erotic horror website a short horror story in hindi ,
सामने चैम्बर में बैठी महिला की आँखों में आँखें डालकर रवी अपनी मूवी की स्टोरी टेलिंग कर रहा है , स्टोरी नरेट करते करते अचानक रवी की आँखें झुक जाती है तभी सामने बैठी महिला स्केरी वर्ल्ड मूवीज की निर्माता लिली रवी को कहती है क्या हुआ मिस्टर लुक एट मी मेरी आँखों में आँखे डालकर अपनी स्टोरी नरेट करो जब तुम ही डरपोक हो तो खतरनाक वेब सीरीज के लिए कहाँ से एक अच्छा सा डरावना कंटेंट लिख पाओगे , रवी एक बार फिर लिली की आँखों में देख कर स्टोरी नरेट करने लग जाता है , तभी सामने बैठी लिली लिली चुटकी बजाती हुयी रवी को कहती है मेरी आँखों में देखो रवी तुम्हे तुम्हारी कहानी की वास्तविकता नज़र आएगी , कहानी सुनाने में तुम रोमांच महसूस करोगे , तुम्हारा अतीत दिखाई देगा रवी लिली की आँखों में डूबता चला जाता है , कैमरा ज़ूम इन सामने लगी एक हिस्टोरिकल तस्वीर के अंदर घुसता चला जाता है और कुछ ही पल में उस तस्वीर का सीन लाइव हो जाता है , अगले पल रवी खुद को तस्वीर के सीन के क्राउड में खड़ा हुआ पाता है , बहुत बीड भाड़ वाला इलाका है शायद पुरातन काल के किसी नगर का बाज़ार है , बाज़ार में हीरे जवाहरात के साथ हर एक ज़रुरत का सामान मिलता है ,रवी बाजार का नज़ारा देखता हुआ आगे बढ़ता है , मगर एक जगह में इंसानो के साथ बर्बरता होती हुयी देखकर उसकी रूह काँप जाती है , शायद उस स्थान पर इंसानो की खरीद फरोख्त का कारोबार होता था , रवी दीवार की ओट में छुप कर सारा नज़ारा देख रहा था , की अचानक एक दलाल आकर उसे पकड़ लेता है और सामने स्टेज में ले जाकर खड़ा कर देता है , और रवी को बेचने के लिए बोली लगाने लग जाता है , तभी सामने से एक नक़ाब पोश महिला का काफिला गुज़रता है उसमे सभी सैनिक महिला हैं और नक़ाब पोश हैं , तभी पालकी में बैठी महिला नकाबपोश दलाल को आदेश देती है की रवी को छोड़ दिया जाए दलाल महिला के सामने सर झुकाकर घुटनो के बल बैठ जाता है , और कहता है जो हुक्म मल्लिका ए हुश्न और रवी को महिला के सैनिको के सुपुर्द कर देता है , रवी की बेड़ियाँ खोल दी जाती हैं , और रवी मल्लिका ए हुश्न के काफिला के साथ आगे निकल जाता है ।
मगर दूसरे ही पल खुद को काल कोठरी के अँधेरे की गहराइयों में पाता है , चारों तरफ चीख पुकार मची है , सभी शख्स मल्लिका ए हुश्न को मरने की बद्दुआ दे रहे हैं , रात का वक़्त है कुछ नौजवान युवकों को घायल अवस्था मामूली उपचार के बाद लाकर काल कोठरी में डाला जा रहा था , उनकी हालत देखकर साफ़ समझ में आ रहा था की उनके जिस्म से काफी मात्रा में खून निकाला जा चुका है ,और हकीकत बह यही थी की रक्त से प्यास बुझाने के बाद उन युवकों को एक मामूली इलाज़ के बाद पुनः कालकोठरी में डाल दिया जाता है , और इसी तरह हर रोज़ नए नए युवकों के रक्त से मल्लिका ए हुश्न और उसकी नर्तकियों की प्यास बुझाई जाती है , और जब युवक पूरी तरह से बेज़ार हो जाते हैं उनका क़त्ल करके मल्लिका ए हुश्न के पालतू खूंखार मगरमच्छ घड़ियाल शेर चीतों के सामने फेंक दिया जाता है । रवी को नहला धुलाकर सिर्फ अन्तःवस्त्र में मल्लिका ए हुश्न के