dirt bike riding a short horrific story in hindi ,

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गोविंदपुरा का इलाका बस एक बीहड़ बन के रह गया था आज से २ दशक पहले तक ये ये हरे भरे रिहायसी इलाकों में गिना जाता था , मगर यहां कभी कुछ ऐसा घटित हुआ की जिसे जानकर भी अनदेखा कर दिया सरकार ने भी इस इलाके को लोगों से छुपाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जिससे जैसे बना उसने इस इलाके की प्रचुर खनिज सम्पदा का उस तरह से दोहन किया , अब बस कुछ मौकों पर इस इलाके में सैलानियों का आना जाना होता है , बाकी समय में कोई परिंदा भी इस इलाके का रुख नहीं करता है ।

cut to ,

बस कुछ इल्लीगल स्पोर्ट्स ऑर्गनाइज़र विदेशी ब्रांड्स को प्रोमोट करने के लिए कुछ गेम्स ऑर्गनाइज करते हैं , बाइक राइडिंग , पैरा ग्लाइडिंग , मोटर बोट रेस आदि प्रमुख हैं , पिस्तौल की गूँज के साथ डर्ट बाइक राइडिंग की शुरुआत होती है , बेतहाशा रफ़्तार के साथ दौड़ती १५ बाइक्स कब गोविंदपुरा के जंगल की गहराइयों में खो जाती है पता भी नहीं चलता है , झील का किनारा जंगल में बनी पगडंडियों से होकर गुज़रती बाइक नज़ारा कुछ और ही हसीं बना रही थी , तभी १० नंबर की बाइक को एक अदृश्य शक्ति झील की गहराइयों में खींच ले जाती है बाइक राइडर चिल्लाता ही रह जाता है , और बाकी बाइक राइडर्स उसे बचा भी नहीं पाते हैं ,ये सब घटनाएं ड्रोन कैमरा द्वारा रिकॉर्ड कि जा रही थी , शाम का वक़्त हो चुका है जंगल से बिना टास्क पूरा किये निकला भी नहीं जा सकता है , इधर ज़िन्दगी को जीने की तमाम जद्दोज़हद से जूझ रहे बचे हुए बाइक राइडर्स जंगल की अथाह गहराइयों में खोते जा रहे थे , धीरे धीरे सबका ड्रोन कैमरे से कनेक्शन ख़त्म हो जाता है , रास्ता था की ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा था , सभी बाइक राइडर्स एक एक करके काल का ग्रास बनते जा रहे थे , कुछ को जंगली जानवरों ने मार डाला तो कुछ वहाँ मौजूद अदृश्य शक्तियों द्वारा मार दिए गए , जंगल की अथाह गहराइयों में मदद की कोई गुंजाइश भी नहीं थी , क्यों की कोई नेटवर्क काम नहीं कर रहा था ,रात और काली अँधेरी होती जाती है जंगल की गहराइयों में बचे खुचे बाइक राइडर्स पूरी तरह से रास्ता भटक चुके हैं , कीड़े मकोड़े जंगली जानवरों के साथ कुछ अदृश्य ताकतों की आवाज़ें रात को और भयानक बना रही थी , कुछ बाइकर्स के किट बैग में टॉर्च भी थी मगर सारी रात टॉर्च की रौशनी का चल पाना नामुमकिन था , बचे सभी १४ बाइकर्स जिनमे से ६ एक दूसरे को ढूढ़ते हुए एक साथ मिल जाते हैं , मगर ८ बाइकर्स अब भी जंगल की मुसीबतों से अकेले जूझते रहते हैं , किसी को सांप डस लेता है तो किसी की बाइक में ब्लास्ट हो जाता है , किसी को शेर भालू मार डालते हैं तो कोई भूत प्रेत के द्वारा मार दिए जाते हैं , मगर सबसे खतरनाक स्थिति तब बनती है , जब पहले बचे ६ बाइकर्स के पास ८ में से बचे ४ बाइकर्स जाकर सारी घटना बताते हैं ।

जब चारों बताते हैं की ये कोई गेम वेम नहीं है , हमें मौत के मुँह में धकेलने के लिए साज़िश रची गयी है और वो एक एक करके हुयी सभी बाइकर्स की मौतों का वृत्तांत बाकी ६ बाइकर्स से बता देते हैं , सारी घटना सुनने के बाद बचे १० बाइकर्स हर हाल में वहाँ से बचने की तरकीब लगाते हैं , सभी वहाँ से भागना सुरु कर देते हैं , तभी उन्हें पहाड़ी की चोटी पर एक मशाल जलती दिखाई देती है , वो सब उस रौशनी का पीछा करते उस जगह तक पहुंचते हैं , वहां एक बहुत बड़ी गुफा है , जिस पर बहुत सारे जंगली जानवरों का पहरा है , वो कुछ लकड़ी के टुकड़ों में आग लगाकर किसी तरह गुफा के अंदर प्रवेश करते हैं , कुछ हिंसक जानवर उन पर हमला करने की कोशिश भी करते हैं मगर आग के कारण वो एक सीमित दूरी पर ही गुर्राते रह जाते हैं , गुफा के अंदर पहुंचते ही , उनकी आँखें चकाचौंध रह जाती है सारी गुफा में अंदर जगमग रोशनी कलकल झरना रंगबिरंगे फूल , और फल से आच्छादित वृक्ष वहीँ झरने के एक कोने में एक ऋषि तपश्या करते हुए बैठे हैं ,

