ghost love story in hindi love will never die ,

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फोन की रिंग बजती है , हेलो देव सीमा फोन नहीं उठा रही है एवरी थिंग इज ओके न कल ऑफिस भी नहीं आई थी , देव . हाँ सब ठीक है कल रात में हल्का सा बुखार था उसे इसीलिए शायद लेट तक सो रही है , तुम परेशान मत हो … नताशा .. ओके बाय टेक केयर बोल कर नताशा फोन रख देती है , देव ब्रेकफास्ट बना रहा है ऑमलेट बनाता हुआ कहता है , तुम्हे ब्रेड ऑमलेट बहुत पसंद है न , ऑमलेट बनते ही ब्रेड गरम करता है उस पर बटर लगाता है , और एक गिलास में दूध रखकर ढँक देता है , और सीमा को कहता है तुम नास्ता कर लेना मैं शाम को ऑफिस से जल्दी आजाऊंगा और हाँ दोपहर का लंच होटल से आर्डर करके मगवा लेना अपने मन का , मुझे पता है बटर चिकन बहुत पसंद है तुम्हे और उसके साथ गरमा गरम नान हो तो फिर बात ही क्या है , इतना कहता हुआ दरवाज़ा बाहर से बंद करता हुआ , देव ऑफिस के लिए निकल जाता है , सुबह सुबह का वक़्त मलाड से अँधेरी जाने वाली लोकल ट्रैन हो या बस भीड़ उफ़ तौबा , मगर आज न जाने क्यों रह रह कर देव को बस सीमा का ही ख़्याल सता रहा था , खैर किसी तरह ओफिस पहुंचकर तुरंत ही सीमा को फोन लगाया , उसकी खैरियत लिया और दिन भर के काम के बाद जब ऑफिस से छूटा तो सीधा घर का रास्ता पकड़ा न दोस्तों से कोई बात चीत न साथ वाले सहकर्मीओं से कोई डिस्कसन किया ।

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रास्ते में मोगरे के फूल गज़रा और चेरी फ्लेवर वाला कंडोम जो की सीमा को बेहद पसंद था लिया , और कुछ हरी सब्ज़ियां लेकर सीधा घर चला गया घर जाते ही , सबसे पहले फ्लैट का लॉक खोला , हॉल में दाखिल होते हुए लाइट्स ऑन किया , टी . वी . ऑन थी मगर सीमा अपने कमरे में सो रही थी , देव सीमा के कमरे में जाता है लाइट्स ऑन करता है , सीमा का माथा चूमता है , सीमा कहती है ओह हनी तुम कब आगये मुझे पता भी नहीं चला , देव बोला बस अभी आया तुम आराम करो मैं चाय बनाकर लाता हूँ , और देव किचन में चाय बनाने के लिए चला जाता है , देव चाय बनाकर हॉल में रखे सोफे पर बैठ जाता है और टी वी पर न्यूज़ चैनल्स बदलता है , की तभी सीमा आकर उसके बगल में बैठ जाती है , दोनों चाय पीते हैं , फिर सीमा अपना सिर देव की गोद में रख कर लेट जाती है , देव सीमा के बालों में हाँथ फेरता हुआ बीते हुए लम्हों की पुरानी यादों में खोता चला जाता है ,

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शाम का वक़्त है देव की ऑफिस शनिवार के कारण बंद थी , वो सारा दिन सीमा का इंतज़ार करता रहा है , तभी रास्ते में आकर एक ऑटो रुकी जिसमे से सीमा अपनी खुली ज़ुल्फ़ें सम्हालती हुयी उतरी , सीमा ने ऑटो ड्राइवर को पैसे दिए , देव लपक कर आगे बढ़ता है और सीमा का बैग हाँथ में लेता हुआ बातें करता हुआ फ्लैट की तरफ बढ़ता है , दरवाज़ा खोलता है , और सीमा को अंदर खींचकर दरवाज़ा बंद कर लेता है , और आलिंगन के साथ ताबड़तोड़ चुम्बन करने लगता है , सीमा कसमसा जाती है वो उसे मना करती है ऐसी भी क्या बेशब्री है देव मैं कहीं भागी थोड़ी न जा रही हूँ , और वो अपने आप को छुड़ाकर बेडरूम की तरफ भाग जाती है , और दरवाज़ा अंदर से बंद कर लेती है , देव दरवाज़ा खटखटाता है , सीमा अंदर से ही जवाब देती है थोड़ा रुक जाओ बाबा कपडे तो चेंज कर लूँ , और ड्रेस चेंज करके बाहर हॉल में आती है , देव चाय लेकर डायनिंग टेबल में बैठा ही था की सीमा भी इठलाती हुयी आकर उसकी गोद में बैठ जाती है देव कहता है बड़ा प्यार उमड़ रहा है बड़ी मेहरबान हो अभी तो थोड़ी देर पहले यूँ हाँथ छुड़ा कर भागी थी जैसे हम आपके कोई न हो पराये हों , और वो देव की गोद में ही बैठ कर चाय पीने लगती है , तभी देव का फोन बज उठता है , और देव ख्यालों से वापस अपनी असली दुनिया में आजाता है , देव के दोस्त सौरभ का फोन है वो देव से पूछता है यार भाई बहुत दिन हुए मुलाक़ात नहीं हुयी , मिलेगा नहीं देव कहता है सॉरी यार थोड़ा बिजी हूँ , सौरभ , क्यों क्या हुआ भाभी की तबीयत तो ठीक है न , देव कहता है हाँ यार वही तू समझ रहा है न , सौरभ कहता है ओके यार चल फिर अपना ख्याल रखना मेरी ज़रुरत पड़े तो बेझिझक बताना , देव .. थैंक्स यार और फोन कट हो जाता है ,