सामने पेश किया जाता है , रंगमहल का कोना कोना दासियों और रक्काशाओं (नर्तकियों ) से सजा हुआ है हर तरफ एक विशेष तरह के जादुई संगीत का नशा सा फैला हुआ है , कुछ ही देर में रंगमहल की तमाम नर्तकियां रवी के साथ बेड़ियों में जकड़े हुए सुडौल युवको के जिस्म के साथ खेलने लगती है नर्तकियों की जिह्वया युवकों की गर्दन पर जाकर रुक जाती है और नर्तकियों के नुकीले दांत युवकों की गर्दन में गड जाते हैं , इसी के साथ युवकों के जिस्म से लिपटी नर्तकियों के नाखून भी युवकों के जिस्म पर खरोच मारने लगते हैं , जिससे युवकों के जिस्म से खून की तेज़ धार बह निकलती है , जिस्म से बहते रक्त को इकठ्ठा करने के लिए दासियाँ चांदी का कटोरा लेकर आती हैं और सभी युवकों के जिस्म से बहते रक्त को इकठ्ठा करके ले जाती हैं , और एक एक कटोरा खून सभी नर्तकियों और दासियों में बाँट दिया जाता है , और एक बड़ा सोने का रक्त से भरा हुआ कटोरा मल्लिका ए हुश्न के सामने रख दिया जाता है , मलिलका ए हुश्न के का हुकुम पाते ही सारी नर्तकियां और दासियाँ अपने असली चुड़ैल रूप में आ जाती है और अपना अपना कटोरा उठाकर खून पीने लगती है , सभी चुड़ैलों की निगाहें उन नौजवानो पर रही हैं वो उन्हें ज़िंदा खाना चाहती हैं मगर मल्लिका ए हुस्न उन्हें रोक देती है , और कहती है मिलेगा सबको मिलेगा बस अगली पूनम रात का इंतज़ार करो ।
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तभी चैम्बर में बैठी महिला प्रोडूसर रवी को कहती है क्या हुआ मिस्टर आज रात बहुत हो गयी है बाकी की स्टोरी टेलिंग तुम कल करना ऑफिस बंद करने का वक़्त हो गया है , रवी अपनी कहानी बीच में रोक देता है और अपने घर के लिए रवाना हो जाता है , रास्ते में लौटते वक़्त रवी को थोड़ा वीकनेस महसूस होती है , मगर उसे लगता है हो सकता है थकान की वजह से उसे कमज़ोरी महसूस हो रही हो , घर पहुंचकर जब वो अपने कपडे उतारता है तो उसके हाँथ में नुकीले दांतों के निशान मिलते हैं जैसे किसी बिल्ली ने उसकी कलाई में दांत गड़ाए हों , वो सोचता है अभी तो किसी तरह से भी उसकी किसी बिल्ली से कोई मुलाक़ात ही नहीं हुयी नहीं उसके आस पास या घर में कोई नहीं बिल्ली है , खैर डिनर के साथ दो पेग वाइन के लगाकर रवी चुपचाप सो जाता है , दूसरे दिन वो सुबह सुबह तैयार होकर लिली के प्रोडक्शन हाउस के लिए रवाना हो जाता है , लिली के प्रॉडक्शन हाउस के बाहर रवी को बहुत सारी बिल्लियां घूमती हुयी दिखाई देती हैं , रवी को देखकर वो रवी को ही घूरने लगती हैं और भयानक आवाज़ें निकालती हुयी एक एक करके के वहाँ से ग़ायब हो जाती हैं रवी को लगता है कहीं इन्ही में से किसी बिल्ली ने कल उसके हाँथ में हो सकता है काटा हो , और ये सोचकर वो एक बार फिर से डर जाता है ,
