड़ा है जान बचाकर सभी इधर उधर भाग रहे हैं तभी एक हमर कार आकर रूकती है जिससे कुछ नकाबपोश टेररिस्ट बाहर निकलते हैं सरगम और स्टेलिन को अपने साथ घसीटते हुए साथ लेकर जाने कहाँ गायब हो जाते हैं ,

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जेद्दाह की नज़रों के सामने आज भी अपनी पत्नी रुबीना और मासूम बेटी ईरा की मौत का वो डरावना मंज़र घूम जाता है , जब समुद्री लुटेरों ने जेद्दाह की शिप को अगवा किया था और जहाज़ के बदले पैसे न मिलने पर कैसे बेरहमी से रुबीना और ईरा का गला रेत कर लाश को शार्क के बीच समंदर में फेंक दिया था,  सारा समंदर खून से लाल हो गया था , तभी ईरा का मासूम हाँथ जेद्दाह की तरफ लाल गुलाब लेकर बढ़ता है , और अचानक जेद्दाह की आँख खुल जाती है वो पसीने से सराबोर था , जेद्दाह के चेहरे से दाढ़ी मूंछे गायब थी अब वो अपना नाम बदलकर स्टेलिन रख लिया है और एक दूसरे देश का नागरिक बन गया है ,

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तभी सरगम और स्टेलिन के मुँह पर पानी की बौछार डाली जाती है आँख खोलते ही सरगम और स्टेलिन अपने आपको

अरब सागर के बीचो बीच एक शिपिंग जहाज़ में पाते हैं , तभी शिप का मालिक सफ्फाक सामने आता है और स्टेलिन बने जेद्दाह के सामने अपनी चेयर खींचता हुआ अपने जूतों की नोक जेद्दाह की हथेली पर रगड़ देता है और कहता है दर्द हुआ न मुझे भी हुआ था , उस दिन जब हमारा माल से भरा हुआ जहाज़ तूने तेरे मुल्क में पहुंचने से पहले ही अपनी कौम की पुलिस के हवाले करवा दिया था , और बदले में हमने तेरी बीवी और बेटी को समंदर में शार्क के सामने छोड़ दिया था ,उस हादसे में तेरी बीवी तो नहीं बची मगर तेरी बेटी ज़रूर हमारे कब्ज़े में है , वो जो तू दूर मरुस्थल का टापू देख रहा है न वहीँ मेहफ़ूज़ रखा है तेरी बेटी को लेकिन वहां तू अकेला नहीं जा सकता तेरी बेटी की क़ुर्बानी देंगे हम क़यामत की रात को तब तक तुम हमारे साथ यही भूखे प्यासे रहोगे हम तुमको तड़पता हुआ देखना चाहते हैं , इसी के साथ अपने हाँथ में नमक लेकर जेद्दाह के ज़ख्मों में रगड़ देता है दर्द से जेद्दाह चीख उठता है ,

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जाते जाते सफ्फाक अपने नुमाइंदों को आदेश देकर जाता है , दोनों के टुकड़े टुकड़े करके अलग अलग मर्तबान में मुरब्बा बनाकर रख दो गर्मी के दिनों में रेगिस्तान में इंसानी गोस्त का मुरब्बा बहुत सेहत मंद होता है  , और समुन्दर में जब भोजन की कमी पड़ जाए तब आदमखोर नुमाईंदों के स्वाद के लिए उन्हें इंसानी गोस्त का मुरब्बा परोसा जा सके , उसके जाते ही सफाक के कारिंदे उन दोनों को टुकड़ों टुकड़ों में काट कर अलग अलग मर्तबान में भर देते हैं और और मुरब्बे के लिए सीरा बनाने में लग जाते हैं , तभी स्टेलिन के जिस्म के टुकड़ों में हलचल होती है,