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और देव के हांथों में सीमा के कुछ बाल रह जाते हैं , जिन्हे वो लेजाकर अलमारी के दराज़ में रख देता है , और आईने के सामने बैठा रो रहा है तभी सीमा पीछे से आकर उसके कंधे पर हाँथ रखती है , देव अपने आंसू पोछता हुआ उठता है , और खड़ा होकर सीमा को अपने सीने से लगा लेता है , और कहता है तुम मुझे छोड़कर कभी नहीं जाओगी न , सीमा देव का चेहरा अपनी तरफ फेरती है और कहती है नहीं कभी नहीं जाऊंगी , मैं क्या कहीं जा रही हूँ तुम्हारे पास ही हूँ न , देव उसे उठाकर सीधा बेड रूम में लेकर जाता है और बेड पर लेटा देता है , और वापस आकर हॉल में अपना मोबाइल उठाता है खाने का ऑर्डर करता है , और लैपटॉप में बचा खुचा काम निपटाने में लग जाता है , तभी देव की नज़र फर्श पर गिरे लाल रंग पर पड़ती है शायद वो खून था वो एक कपडा उठाता है और उसे साफ़ कर देता है , तभी डोर रिंग बजती है , डिलीवरी बॉय खाना लेकर आया है देव खाना लेता है पेमेंट लेकर डिलीवरी बॉय जैसे मुड़ता है वो एक बार वापस आता है और बोलता है साहेब बुरा न मनो तो एक बात बोलूं घर में चूहा मर गेला है क्या थोड़ा रूम फ्रेशनर मारने का देव उसे ओके ओके बोलता हुआ दरवाज़ा बंद कर देता है , डिलीवरी बॉय , कैसा कैसा लोग हैं इस दुनिया अच्छी बात किसी को समझ में आती हिच नहीं बोलता हुआ वहां से चला जाता है ।

