horror stories in hindi bloody meena ,

0
1989
horror stories in hindi bloody meena ,
horror stories in hindi bloody meena ,

horror stories in hindi bloody meena ,

संजना वो रात कभी नहीं भूल सकती जब उसकी मरी हुयी सहेली मीणा उससे आकर कहती है , क्या करेगी तू शादी करके किसका घर बर्बाद करेगी मेरे होते तू कभी दुल्हन नहीं बन सकती अगर बन भी गयी तो मैं तेरी गृहस्थी में आग लगा दूगी और संजना का चेहरा हवा के झोके के साथ सामने लगे आईने में टकरा जाता है , और आइना एक छनाक की आवाज़ के साथ चूर चूर हो जाता है , इसके साथ ही संजना का चेहरा खून से रक्तरंजित हो जाता है और संजना वहीँ फर्श पर धड़ाम से गिर जाती है ,

आवाज़ सुनते ही घर के सारे सद्श्य कमरे में एकत्रित हो जाते हैं , संजना को हॉस्पिटल ले जाया जाता है , रात के २ बजे लगभग घर के सभी सद्श्य हॉस्पिटल से चले जाते हैं हॉस्पिटल में संजना उसकी माँ और पापा रुकते हैं , संजना की माँ बेड के बाजू में रखी कुर्सी में सो जाती है , और संजना के पापा बालकनी में खड़े कुछ सोच रहे हैं, रात ३ बजे के लगभग संजना को एक बार होश आता है , सामने सीलिंग में लगे पंखे के बाजू में चुड़ैल बनी मीणा दिखाई देती है संजना कुछ बोलना चाहती है , तभी मीणा उसके बाजू में आ बैठती और प्यार से उसके चेहरे पर अपनी घिनौनी उंगलियां फिराते हुए फुसफुसाती है , नहीं मानी न तू मेरी बात कहा था न की राज से शादी तुझे बहुत महगी पड़ेगी , ले अब देख कहती हुयी बालकनी में खड़े संजना के पापा की तरफ बढ़ती है , धड़ को सामने रखते हुए वो अपनी गर्दन संजना की तरफ मोड़ती है और एक कुटिल मुस्कान के साथ संजना के पापा को धकेल देती है , एक ज़ोरदार चीख के साथ संजना के पापा हॉस्पिटल की पांचवी मंज़िल से धड़ाम से नीचे गिर जाते हैं , मीणा हंसी के ठहाके लगाते हुए वहाँ से ग़ायब हो जाती है , ये देख कर संजना एक बार फिर से बेहोश हो जाती है , संजना के पापा की चीख इतनी भयानक थी की सारा हॉस्पिटल का स्टाफ बाहर आकर खड़ा हो जाता है , संजना की माँ को खबर की जाती है , संजना के पापा को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जाता है , कुछ घंटो के बाद डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर से बाहर आते हैं और बताते हैं की घबराने की कोई ज़रुरत नहीं , जिस जगह पर आपके पती गिरे थे वो गार्डन की ज़मीन थी जो पौधों की सिंचाई के वजह से गीली थी ज़्यादा चोट नहीं आई है बस पैर फ्रैक्टर हुआ है ।

real spirit storoes in hindi , 

लेकिन फिर भी ज़्यादा ऊंचाई से गिरने की वजह से पैर की हड्डी बुरी तरह से चकना चूर हो गयी है जिसके कारण पैर में रॉड डालनी पड़ेगी , संजना की माँ के आँखों सामने अब अँधेरा ही अँधेरा था , एक तरफ बेटी दूसरी तरफ पती । संजना के पापा के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर्स ने ६ महीनो का बेड रेस्ट बोल दिया था जिसके चलते संजना की शादी अब इसके बाद ही हो सकती थी , संजना अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी थी , मगर उसकी हरकतें बदल चुकी थी , ऐसा लग रहा था की मीणा का भूत संजना के अंदर ही घुस गया है ,