और गेट खोलकर प्रोडक्शन हाउस के अंदर चला जाता है , सामने काउंटर पर बैठी असिस्टेंट रवी का वेलकम करती है और एक कुटिल मुस्कान देती है , रवी भी बदले में हल्की सी स्माइल देता है , थोड़ी देर बाद लिली का फोन आता है असिस्टेंट रवी को मैडम के चैम्बर तक पहुँचाती है , और वापस चली जाती है लिली के चैम्बर से एक थका हुआ हुआ लड़का बाहर निकल रहा था , जैसे किसी ने उस लड़के के जिस्म से काफी मात्रा में खून निकाल लिया हो , रवी लिली के सामने रखी टेबल पर अपना लैपटॉप रखकर ऑन करता है , और आगे की स्टोरी सुनाना सुरु करता है , तभी लिली रवी के पास आकर रवी के काँधे पर अपना हाँथ फेरती है , और बोलती है ओह कम ऑन डियर कैसे राइटर हो तुम क्या मेरी आँखों में आँखे डालकर कहानी सुनाने में शर्म आती है तुम्हे , रवी फ़ौरन लैपटॉप बंद करके लिली की आँखों में आँखें डालकर कहानी सुनाना सुरु कर देता है , सामने बैठी लिली रवी की आँखों में आँखे डालकर बिना पलक झपकाए कहानी सुन रही है , लिली की आँखों में देखते देखते रवी एक बार फिर लिली के जस्ट पीछे लगी हिस्टोरिकल पैन्टिन्ग की सीन में खोता चला जाता है , और एक बार फिर अपने आप को मल्लिका ए हुश्न की काल कोठरी में क़ैद पाता है , मल्लिका ए हुश्न की दासियाँ आज कुछ और नए नौजवानो को रंगमहल की ओर ले जाती हैं , आज रवी को साथ नहीं ले जाया जाता है , काल कोठरी में बैठा रवी रोशन दान की और देखता हुआ कुछ सोच रहा है , तभी एक कबूतर रोशनदान में बैठकर गुटरगूँ गुटरगूँ करने लगता है रवी उस कबूतर को पकड़ लेता है , और उसके पैरों में साही छल्ले को देखकर बहुत खुश होता है , और अपने जिस्म से बह रहे खून से अपने शरीर पर लपेटे कपडे का टुकड़ा फाड़ कर उस पर सन्देश लिख कर उसके पैरों में बांधकर उसे उड़ा देता है , उधर कबूतर द्वारा भेजा गया सन्देश बादशाह सलामत के पास पहुंच जाता है , बादशाह सलामत अपने सैनको को उस कबूतर के पीछे लगा देते हैं ,
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तभी सामने बैठी लिली टेबल पर हिल रहे पैंडुलम को रोक देती है , और रवी को कहती है आपकी स्क्रिप्ट अच्छी है मिस्टर रवी जिस पर हमारी टीम को थोड़ा वर्क तो करना पड़ेगा थकान से चूर रवी ज़मीन पर गिरने ही वाला था की , लिली की मज़बूत सुडौल बाहें उसे थाम लेती हैं , लिली नशीले अंदाज़ में रवी और अपने लिए ड्रिंक बनाती है रवी की शर्ट की बटन खोलती हुई रवी की तरफ आगे बढ़ती है और कहती है रवी अब क्यों की तुम स्केरी वर्ल्ड मूवीज के बैनर तले काम कर रहे हो तो थोड़ा कोम्प्रोमाईज़ तो तुम्हे भी करना ही होगा वैसे आज रात क्या कर रहे हो , आज रात पेज ३ की पार्टी है पार्टी में हमारे कॉर्पोरेट के सभी मेंबर्स से तुम्हारी मुलाक़ात होगी इसके बाद जस्ट फन तुम और मैं सारी रात एन्जॉय करेंगे , मरता क्या न करता इतने सालों के स्ट्रगल के बाद रवी को ब्रेक मिला था वो चाहकर भी मना नहीं कर सकता था , घर जाकर रवी नेट में हिप्नॉटिज़्म से निपटने के तरीके सर्च करता है , और काफी मसक्कत के बाद आखिर कार सम्मोहन विद्या से निपटने का कारगर तरीका सीख भी जाता है , नेट में बताये नुश्खे के अनुसार वो एक ताबीज तैयार करता है , और पेज ३ की पार्टी के लिए निकल पड़ता है , पार्टी में हॉरर वेब्सिरीज जगत के जाने माने प्रोडूसर्स और डायरेक्टर्स मौजूद थे और कुछ मॉडल्स भी मौजूद थे , पार्टी अच्छी खासी चलती है , रात के २ बज जाते हैं लगभग बाहर के सभी लोग अपने घरों को चले जाते हैं बचते हैं लिली रवी और लिली की असिस्टेंट्स और मॉडल्स , मॉडल्स असिस्टेंट्स के साथ अपने अपने रूम में चले जाते हैं और रवी लिली के साथ लिली के कमरे की और बढ़ता है ,वो बार बार अपने कोट की जेब में हाँथ डाल कर चेक करता है की ताबीज़ सहीसलामत तो है न , जेब चेक करते समय लिली देख लेती है की कहीं कुछ गड़बड़ है वो रवी से पूछती है आर यु फील कम्फर्टेबले न , रवी कहता ओह यस डोंट वोर्री , लिली कहती है तुम तो अभी से पसीना पसीना हुए जा रहे जा रहो अभी तो सारी रात का गेम खेलना बाकी है , रवी हड़बड़ाहट में इट्स ओके बोलता हुआ लिली के पीछे चलने लगता है और लिली रवी की टाई पकडे हुए उसे अपने पीछे पीछे कुत्तों की तरह घसीटती हुयी लेजाकर अपने बेड पर पटक देती है , और एक भूखी शेरनी की भाँती उस पर झपट पड़ती है , वो रवी के जिस्म का एक एक चिथड़ा नोच फेकती है , रूम में रेड डिम लाइट्स जल रही हैं , तभी अचानक रवी की नज़र लिली के पीछे दीवार पर लगी हिस्टोरिकल पेंटिंग पर पड़ती है , जिस में एक पिशाचनी कटोरे से खून पी रही है और सामने बहुत से नौजवान युवक रसियों से बंधे हुए हैं , जिनके जिस्म खून से लथपथ है और दूसरे ही पल रवी फिर अपने आपको मल्लिका ए हुश्न की काल कोठरी में बेहोश डला हुआ पाता है ।
एक बार फिर मल्लिका ए हुश्न की दासियाँ रवी को तैयार करके रंगमहल में ले जाती हैं , रंग महल में चारों और नृत्य गान चल रहा है इसी बीच रवी के कदमो में एक सर कटके आकर गिरता है , रवी के साथ चल रही सिपाही उस सर पर एक लात मारती है , जिससे उस शख्स का चेहरा साफ़ दिखाई देता है वो शख्स रवी के बाजू वाली कोठरी का नौजवान था , आज आखरी दिन था उसका अब उसके जिस्म में खून की एक बूँद नहीं बची थी इसलिए मल्लिका ए हुश्न ने उसका सर गर्दन से अलग करवा दिया , और जिस्म के टुकड़ों का शहद के साथ मुरब्बा तैयार किया जायेगा जिसके सेवन से मल्लिका ए हुश्न का जिस्म हर उम्र में सुडौल और कामुक बना रहेगा , रवी को मल्लिका ए हुश्न के सामने पेश किया जाता है , रवी को देखते ही मल्लिका ए हुश्न की प्यासी जीभ लपलपाने लगती है , इधर कामाग्नि में जल रही लिली रवी के ऊपर टूट पड़ती है वो उसके हर एक अंग को नोचना सुरु कर देती है नशे में धुत बेड से बंधा हुआ रवी चुप चाप उसके दिए हर एक ज़ख्म को होंठ दबाये सहे जा रहा है , लिली की जीभ रवी के जिस्म से बह रहे हर एक खून के कतरे को बड़े चाव के साथ चाटती जा रही है , धीरे धीरे लिली अपने असली चुड़ैल रूप में आ रही है , रवी अपने कोट में रखे ताबीज़ की तरफ देख रहा है मगर चाह कर भी कुछ कर नहीं सकता है , उधर रंगमहल का जश्न अपने पूरे शबाब में है नौजवानो के सर एक एक करके उनके धड़ से अलग किये जा रहे हैं , तभी बादशाह सलामत के सैनिको का रंगमहल में प्रवेश होता है उनके घुसते ही सभी नर्तकियां बानी चुड़ैल अपने असली रूप में आजाती है , और एक भयानक चीख के साथ बादशाह सलामत के सैनिको पर हमला कर देती है मगर सैनकों के बल के सामने उनकी एक नहीं चलती है , और कुछ ही देर में मल्लिका ए हुश्न और उसकी चुड़ैल दासियों को गिरफ्तार करके बादशाह सलामत के दरबार में पेश किया जाता है ,
