happy halloween story in hindi love beyond air ,
तृषा चाहकर भी शेखर की बात को मना नहीं कर सकती वो उससे मिलने यारी रोड वाले बीच पर पहुंच ही जाती है , तृषा को आता देख शेखर के चेहरे में स्माइल आ जाती है वो दौड़ कर पास की शॉप से बियर के दो कैन लेकर आता है , और दोनों बीच पर टहलते टहलते कक दूर तक निकल जाते हैं , तभी शेखर के दिमाग में शरारत सूझती है वो तृषा से कहता है एक किश दो न तृषा कहती है तो इस लिए तुम बुलाये थे मुझे यहां उस दिन तो तनीषा के साथ बड़ा चिपक चिपक कर फोटो शूट कर रहे थे मरीन ड्राइव पर , शेखर कहता है शी इस जस्ट फ्रेंड तुम प्यार हो मेरा और उसके होठों पर होंठ रख देता है तभी पत्थरों के पीछे से कुछ खड़खड़ाने की आवाज़ आती है , तृषा कहती है कोई है जो हमें वॉच कर रहा है , शेखर कहता है रात के १२ बजे कौन हमें वाच करेगा किसके पास इतना टाइम है की वो तभी एक काला साया आता है और शेखर को खींचता हुआ पत्थरों की तरफ ले जाता है , तृषा वहां से चिल्लाकर भागती है , और फ़ौरन रोड में आजाती है , इससे पहले की वो साया तृषा पर हमला करता लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो जाती है , समंदर की तरफ इशारा करती हुयी तृषा बेहोश हो जाती है और वहीँ धड़ाम से गिर जाती है , लोगों के बीच पर पहुंचने से पहले पानी भर जाता है , थक हार कर लोगों को वापस लौटना पड़ जाता है , सुबह बीच पर शेखर की जानवरों द्वारा नोची लाश मिलती है ,
story in falshback .
डेविड की आज बड़े प्रोडक्शन हाउस में जॉब का पहला दिन था ग्राफिक डिजाइनिंग में उसने मुंबई से ही डिप्लोमा किया
हुआ है उसका फरफिक वर्क बहुत अच्छा है और पहले ही दिन एक बड़ी मूवी की ग्राफिक का काम उसे मिल गया वो बहुत खुश हुआ , प्रोजेक्ट का काम चालू हो गया है आज संडे की वजह से डेविड अपने पी जी वाले फ्लैट में ही है आज उसे अपनी गर्ल फ्रेंड तृषा के साथ डेट पर जाना था मगर थकान की वजह से वो आज कहीं नहीं जा सका उसने अपने रूम पार्टनर्स तारुल, शेखर , यग्नेश को बता रखा था आज उसकी गर्ल फ्रेंड आने वाली सभी शांत रहेंगे कोई हल्ला नहीं करेगा सभी कहते हैं कोई डिस्टर्ब नहीं होगा तू बस सबके लिए बियर की एक एक कैन मगवा देना हम शांत रहेंगे शेखर कहता है यार तू तो बड़ा आदमी हो गया है बड़ी मूवी बड़ा फ्लैट तृषा जैसी गर्ल फ्रेंड हम दोस्तों को भूल तो नहीं जायेगा न डेविड शेखर को गले लगाते हुए कहता है यार भाई है तू मेरा और सभी बियर की एक एक कैन उठा लेते हैं तभी तृषा रूम में इंटर करती है और कहती है सॉरी गाइज़ लगता है मै गलत टाइम में आ गई , सभी कहते हैं नहीं तुम तो फ्रेंड हो हम सबकी तभी शेखर रूम से बाहर जाने लग जाता है , डेविड कहता है इसको क्या हुआ ये कहाँ जा रहा है , यग्नेश कहता है कुछ नहीं रे बीच पर जा रहा होगा संडे एन्जॉय करने यग्नेश और तारुल भी शेखर को आवाज़ देते हुए बीच की तरफ निकल जाते हैं ,
शेखर ने डेविड का कुछ वर्क चुराकर अपना रिज्यूम बनाया था और उसे कई विदेशी कम्पनीज़ में फॉरवर्ड किया था ये बात डेविड को पता थी और एक दिन ये बात तृषा भी जान जाती है , मगर डेविड उसे कुछ भी कहने के लिए मना कर देता है डेविड का वर्क अच्छा होने की वजह से वो इतनी ज़ल्दो तरक्की कर गया , ये बात तारुल और यग्नेश को भी चुभती थी मगर सबसे ज़्यादा बैर शेखर को था वो , एक दिन डेविड, शेखर ,यग्नेश ,तारुल ,चारों यारी रोड के बीच पर बैठे बियर पी रहे थे , सबने बारी बारी से बियर मगवाई चार चार कैन पीते पीते ८ से १२ बज गए थे , समुन्दर की लहरे बीच के पत्थरों को छू छू कर निकल रही थी यग्नेश कहता है चलो निकलते हैं यार अब ये लहर आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो रही है हाई टाइड कभी आ सकता है सभी निकलने लगते हैं यग्नेश बोलता है सभी आराम