horror story writer a short horror story ,

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रात के सन्नाटे को चीरती पायल की आवाज़ राज़ के कानो में स्पष्ट सुनाई दे रही थी , बालकनी से वो आवाज़ उसके और नज़दीक आ रही थी , तभी एक औरत भारी आवाज़ में हंसती है उसकी हंसी की अट्टहास से सारी कोठी गूँज जाती है , राज़ की नज़र बालकनी की तरफ जाती है , उस औरत का डरावना चेहरा सामने आता है , वो राज़ से कहती है अरे ओ राइटर तुझे भूत की कहानी लिखनी है न तो मेरी लिख मैं हूँ असली भूत , लिख मेरी कहानी , राज़ कहता है , और भूत महरानी नाइस टू मीट यू , और कुछ ठंडा गरम लोगी , या वही वोडका विथ स्कॉच , वो औरत बोलती है तन्ने मज़ाक सूझ रहा है के राज़ कहता है ओह कम ऑन नताशा तुम्हे इस तरह मेरे पीछे पीछे आने की क्या ज़रुरत थी तुम मुझे बोल देती मैं तुम्हे साथ ले आता , औरत कहती है ये क्या नताशा वताशा लगा रक्खा है तैने,  मैं कोई नताशा वताशा न हूँ मैं हूँ बलसाड़ की मशहूर नटनी ओह कम ऑन नताशा बोलता हुआ राज़ उस औरत के गले में हाँथ डालता है , और फर्श पर धड़ाम से गिर जाता है तभी उसकी सिट्टी पिट्टी गुम होने लगती है सामने खड़ी औरत हसने लगती है , और के होया राइटर बड़ा हीरो बन रहा था तभी फोन पर नताशा का कॉल आता है फोन पर नताशा की कॉल देख कर राज़ और डर जाता है , तभी वो औरत कहती है ले आ गओ थारी चाहने वाली को फोन उठा ले , राज़ डरते डरते फोन उठाता है ,नताशा के हेलो का जवाब राज़ कांपता हुआ देता है , नताशा कहती है आर यू ओके देयर राज़ कहता है हाँ आई ऍम फाइन तभी वो औरत वहाँ से गायब हो जाती है , राज़ नताशा को सब कुछ बताता है , नताशा कहती है आर यू मैड तुमने आज फिर ओवर पी ली है , देखो तुम सो जाओ , प्लीज़ मुझे सोने दो बाय बोलकर कट कर देती है ,

Shayari hindi mein,

दूसरे दिन राज़ स्क्रिप्ट लिखना सुरु करता है , लग भग एक एपिसोड की स्टोरी लिख कर मुंबई प्रोडक्शन हाउस को मेल किया ही था की , तभी वेब्सीरीज़ के क्रिएटिव डायरेक्टर सादिक का फोन आ जाता है , सादिक कहता है राज़ भाई क्या स्टोरी लिख के भेजा है मज़ा हीच आ गया , अपने को ये बलसाड़ की नटनी वाली स्टोरी पूरा मांगता है , राज़ कहता है कौन सी नटनी वाली स्टोरी , सादिक कहता है अपने को कोई बहाना नहीं मांगता है अपुन इस हीच स्टोरी पर वेब्सीरीज़ बनाएगा सेट डिजाइनिंग का काम सुरु कर दिया है प्रोडक्शन कन्ट्रोलर को आर्डर दे दिया है पंटर लोग काम में लग गया है , अपने को सात दिन के अंदर स्क्रिप्ट रेडी मांगता है और फोन काट देता है , राज़ को कुछ समझ में नहीं आता है , वो स्क्रिप्ट फिर से पढता है , और कहानी वाक़ई बदली हुयी रहती है , जो उस रात नटनी मोहिनी ने सुनाई थी , राज़ सोच में पड़ जाता है आखिर ये हुआ कैसे वो बाहर मार्किट में जाकर उस कोठी के रहश्य के बारे माँ पूछता है , मगर कोई कुछ ख़ास नहीं बता पाता है सब यही कहते हैं बहुत दिनों से बंद थी ये कोठी , काफी पुरानी है , थक हारकर राज़ वापस कोठी में चला आता है , अभी वो थका हुआ कुर्सी पर बैठा ही था की चौकीदार पानी लाकर देता है , और कहता है खाना बनाकर रख दिया है , आपका जब मन करे खा लेना अब मै जाऊं राज़ कहता है हाँ जाओ , अभी वॉचमैन कोठी से बाहर निकला ही होगा की तभी पिछली रात वाली नटनी मोहिनी सीढ़ियों से हंसती हुयी नीची उतरती है , उसके पाँव ज़मीन पर नहीं है फिर भी उसके पाज़ेब के घुंघुरुओं की आवाज़ से सारी कोठी गूँज उठती है ,