बादशाह सलामत मल्लिका ए हुश्न को ऊपर से नीचे तक देखते हैं , और आदेश देते हैं दूर ले जाओ इस गुस्ताख़ चुड़ैल को मेरी नज़रों के सामने से और इसे इसकी नर्तकियों दसियो को इसी महल में ज़िंदा दीवार में चुनवा दो ताकि आने वाले समय में जो भी उस महल को देखे उसकी रूह काँप जाए और कोई भी दुबारा हमारी सल्तनत और हमारी रियाया की तरफ बुरी नज़र डालने की हिमाक़त न कर सके , और बादशाह सलामत के हुक्म के हिसाब से मल्लिका ए हुश्न को उसकी नर्तकियों और दासियों के साथ उसी के महल में ज़िंदा दीवार में चुनवा दिया जाता है , इधर रवी के जिस्म पर लिली की लपलपाती जीभ जाने कहाँ गायब हो जाती है और लिली अपने असली चुड़ैल रूप आजाती है मौका पाकर रवी अपना कोट उठाता है और वहाँ से भाग जाता है , और रास्ते में भागते भागते जाने किसी कार के आगे आजाता है , मगर उसे चोंट नहीं लगती है क्यों की कार पहले ही रुक जाती है , कार चलाने वाला शख्स रवी को ले जाकर एक हॉस्पिटल में भर्ती करा देता है , रवी को दो तीन दिन बाद होश आता है तो रवी अपने आपको , हॉस्पिटल के बेड में पाता है , रवी डिस्चार्ज होने के बाद अपने घर आजाता है ,
cut to ravi flat ,
एक शाम रवी बालकनी में बैठा व्हिस्की के दो पेग लगाकर पुराने न्यूज़ पेपर देख रहा था , जिसमे से एक न्यूज़ पेपर में स्केरी वर्ल्ड मूवीज लिली के ऑफिस में हुआ खतरनाक आतंकवादियों का हमला जिसमे गयी दर्जनों बेगुनाहों की मौत की खबर छपी थी , और घटना से दुखी प्रोडूसर लिली ने लिया प्रोडक्शन हाउस बंद करने का निर्णय , न्यूज़ पढ़कर रवी हैरान रह जाता है , और चाहकर भी कुछ नहीं कर पाता है , और एक रात हॉरर के शौक़ीन रवी को नेट पर वही मल्लिका ए हुश्न की रंगमहल वाली हॉरर वेबसिरीज देखने को मिलती है जिसे देखकर रवी शॉक्ड हो जाता है , तभी रवी के फोन की रिंग बजती है रवी वेबसिरीज बीच में रोक देता है नंबर विदेशी है सामने फोन उठाते ही सामने वाली महिला बोलती है हेलो मिस्टर रवी मैं लिली बोल रही हूँ हमने आपकी प्रोफाइल देखी है आप राइटर हो न क्या आप हमारे साथ हमारी नेक्स्ट वेबसिरीज में काम करना पसंद करेंगे , और हाँ जो वेबसिरीज आप देख रहे हैं उसे अंत तक ज़रूर देखिएगा , रवी फोन रखता है और वेबसिरीज को फिर से चालू करता है ,बादशाह सलामत के हुकुम से मल्लिका ए हुस्न को दीवार मे चुना जा रहा है , सिपाही चारों तरफ से घेरे हुए हैं रात का अँधेरा बढ़ जाता है , दीवार बनाने वाला कारीगर मल्लिका ए हुश्न के जलवों का पहले से ही कायल था , वो अपनी मल्लिका को कैसे क़त्ल कर सकता था , उसने दीवार के बाहरी तरफ का मसाला कच्चा कर दिया था जिससे रात के नधेरे में मल्लिका ए हुश्न अपनी बची खुची दासियो के साथ भाग जाती है , और जंगल के बीच एक नया महल उसी कारीगर से बनवाती है और महल बन जाने के बाद उस कारीगर को भी मार देती है सदिया बीतती है ज़माना बदलता है ,वक़्त के साथ साथ मल्लिका ए हुश्न और ताकतवर होती जाती है और आधुनिक परिवेश के साथ मल्लिका ए हुस्न का रंग रूप भी बदलता जाता है और वो लिली का रूप धारण कर लेती है जिसकी दासियाँ बिल्लियों के रूप में हमेशा उसके साथ रहती है ।
to be continue…..
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