दिन बीत रहे थे संजना की शादी को लेकर जितने उसके घर वाले चिंतित थे उससे कहीं ज़्यादा ससुराल वाले चिंतित थे , संजना के परिवार वालों ने पुरोहित से सलाह मशवरा लिया संजना और राज की कुंडली पुनः मिलवाई गयी , राज की कुंडली में मांगलिक दोष पाया गया , जिसके चलते राज का त्रियंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में मांगलिक दोष दूर करने के लिए वटवृक्ष  के साथ विवाह सम्पन कराया गया कहते हैं वहां की पूजा के बाद मांगलिक दोष दूर हो जाता है , मगर राज और संजना की शादी अब दिक्कत थी संजना के पापा का बेड पर रहना अब जो भी मांगलिक कार्य था वो उनके ठीक होने के बाद ही हो सकता था , इसके पहले भी मीणा राज और संजना के रिश्ते को तोड़ने की कई बार नाकाम कोशिश कर चुकी थी ,

story in flash back ,

एक रात संजना बात करने के लिए राज को अपने घर बुलाती है , ये बात मीणा को पता चल जाती है , वो संजना के मोबाइल से राज के पिता के मोबाइल में मैसेज भेज देती है , मैसेज पढ़ते ही राज के पिता का दिमाग ठनकता है , वो राज को आज रंगे हाँथ पकड़ना चाहते थे , राज संजना के घर पहुंचने ही वाला रहता है की उसके पिता उसको देख लेते हैं और डांटते हुए घर ले जाते हैं और बोलते हैं , ये है तेरी देर रात की पढ़ाई आधी रात को तू कहाँ बाग़ रहा था और संजना से मिलने जा रहा था न उसका मैसेज मेरे मोबाइल में आया है देख और दो थप्पड़ राज के कान के नीचे दबा देते हैं , तभी राज की माँ बीच बचाव में आ जाती है , राज माँ से कहता है की अगर वो शादी करेगा तो संजना से ही करेगा ,वरना अपनी जान दे देगा , संजना और राज की ज़िद के आगे दोनों के मम्मी पापा शादी के लिए हाँ कर देते हैं ।

chapter two ,

अब कुछ दिनों के लिए मीणा की आत्मा को सुकून मिल गया था , मगर उसकी भटकती रूह को अब भी चैन नहीं था , मीणा की एक और सहेली थी सोनिया , सोनिया की शादी होने वाली है , मगर वो किसी और लड़के से प्यार करती है , मगनी की रश्म हो चुकी है , मगर विधि का विधान कुछ और ही है , मीणा नहीं चाहती की सोनिया की शादी हो , वो सोनिया को बार बार अपने बॉय फ्रेंड के साथ भाग जाने के लिए उकसाती है , और आखिर कार होता भी वही है जो मीणा चाहती है , एक दिन सोनिया घर से कॉलेज जाती है , और कॉलेज जाने की बजाय अपने बॉयफ्रेंड के साथ घर से भाग जाती है , मगर वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ ऐसी जगह चली जाती है जो जगह मीणा की पहुंच से बाहर होती है , और सोनिया के घर वाले ज्योतिष के माध्यम से जान जाते हैं की इन सब बातों का ताल्लुक़ मीणा की रूह के साथ है , वो सोनिया की शादी उसके बॉय फ्रेंड के साथ करवा कर कहीं और बाहर भेज देते हैं मीणा की रूह बहुत कोशिश के बावजूद भी सोनिया का पता नहीं लगा पाती है , ये जान कर मीणा की रूह बौखला जाती है , मीणा की शैतानी रूह को शांति नहीं मिलती है ,