राज़ बिना डरे मोहिनी से पूछता है आखिर कौन हो तुम और मुझसे क्या चाहती हो , मोहिनी कहती है क्यों कुछ नहीं

बताया गाँव के लोगों ने मेरे बारे में बड़ी पूछताछ किये हो दिन भर आज चलो खैर कोई बात नहीं हमारी हस्ती किसी तआर्रुफ़ की मोहताज़ नहीं है आज से २०० साल पहले हमारे कबीले का झुण्ड इसी गाँव के रस्ते से होकर गुजर रहा था , रात हो रही थी सरदार ने यहीं डेरा डाल दिया , गाँव के मुखिया ने खूब आवभगत की , नाच गाने का कार्यक्रम देर रात तक चला , गाँव के मुखिया नाच गाने से खुश होकर हमारे क़बीले को कुछ ज़मीन देकर यहीं बसने का न्योता दे दिया , मगर कहते हैं न साहेब बंजारों की तक़दीर में एक जगह का दाना पानी नहीं लिखा होता , राज़ पूछता है फिर क्या हुआ , मोहिनी बोली फिर मुखिया के छोरे का मुझ पर आ दिल गया , मुझे भी उसकी सादगी बहुत पसंद थी , मगर गाँव के मुखिया को और हमारे सरदार को ये रिश्ता बिलकुल पसंद न था , मैं पेट से थी मुखिया का बेटा सूरज और मैं दोनों गाँव से भागने ही वाले थे की , रात के अँधेरे का फायदा उठाते हुए , मुखिया और सरदार ने हमारा गला रेत दिया और हमारी लाश को औरंगा नदी में फेंक दिया , मरने के बाद महीनो तक मेरी रूह नदी के दलदली क्षेत्र में उगे बबूल के पेड़ पर बैठी महीनो तक रोई , मगर जब मेरा प्यार मर कर भी मुझे वापस नहीं मिला तब मैंने मुखिया और उसके परिवार को चुन चुन के मार डाला अपनी मौत के लिए तो मैं उन्हें माफ़ कर सकती थी मगर सूरज और मेरे पेट में पल रहे उसके बच्चे की मौत का बदला मैंने मुखिया और उसके परिवार से चुन चुन के लिया , मुखिया के परिवार की मौत के बाद हमारे कबीले वाले भी यहां से भाग गए मगर तब से मेरी आत्मा सूरज की इस कोठी में रहती है ,

हॉरर स्टोरी सच्ची घटना,

तुम मेरी कहानी दुनिया को बताओगे न , और इतना कहकर मोहिनी अचानक रोने लगती है और पलट कर वापस जाने लगती है , तभी उसके जिस्म के सड़े हुए मांस का एक टुकड़ा ज़मीन पर गिर जाता है , जिसे मोहनी बखूबी अपने आँचल से ढक कर उठा लेती है , और वहाँ से चली जाती है , राज़ ये सब अपनी आँखों से देख लेता है , राज़ को उसकी बताई कहानी पर शक होता है , अगर नटिनी के जिस्म को औरंगा नदी में बहा दिया गया था फिर ये जिस्म किसका है , राज़ रात भर मन ही मन मोहनी के बारे में सोचता रहता है , सुबह होते ही वो उस हवेली में काम करने वाले पुराने नौकर को ढूढ़ने में लग जाता है , मगर बड़ी मुश्किल से एक नौकर के परिवार का एक सदश्य मिलता है जो बताता है की कैसे उस गाँव के मुखिया की मौत के साथ उसके परदादा की मौत उस नटिनी के हांथों हुयी , सालों से वो कोठी बंद पड़ी है मगर वहाँ कोई अब नहीं जाता है , आप वहाँ रुके हुए हैं बहुत बड़ी बात है आज तक उस कोठी से कोई बचके नहीं निकला,

,नौकर के पोते की बात सुनकर राज़ के मन की उत्सुकता और बढ़ जाती है , वो मोहिंनी के बारे में जान ने के लिए रात