देव डायनिंग टेबल पर दो प्लेट लगाता है , दोनों कैंडल लाइट डिनर करते हैं तभी सीमा कहती है कितना वक़्त हो गया न हम दोनों को साथ बाहर डिनर किये हुए , देव कहता है हाँ हनी नेक्स्ट संडे हम  ज़रूर बाहर जायेंगे , और इतना कहता हुआ सीमा का माथा चूम लेता है , और उसे अपनी बाहों में कसकर भर लेता है सीमा भी उसका सहयोग देती है और उसकी बाहों में सिमटती चली जाती है , देव उसे उठाकर बेडरूम की तरफ ले जाता है , सीमा के सिर से बाल लगातार झड़ रहे हैं , बेडरूम का दरवाज़ा खुलता है और बंद हो जाता है इसी के साथ घर की लाइट्स ऑफ हो जाती है , और एक लम्बे रोमांस के बाद दोनों सो जाते हैं , सुबह सुबह देव फिर वहीँ ब्रेक फ़ास्ट बनाता है और टेबल में रख कर चला जाता है , ऑफिस से दो तीन बार फोन लगाकर सीमा से बात करता है , और आज लौटते वक़्त बहुत सारे डीओ, परफ्यूम स्प्रे, रूम फ्रेशनर्स और बुक्के लेकर आता है , दरवाज़ा खोलता है , और सीधा बेडरूम की ओर चला जाता है , सीमा का हाल चाल पूछता है , उसके लिए चाय बनाता है दोनों साथ में चाय पीते हैं सारे घर को बुक्कों से सजाता है , रूम फ्रेशनर परफ्यूम और डीओ की ख़ुश्बू से सारा घर महक जाता है , इसके बाद होटल में खाना ऑर्डर करता है वो डायनिंग टेबल में बैठा डिलीवरी बॉय का इंतज़ार कर ही रहा था की तभी डोर बेल बजती है , देव दरवाज़ा खोलता है डिलीवरी बॉय से पूछता है क्या हुआ डिलीवरी बॉय कहता है वोऊ साहेब क्या झक्कास घर गमकेला है मेमसाब बाहर गाँव गयी रेली है क्या साहेब दोस्तों के साथ पार्टी मस्ती देव कहता है ऐसा कुछ नहीं है मेमसाहेब अंदर ही हैं , डिलीवरी बॉय .. तो अपुन समझ गया साहेब पक्का शादी की साल गिरह होइगा ऐसा सजावट तो तभीच होती है , देव मुस्कुरा देता है , डिलीवरी बॉय पैसे लेता है और बोलता है ऊपर वाला आपकी जोड़ी सलामत रखे साहेब अपुन चलता है देव की आँखों में आँसू आ जाते हैं , वो दरवाज़ा बंद करता है , फिर जाकर सीमा से लिपट कर खूब रोता है , सीमा देव को गले लगा लेती है आज देव बिना खाये ही सीमा की बाहों में लिपटा हुआ सो जाता है , अचानक दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ सुनायी देती है देव जाकर दरवाज़ा खोलता है सामने कचरा वाला खड़ा रहता है सीढ़ियों से ऊपर जाने वाले लोग कचरे की बदबू से नाक बंद करके वहाँ से निकलते हैं , देव को महसूस होता है की ये बदबू उसके फ्लैट से आ रही है , आज संडे का दिन था देव ऑफिस नहीं जाता है , एक बड़ा सा फ्रीजर लेकर बाजार से आता है , सोसाइटी वाले इतना बड़ा फ्रीजर देखकर आश्चर्य करते हैं बाजू वाला देव से पूछता है क्या देव बाबू आइस क्रीम पार्लर खोलेगा क्या अक्खा सोसाइटी का ख्याल रखता है तुम बहुत अच्छा आदमी है रे बाबा , देव स्माइल देता है लेबर फ्रीजर अंदर रख के नाक बंद करते हुए वहाँ से चले जाते हैं , देव फ्रीजर के अंदर बिस्तर लगाता और उसमे सीमा को लिटा देता है इसके बाद फ्रीजर चालू करके ढक्कन बंद कर देता है ।

दिन गुज़रते जाते हैं देव का यही रूटीन चालू रहता है , लगभग सबके फोन उठाना देव ने बंद कर दिया था , क्यों की सब

यही कहते थे की सीमा से बात करवाओ और देव का यही जवाब होता , सीमा सो रही है , देव की लगभग हर रोज़ की दिनचर्या एक जैसी थी , वहीँ सुबह का नास्ता बनाना सीमा को देना खुद खाना ऑफिस चले जाना शाम को लौटते वक़्त रोज़ वही बुक्के , गज़रे, परफ्यूम लेकर आना और हर रोज़ सीमा के लिए कुछ नए गिफ्ट भी लेकर आता था देव , संडे का वक़्त था फ्रीजर खोलकर देव सीमा से कुछ बातें कर ही रहा था , की अचानक डोर बेल बजती है , देव दरवाज़ा खोलता है , सामने नताशा को देखकर देव भौचक्का रह जाता है , पहले तो वो नताशा को दरवाज़े से ही चलता करने के मूड में था मगर आज नताशा भी पूरे मूड में थी की वो सीमा से मिलकर ही जाएगी , और वो देव के न चाहते हुए भी घर के भीतर तक घुस आई , देव उसे बैठने को कहता इससे पहले ही वो सोफे में जमकर बैठ जाती है , और आवाज़ देती है कहाँ हो भाई सीमा तुम तो ईद की चाँद हो गयी यार हम तो तुम्हारे दीदार को तरस गए , देव बोलता है तुम बैठो मैं अभी उसे बुलाकर लाता हूँ , इतना कहकर देव बैडरूम के अंदर जाकर दरवाज़ा बंद करता है और फ्रीजर के अंदर बैठी सीमा को लिटाकर कपडे ढँक देता है , तभी नताशा दरवाज़ा खटखटाने लगती है , हड़बड़ाहट में देव दरवाज़ा खोलता है , सीमा दनदनाती बैडरूम के अंदर घुस जाती है , चारों तरफ नज़र दौड़ाती है मगर सीमा उसे कहीं नज़र नहीं आती है , फिर उसकी नज़र फ्रीजर पर पड़ती है वो सीधा फ्रीजर की तरफ बढ़ती है और बोलती है मुझे पता है सीमा इसी में छुपी हुयी है , और ढक्कन खोलते ही जो नज़ारा देखती है नताशा भौचक्की रह जाती है , एन्ज़ाइम्स की वजह से सीमा का जिस्म सूख चुका था , वो सिर्फ हड्डियों से चिपके माँस का ढांचा रह गयी थी , जिस्म बदबू मार रहा था , नताशा कुछ समझ पाती , की तभी उसके सिर पर डंडे का तगड़ा प्रहार होता है जिससे वो वहीँ धड़ाम से गिर जाती है , देव कहता है तुम्हे ये सब नहीं देखना चाहिए था नताशा आईएम रीअली वैरी वैरी सॉरी । और इधर एक ट्रॉली बैग में भरकर सीमा का सूखा जिस्म जो की अब सिर्फ हड्डियों का ढाँचा मात्र रह गयी थी देव कार में रख कर कहीं बाहर चला जाता है ।