cut to ,

सोनिया की शादी की सफलता देख कर संजना के मम्मी पापा भी संजना की शादी कहीं बाहर से करने का निर्णय लेते हैं , अब संजना के पापा का पैर ठीक हो चुका है , एक बार फिर संजना की शादी का माहौल घर में बन गया है , संजना की ख़ुशी एक बार मीणा से देखी नहीं गयी , उसने संजना कर राज़ की शादी रोकने का निश्चय कर ही लिया था , वो संजना के सामने राज की बुरी आदतें गिनाती , बताती है देख संजना राज तेरे लायक बिलकुल नहीं है जाने कितनी लड़कियों से चक्कर हैं उसके , संजना कहती है तू कुवारी मर गयी न इसी लिए नहीं चाहती की मेरा घर बसे , उधर राज़ के पास जाकर संजना की बुराई करती की वो बेकार लड़की है तुम्हारे माँ बाप की सेवा नहीं करेगी , वो आवारा किश्म की लड़की है बहुत से लड़कों से उसके लफड़े चलते हैं ,

यही बात वो राज के माँ बाप से भी जाकर भिड़ाती , मगर राज की ज़िद के आगे सब मजबूर थे , और दोनों परिवार के लोग अलग अलग दिनों में रवाना हुए और कहीं अनजान जगह में शादी करवा कर  ,  राज़ और संजना को वहीँ से कहीं बाहर हनीमून के लिए भेज दिया गया , इधर मीणा की भटकती रूह बेचैन हुयी जा रही थी की आखिर सबके सब कहाँ चले गए , ३ दिन में संजना और राज़ का परिवार वापस अपने शहर लौट आया मगर उनके साथ राज और संजना को न देखकर मीणा की रूह तड़प उठती है , वो हर कीमत में राज और संजना का पता जानना चाहती है , राज के मम्मी पापा हर रोज़ सुबह ५ बजे टहलने जाते हैं , सुबह ४ के बाद ब्रह्म मुहूर्त लग जाता है , जिसके कारण दुष्ट आत्माओं का प्रभाव ख़त्म हो जाता है , राज के मम्मी पापा जिस रास्ते से सुबह टहलने जाते हैं मीणा का घर भी उसी रास्ते में पड़ता है और मीणा की आत्मा अक्सर घर की बाउंड्रीवाल पर बैठ कर रात भर रोया करती है , कहते हैं १२ के बाद उसकी रूह को उस जगह पर बहुत से लोगों ने रोते हुए देखा और उसकी आवाज़ सुनी है । मगर मीणा राज के मम्मी पापा का कुछ नहीं बिगाड़ सकती है क्यों की उन्होंने एक ऊंचे दर्ज़े के तांत्रिक से पहले ही सलाह लेकर एक एक अभिमन्त्रित तावीज़ पहन रखी थी ,

राज के मम्मी पापा जिस कमरे में सोते हैं वो कमरा पूजा वाले कमरे से जुड़ा हुआ है राज के मम्मी पापा ईश्वर के प्रति बहुत ज़्यादा आस्थावान हैं जिसके कारण मीणा की आत्मा बस राज के घर में हाल तक ही आ जा पाती है , पहले की घटनाओं की वजह से ही राज और संजना के मम्मी पापा अब मीणा की रूह से सावधान हो चुके थे अब वो हर समय नपी तुली बात करते थे , एक रात राज के मम्मी पापा को सारी रात नींद नहीं आई जिसके कारण उनके घर की लाइट तमाम रात जलती बुझती रही , मीणा समझ गयी की आज अच्छा मौका है वो सारी रात उनकी दीवार से कान लगाए सुनती रही शायद कुछ सुराग मिल जाए , मगर उसका ताकना व्यर्थ निकल गया ,मगर रात के साढ़े तीन बजे जब राज के घर का दरवाज़ा खुलता है , तो मीणा की आँखें चमक जाती हैं , वो समझ जाती है कि आज इनसे राज और संजना का पता मिल जाएगा ,