से चलना पत्थर गीले हैं जो फिसला सीधे अंदर डेविड सबसे पीछे था तभी एक तेज़ लहर आती है और डेविड का पैर फिसल जाता है वो गिरने लगता शेखर को कहता है हाँथ देना यार शेखर हाँथ नहीं देता है और वहीँ लहरों के साथ डेविड भी बह जाता है किसी को कुछ समझ नहीं आता है इसी के साथ डेविड का चैप्टर क्लोज हो जाता है , और डेविड का मूवी प्रोजेक्ट शेखर के हाँथ में आ जाता है , लेकिन यहां तक़दीर को कुछ और ही मंज़ूर था , डेविड की मौत के बाद डेविड की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है वो हर हाल में शेखर से अपना बदला लेना चाहता है इसके लिए वो तृषा के संपर्क में आता है और उसे सब अपनी आप बीती सुनाता है ,
और उसे बताता है की कैसे तीनो ने मिलकर प्लान किया उसकी मौत का उन तीनो को पता था की तीन कैन के बाद मुझे
बियर लग जाती है इसका उन्होंने फायदा उठाया और चौथी कैन जान बूझकर मगवाई, मैंने कहा था रूम में ही पी लेते हैं मगर बीच पर बैठ कर बियर पीने का प्लान उन्ही का था वो चाहते तो मैं आज ज़िंदा होता, डेविड की दर्द भरी आप बीती सुनकर तृषा की आँखें भर आती है वो कहती है मैं तुम्हारी मौत का बदला लूंगी उन सबसे चाहे मुझे किसी भी हद से गुज़रना पड़ जाए , शाम का वक़्त है ऑफिस से छूटने के बाद यग्नेश शेखर और तारुल माहिम से अँधेरी आने के लिए मुंबई लोकल पकड़ने के लिए स्टेशन पहुंचते हैं चर्च गेट से आने वाली फ़ास्ट लोकल में बहुत भीड़ रहती है तारुल और शेखर ट्रैन में चढ़ जाते हैं तृषा ट्रैन में नहीं चढ़ती है भीड़ बहुत थी मगर चढ़ते वक़्त यग्नेश का बैग ट्रैन के गेट में बाहर ही फंस जाता है वो उसे खींचने की नाकाम कोशिश करता है तभी ट्रैन चल देती है और प्लेट फॉर्म में खड़ी तृषा उसे बाहर खींच लेती है चलती ट्रैन से गिरने की वजह से यग्नेश की ऑन द स्पॉट मौत हो जाती है , रूम पर पहुंचने पर शेखर और तारुल तृषा को फ़ोन करते हैं और यग्नेश की मौत की खबर देते हैं , तृषा दुखी होने का नाटक करती है सभी उसे सांत्वना देते हैं , फोन काटते ही तृषा में मौजूद डेविड की आत्मा बहुत खुश होती है दिन गुज़रते जाते हैं ,
डेविड की मौत के बाद तृषा अकेली पड़ गयी होगी ये सोचकर शेखर उसका सहारा बनता है , धीरे धीरे तृषा भी शेखर को पसंद करने लग जाती है और ये दोस्ती कब प्यार में बदल जाती है किसी को कान ओ कान खबर नहीं लगती है, यग्नेश की मौत का सदमा तारुल बर्दास्त नहीं कर पाता है वो अपने आप मे ही बातें करने लग जाता है और धीरे धीरे उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लग जाती है उसे लगता है डेविड और यग्नेश की आत्मा उसे अपने पास बुला रही है वो हॉस्पिटल में एडमिट हो जाता है तृषा उससे मिलने जाती है वो उसे बताता है की यग्नेश और डेविड उसे अपने पास बुला रहे हैं , तृषा के जिस्म में मौजूद डेविड उसके कान में कहता है क्या कर रहा है यार यहां अकेले आ हमारे साथ, तीनो दोस्त साथ में एन्जॉय करेंगे यहां रोज़ पार्टी होती है ये शेखर तेरा साथ नहीं देने वाला देखा न कैसे मार दिया डेविड को डेविड के कदम धीर धीरे बालकनी की तरफ बढ़ने लगते हैं और मौका पाकर तृषा में मौजूद डेविड उसे उठाकर हॉस्पिटल की बालकनी से नीचे फेंक देता है ५ फ्लोर से गिरने के बाद उसकी वहीँ पर मौत हो जाती है , इस तरह डेविड की भटकती रूह को शांति मिल जाती है।
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बेड पर लेटी तृषा डेविड के अंतर्मन की ख़ुशी स्पष्ट महसूस कर रही थी , तृषा के जिस्म में मौजूद डेविड की रूह का साया सब उससे हमेशा के लिए अलविदा खुश रहना मेरे दोस्त कहता हाउ आस्मां के बादलों में गुम हो जाता है , तृषा उसे दर्द भरी मुस्कान से विदा कहती है कैमरे का शटर क्लोज़ हो जाता है।
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