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घण्टों बीतने के बाद जब नताशा को होश आता है तब वो अपने आपको फ्लैट में अकेला पाती है , वो जाकर दरवाज़ा खोलती है जो की आसानी से खुल जाता है , इसके बाद वो सीधा पुलिस को इन्फॉर्म करती है पुलिस हरकत में आजाती है देव का फोन साइबर सेल वाले ट्रैक कर लेते हैं उसकी लोकेशन पुणे एक्सप्रेस हाईवे के आस पास दिखाई देती है , पुलिस जब नताशा को लेकर उस जगह पहुँचती है तब पता चलता है की वो एरिया बहुत पुराना कब्रिस्तान था , गेट के बाहर देव की कार खड़ी मिलती है , पूरा कब्रिस्तान छांनने के बाद देव सीमा की लाश के साथ एक कब्र के गड्ढे के पास दिखाई देता है , पुलिस उसे वार्न करती है ,अपने आपको पुलिस के हवाले करदो पुलिस कुछ नहीं करेगी नरमी से पेश आएगी , देव कुछ नहीं कहता है पुलिस आगे बढ़ती है देव कहता है प्लीज़ मुझे मेरी सीमा के साथ रहने दो , अगर किसी ने मुझे सीमा से अलग करने की कोशिश की तो मैं खुद को गोली मार लूँगा , नताशा फिर भी देव के थोड़ा और करीब तक जाती है , और वो उसे समझाती है देखो पागलपन मत करो सीमा मर चुकी है , आखिर तुम क्यों अपनी ज़िन्दगी खराब कर रहे हो, लौट आओ वापस देव एक बार फिर चीख कर रोने लगता है उसे महसूस होता है की जैसे सीमा दोनों बाहें फैलाये अपने पास बुला रही है , देव एक बार नताशा और पुलिस की आवाज़ पर गौर करके वापस आने का मन बना लेता है मगर दूसरे ही पल सीमा की रूह का दर्द उससे देखा नहीं जाता है , जो की अब सीमा के जिस्म के ऊपर एक दुल्हन की तरह सजी हुयी खड़ी थी , उधर पुलिस भी उसे समझाने की नाकाम कोशिश कर रही है , मगर कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही देव अपनी गर्दन में रिवॉल्वर लगाकर गोली दाग देता है , गोली सीधा खोपड़ी को चीरती हुयी आसमान की और चली जाती है और देव का निर्जीव जिस्म अपनी सीमा के ऊपर धड़ाम से गिर जाता है और साथ में फिसलता हुआ सीधा कब्र के अंदर चला जाता है ।

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सुमन को दिल की बीमारी थी दो हार्ट अटैक पहले ही आ चुके थे , बाईपास सर्जरी होने के बाद भी सीमा को तीसरा अटैक आगया और वो भी ऐसे वक़्त पर आया जब घर में कोई नहीं था देव सीमा से बेइंतेहा प्यार करता था , उसने सीमा का ऑफिस जाना भी बंद करवा दिया था मगर उसकी ज़िद की वजह से सीमा ऑफिस चली जाती थी कुछ दिनों से सीमा ज़्यादा ही थकी थकी रहने लगी थी शायद उसकी कमज़ोरी का कारण उसकी बीमारी थी और जिस बात का डर था हुआ भी वही , जब सीमा को तीसरा अटैक आया उस वक़्त घर में कोई नहीं था , इस तरह सोयी सीमा की दुबारा उठ भी न सकी उसकी मौत का सदमा देव को बर्दास्त नहीं हुआ जिसकी वजह से वो अपना मानसिक संतुलन खो बैठा और चाह कर भी सीमा को मरा हुआ नहीं मान पाया , और आखिर इसी बेइंतेहा प्यार के पागलपन में उसने अपनी जान देदी ।

story finished ,

pics taken by google ,