सबके सब ऋषि के तेज़ से प्रभावित होकर उनके सामने हाँथ जोड़कर खड़े हो जाते हैं , तभी ऋषि की आँख खुलती है वो बोलते हैं आगये तुम लोग , आखिर क्यों सृष्टि का सर्वनाश चाहते हो तुम लोग , इस बार तुम्हे भेजा है तुम्हारी सरकार ने यहां उत्पात मचाने के लिए , वो डर के मारे थर थर काँप जाते हैं नहीं साधु जी हम तो सिर्फ खेल खेलने आये थे हमें क्या पता की ये मौत का खेल बन जायेगा , ऋषि बोलते हैं खेल लिए खेल अपनी जान से जाओगे सबके सब , बाइकर्स बोलते हैं हमारी कोई गलती नहीं है कृपया हमे बचाएं हम निर्दोष हैं ,साधु बोलता है निर्दोष और तुम लोग तरस आता है तुम्हारे चेहरों को देखकर , चंद पैसों के लिए तुम यहां तक चले आये अरे निर्दोष तो वो लोग थे , जो डूबकर मर गए गोविंदपुरा की झील में , निर्दोष तो वो थे जिनकी रूहें आज भी चीखती हैं , गोविंदपुरा की पहाड़ियों में ,

ऋषि पूर्व में घटी घटना का वृत्तांत बताते हैं , story in flash back ,

आज से लगभग २ दसक पहले जब प्रदेश में बहुत ही भ्रष्ट सरकार हुआ करती थी, मुझे आज भी याद है रक्षा बंधन का वो दिन झील से सटे हाइवे पर सरपट दौड़ती बस जाने कब स्टेयरिंग फ़ैल हो जाने के कारण झील की अनंत गहराइयों में समाती चली गयी वहाँ मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है की ड्राइवर जान गया था की , स्टेयरिंग फ़ैल है फिर भी उसने अपनी जान की परवाह न करते हुए बस को पहले हाइवे पर लगे पेड़ पर अड़ाकर रोकने की कोशिश की , मगर जब फिर भी बात न बनी बस सीधा झील में समां गयी , और वो बस से कूदा नहीं खुद बस के साथ जल समाधी में खो गया , वहाँ मौजूद लोगों ने तुरंत झील में डूबते लोगों को बचाने का भरसक प्रयत्न किया , मगर ग्रीन एल्गी की वजह से वो किसी को बचा नहीं पाए । सरकार ने इतनी देर से कार्यवाही की कि लोगों कि लाश ढूढ़ने में हफ़्तों लग गए ।

तभी से गोविंदपुरा की पहाड़ी में न जाने कितने हादसे होने लगे अभी ठण्ड के कोहरे में न जाने कितने हादसे होते रहते हैं , गोविंदपुरा की पहाड़ी हादसों का गढ़ बन चुकी थी , जिसके चलते सरकार ने गोविंदपुरा हाइवे बंद करवा दिया । और इसे हॉन्टेड जोन में तब्दील कर दिया , अब इस जगह पर बड़े बड़े कॉन्ट्रैक्टर्स कि नज़र रहती है , वो हर हाल में इस जगह को हासिल करना चाहते हैं और तुम्हारे जैसे लालची इनके बहकावे में आकर मौत के मुँह में चले आते हैं , तभी बाइकर्स कि टोली साधू के चरणों में गिरकर माफ़ी मांगते हैं , और बोलते हैं , कि हमें माफ़ कर दीजिये महाराज अब हम दुबारा कभी इधर का रुख नहीं करेंगे , साधू बोलते हैं ठीक है अब जब तुम हमारी शरण में आ ही गए होतो तुम्हारी जान बचाना हमारा कर्त्तव्य है ।

चैप्टर २

एडवेंचर्स स्पोर्ट्स के अंतर्गत पैराग्लाइडिंग का भी आयोजन हुआ था जिसमे ग्लाइडर को उड़ान भर कर सुनिश्चत दूरी तय करने के बाद वापस अपने स्थान पर पहुंचना होता है , मगर ग्लाइडर्स के उड़ान भरने के कुछ मिनटों के बाद ही कुछ किलोमीटर की दूरी २ ग्लाइडर्स क्रैश हो जाते है , इधर तमाम वाकी टॉकी वायरलेस में अनाउंस होने लगता है बाइक राइडर्स और कुछ ग्लाइडर्स लापता हैं जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है , रात होने से पहले उनका मिलना अनिवार्य है । स्पोर्ट्स ऑर्गनाइज़र सिक्युरिटी को आदेश देता है मुझे तुरंत सब कुछ ठीक चाहिए ।