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शिप अरब महासागर से लगे अरेबियन मरुस्थल टापू की तरफ बढ़ने लगता है , सफ्फाक अपने लाव लश्कर के साथ , मरूस्थल पर डेरा जमा लेता है , आज क़यामत की रात है और आज जेद्दाह की बेटी की क़ुर्बानी शैतान को दी जायेगी , जिसके बाद सफ्फाक हमेशा के लिए अमर हो जायेगा और उसे कोई नहीं मार सकेगा , वो ज़मीन और आसमान में बिना किसी साधन के आ जा सकेगा वह किसी का भी रूप धारण कर सकेगा सारे टापू पर जश्न का माहौल है गुलाम और कनीज़ अपने अपने काम में लगे हुए हैं , चारों तरफ रौशनी ही रौशनी है जेद्दाह की बेटी को क़ुर्बानी के लिए शैतान के सामने लाया जाता है , शैतान सफ्फाक की खुशामदी से बहुत खुश है सात समंदर की सल्तनत वो आज सफ्फाक को देने वाला है , इधर सरगम और स्टेलिन के मर्तबान अपने आप फूट जाते हैं , स्टेलिन के कटे हुए टुकड़े अपने आप जुड़ने लगते हैं , इधर सरगम के भी टुकड़े इकट्ठे होकर आपस में जुड़ जाते हैं और सरगम और स्टेलिन एक बार पुनः ज़िंदा खड़े हो जाते हैं , स्टेलिन अपने आपको देखता है फिर सरगम की तरफ देखता है और सरगम से कहता है मैं तो सफ्फाक के हांथो उसी दिन मर चुका था जिस दिन उसने मेरी बीवी रुबीना और बेटी ईरा को समंदर में फेंक दिया था ईरा तो बच गयी मगर रुबीना को शार्क खा गयी और मैं मजबूर देखता रहा इसके बाद सफ्फाक ने मुझे भी समंदर में मरवा के फिकवा दिया था तब से मेरी रूह मेरी बेटी की तलाश में भटक रही थी , स्टेलिन की बात सुनकर सरगम की आँखों में आंसू आ जाते हैं ,

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सरगम बताती है जिस तरह सफ्फाक ने तुम्हारे परिवार को मारा था ठीक उसी तरह इस कमीने ने मेरे मम्मी पापा को भी

मारा था , मेरे पापा अरेबियन सागर में मालवाहक शिप के कप्तान थे बात उन दिनों की है जब मुंबई ड्रग्स माफियाओं का अड्डा बना हुआ था , सफ्फाक हर तरफ अपनी ताक़त का जाल बिछा रहा था उसने इंटरनेशनल मार्किट में तो अपना दबदबा बना ही लिया था बस वो यह चाहता था की मेरे पिता जी भी उसका माल कंटेनर में छुपा के अपने शिप से समंदर के रास्ते मुंबई पंहुचा दे , मगर पिता जी ईमानदार थे उन्होंने इसकी एक नहीं मानी और माँ पिता के साथ मुझे भी हमारे घर आँगन में ज़िंदा दफना दिया , ये बात किसी को पता नहीं चलने दी गयी और न्यूज़ में विदेश यात्रा में गए कप्तान और उसकी फैमिली को लापता बता दिया गया , स्टेलिन कहता है मुझे माफ़ कर दो सरगम मैंने अपना बदला लेने के लिए तुम्हे जरिया बनाया , सरगम कहती है किसी ने किसी को जरिया नहीं बनाया इन्तेक़ाम की आग मेरे भी सीने में धधक रही है , और मुझे अच्छी तरह से पता है शफ़्फ़ाक़ की मौत हम दोनों के एक होने से ही हो सकती है , क्यों की न उसे नर मार सकता है न औरत न फरिश्ते मार सकते हैं न अदम उसे ऐसी ऐसी कोई शक्ति ही मार सकती है जो इन सबसे परे हो , इतना कहते ही सरगम और स्टेलिन की रूह एक हो जाती है , और जैसे ही जल्लाद ईरा की गर्दन पर गंडासे से वार करता है गंडासा दूर जा गिरता है , दोनों का नया रूप देखकर शफ़्फ़ाक़ भौचक्का रह जाता है , सरगम और स्टेलिन एक साथ सफ्फाक को उठा कर सामने जल रहे तंदूर की भट्ठी में ज़िंदा डाल देते हैं उसके अंत के साथ सफ्फाक के तमाम मयाबी गुलाम और कनीज़ हवा में गायब हो जाते हैं और शैतान वो टापू छोड़कर हमेशा के लिए रफूचक्कर हो जाता है , इसी के साथ ईरा को अपने घर छोड़ने के बाद उसे हमेशा ज़रुरत में मदद करने का वादा करने के साथ सरगम और स्टेलिन आकाश में गायब हो जाते हैं।

pics taken by google