गर्मी का मौसम है लगभग हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है , घर के सामने गार्डन में राज के मम्मी पापा कुर्सी लिए बैठे हैं , हवा के ठण्ड झोकों का आनंद ले रहे थे , मगर वहीँ गार्डन में छुपी मीणा की रूह चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी , मगर काफी देर तक जब उनकी बातों से राज और संजना की कोई खबर नहीं मिली तो वो झुँझला गयी , वो सीधा राज में माँ के जिस्म में घुस गयी गयी और राज के पापा को ज़मीन में पटक कर उनकी छाती पर सवार हो गयी और बदली हुयी आवाज़ में बोली तूने ही भेजा है न राज और संजना को अब तू ही बताएगा कहाँ है दोनों , राज के पापा घबरा जाते हैं वो कुछ समझ पाते उसके पहले उनके मुँह से निकल जाता है , तुम्ही ने न कहा था , दोनों को मसूरी भेज दो यहां मीणा  चुड़ैल का खतरा है परसों दोनों वापस आ भी जायेगे , अब तुम्हे क्या हुआ , बस इतना बोलना था की , मीणा की रूह राज की माँ के जिस्म से निकल कर फ़ौरन वहाँ से भाग जाती है और राज और संजना के वापसी के लिए बेक़रार हो जाती है ,

वो फ़ौरन हाइवे के चेकपोस्ट के लिए रवाना हो जाती है , उसे पता है आएंगे तो वो उसी रास्ते से , जिसके लिए
राज और संजना का इंतज़ार मीणा की रूह चेकपोस्ट के पास लगे बबूल के पेड़ पर रुक कर करती है , दूसरे दिन राज और संजना की कार जब चेकपोस्ट पर पहुँचती है उससे पहले राज और संजना दोनों के मम्मी पापा पहले से ही पुरोहित को लेकर वहाँ पहुंच चुके होते हैं , जिसके चलते मीणा की आत्मा एक बार फिर राज और संजना का कुछ नहीं बिगाड़ पाती है , वो राज और संजना की कार के पीछे पीछे उड़ते हुए कॉलोनी तक पहुंच जाती है , पुरोहित दोनों का गृह प्रवेश करवाने के बाद दोनों को एक एक अभिमंत्रित तावीज़ देकर चले जाते है ।

cut to ,

डिनर के बाद राज और संजना प्यारी प्यारी बातें करते हुए , बेड पर लेटे हुए हैं अचानक एक धड़ाम की आवाज़ के साथ बेड के चारों पाए और प्लाई टूट जाती है और दोनों धड़ाम से फर्श पर गिर जाते हैं , राज हंस कर बोलता है लगता है आज सुहागरात ज़मीन फर्श पर ही मनानी पड़ेगी , संजना कहती है सुहाग रात हो चुकी है कितने दिन हुए हमारी शादी को सुहागरात तो हमने मसूरी में ही मना ली थी , तभी लाइट का शार्ट सर्किट होता है  ए. सी . में आग लग जाती है , राज मम्मी पापा को आवाज़ लगाता है , तभी कमरे में मौजूद मीणा की रूह संजना पर नुकीले नाखूनों से झपट्टा मारती हुयी वहाँ से भाग जाती है , इसी अफरा तफरी में संजना के गले का तावीज़ अँधेरे में कहीं खो जाता है , तभी राज और संजना के मम्मी पापा , टॉर्च लेकर आ जाते हैं , राज मोबाइल की टोर्च ऑन करता है , संजना से पूछता है तुम ठीक तो हो ना , संजना के गले पर कट का निशान देखकर वो हड़बड़ा जाता है ,

khatarnak horror story in hindi , 

ज़ख्म ज़्यादा गहरा नहीं था , फर्स्ट ऐड में ही ठीक हो जाता है , इधर संजना के गले का तावीज़ गुमते ही मीणा की रूह उस पर शादी तोड़ने का दबाव बनाने में लग जाती है , दिन बीतते जाते हैं मीणा की रूह अपनी हरकतों से बाज नहीं आती है , और आखिरकार इन सबसे तंग आकर संजना और राज के परिवार वाले संयोजित तरीके से प्रेत आत्माओं की शांति के लिए अनुष्ठान करवाते हैं , जिसके बाद मीणा की भटकती रूह को शांत कर दिया जाता है , राज और संजना भी आराम से अपना वैवाहिक जीवन व्यतीत करने लग जाते हैं ।

pics taken by google ,