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इसी तरह पैराग्लाइडिंग में क्रैश हुए ग्लाइडर्स भी ऊपर वाले से अपने जान की भीख मांग रहे थे , मगर मौत भी अपनी ज़िद पर अड़ी थी , तमाम कोशिशों के बावजूद भी वो भी अपनी जान नहीं बचा पाते हैं, जिस ऍप पर इस खतरनाक खेल का लाइव टेलीकास्ट किया जा रहा था उसे भी रोक दिया दिया जाता है । वहाँ मौजूद पार्टिसिपेटर्स को भी वहां से बाहर जाने की इजाज़त नहीं रहती है , ऍप बंद होते ही तमाम सोशल साइट्स और न्यूज़ चैनल्स में हल्ला हो मच जाता है , मगर किस जगह से ये शो ऑर्गनाइज किया जा रहा था इस बात की खबर अब भी किसी को नहीं थी ,

चैप्टर ३

गोविंदपुरा की झील जो की बहुत ही विशालकाय है , जिसमे खतरनाक मगरमच्छ तो हैं ही साथ इसकी गहराई बहुत ज़्यादा है , कहते हैं दो हांथियों की ऊचाइयों से भी ज़्यादा गहरी है , और ग्रीन एल्गी (हरी शैवाल ) से भरा पड़ा है अच्छे से अच्छा तैराक भी अगर झील में मौजूद मगरमच्छ से बच जाए तो ग्रीन एल्गी से बचकर नहीं निकल सकता है , पहले स्थानीय लोगों के द्वारा कभी कभी इस झील की सफाई भी कर दी जाती थी मगर जब से सरकार ने क्षेत्र को प्रतिबंधित किया है तब से कोई इस तरफ का रुख भी नहीं करता है , प्रतियोगिता का दूसरा दिन गुमे हुए प्रतियोगियों को ढूढ़ने की बजाय स्पोर्ट्स आर्गेनाइजर झील में मोटर बोट की रेस का आयोजन सुरु कर देते क्यों की उन्हें हर कीमत पर विदेशी कंपनी का पैसा लौटाना है ऍप एक बार फिर से सुरु हो जाता है , गन की एक फायर के बाद सभी मोटर बोट्स झील के पानी में तेज़ रफ़्तार के साथ दौड़ पड़ती हैं , और लगभग ५ मिनिट के बाद ही एक मोटरबोट को मगरमच्छ के द्वारा पलटा दिया जाता है , और और उसमे मौजूद २ बोटमैन में से एक को मगरमच्छ झील के पानी की अनंत गहराई में खींच ले जाता है , जब तक सिक्योरिटी वहाँ पहुँचती दूसरा बोटमैन ग्रीन एल्गी में बुरी तरह से फंस चूका था उसे किसी तरह निकाला गया की तभी , एक मोटर बोट अनजान कारणों से ब्लास्ट हो जाती है और उसमे मौजूद बोटमैन के परखच्चे हवा में उड़ जाते हैं , किसी को कुछ समझ में आता की तभी तीसरी बोट एल्गी में फंस जाती है और उसको निकालने के चक्कर में एक बोटमैन एल्गी में फंस जाता है , तभी एल्गी में फंसी बोट उस बोटमैन के ऊपर से गुज़र जाती है जिससे की उस जगह का पानी खून से लाल हो जाता है ,

ये सब घटनाएं डेडली स्पोर्ट लाइव एप में सब देख रहे थे , इससे पहले की एप बंद होता मीडिया में हो हल्ला हो जाने से साइबर पुलिस लोकेशन ट्रैश कर लेती है और तुरंत एरिया को सील करने का आदेश दे देती है , मगर जिस लोकेशन के सिग्नल थे उस जगह फोर व्हीलर से पुलिस का पहुंच पाना नामुमकिन था ,  उसके लिए होम मिनिस्ट्री के ख़ास आदेश पर कमांडोज़ की टीम वहां भेजी जाती है ,मगर फ़ोर्स के पहुंचने तक सब लोग वहाँ से ग़ायब हो चुके होते हैं ।

तभी बचे १० बाइक राइडर्स को साथ लेकर ऋषि उस स्थल पर पहुंचते हैं जहां कमांडोज़ एरिया कि जांच कर रहे थे , सभी बाइक राइडर्स एक एक करके अपने साथ घटित घटना विस्तार से बताते हैं , जिससे इल्लीगल स्पोर्ट्स आर्गेनाइजर को गिरफ्तार कर लिया जाता है , और डेडली स्पोर्ट एप हमेशा के लिए बंद हो जाता है ।

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the end ,