के इंतज़ार में लग जाता है , सारे हाल में कैमरे लगा देता है , और मोहिनी के इंतज़ार में बैठ जाता है अभी उसने स्क्रिप्ट का नेक्स्ट पेज लिखा ही था की , मोहिनी की अट्टहास से सारा हाल गूँज जाता है , राज़ समझ जाता है की मोहिनी आ चुकी है , मोहिनी राज़ से पूछती है क्यों राइटर तुमने मेरी कहानी भेज दी न , मैंने जैसी बताई थी राज़ कहता है हाँ बिलकुल , मोहिनी कहती है , मुखिया ने मुझे औरंगा नदी में फिकवाया ही नहीं मेरी लाश को ढूढ़ने के लिए उसने कई दिनों तक किनारों की ख़ाक छानी , और एक नन्ही सी जान को पेट में लिए मेरी आत्मा बबूल के काँटों के बीच फसी तड़पती रही , जब मेरी आत्मा ने मेरे शरीर का साथ छोड़ दिया तब मैं पूर्णतः भूत योनि में आगयी , और लहरों के विपरीत नदी के रास्ते वापस बलमाड़ आ गयी , तभी राज़ पूछता है की तुमने अभी नन्ही सी जान का ज़िक्र किया था आखिर क्या हुआ उसका मोहिनी कहती है मत पूछो मेरे लाल का क्या हुआ ये दर्द भरी एक लम्बी दस्तान है किसी और रात को सुनाऊँगी , दिन का उजाला दिखने लगता है और मोहिनी वापस सीढ़ियों के रास्ते ऊपर की और जाने लगती है , राज़ भी चुपके से उसके पीछे हो लेता है , और वो देखता है ऊपर के कमरे में एक दरवाज़ा खुलता है मोहिनी उसके अंदर चली जाती है ,

राज़ उसका पीछा करता हुआ दरवाज़े के पास पहुंच जाता है , उसे वहां एक शैतान खोपड़ी दिखाई देती है जिसे वो घुमा देता है उसके घूमते ही दरवाज़ा खुल जाता है , और राज़ दरवाज़े के अंदर चला जाता है , अंदर जाने के बाद सीढ़ियों से रास्ता तहखाने की तरफ जाता है राज़ सीढ़ियों से नीचे उतरता जाता है , अंदर का दृश्य देखकर राज़ भयभीत हो जाता है , सारा का सारा तहखाना नरकंकालों से भरा पड़ा था चारों तरफ सड़ी हुयी लाशें बिखरी पड़ी थी बदबू से उस जगह पर दम घुट रहा था , तभी ज़ंजीर से जकड़े एक शख्स के कराहने की आवाज़ सुनायी देती है राज़ उसे देखकर डर जाता है , वो ज़जीर में जकड़ा मानव कंकाल मात्र बचा था उसकी हालत देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था की किसी भूखे भेड़िये ने उसकी बोटियों को बुरी तरह से नोचा हो और हड्डियों को छोड़ दिया हो , राज़ उसके पास जाता है , वो राज़ से मदद की गुहार लगाता है राज़ उसे ज़ंजीर से आज़ाद करता है , और अपने साथ बाहर ले आता है , और उसे उस कोठी से दूर ले जाता है , वो शख्स राज़ को अपनी आप बीती सुनाता है वो बताता है पिछले २ महीने से वो उस मोहिनी की क़ैद में था , वो कोई भूत नहीं है , बल्कि एक अभिशापित डायन है जिसने अपनी तंत्र साधना के दम पर गाँव और उसके कबीले का कैसे नाश किया था , और अपने बेटे की तंत्र साधना के लिए बलि देदी जिसके चलते उसे कबीले से बाहर निकाल दिया गया , मुखिया ने उसे शरण दी उसे भी मोहिनी ने मार डाला और लोगों का खून पीकर वो अब तक ज़िंदा है दिन के उजाले में उसका जिस्म जलने लगता है इसलिए वो रात में बाहर निकलती है , वो दिन प्रतिदिन और शक्तिशाली होना चाहती है ,

Shayari Attitude,

उस शख्स की दर्द भरी कहानी सुनकर राज़ सबकुछ समझ जाता है , और वो निश्चय करता है उस गाँव के लोगों को उस कोठी में मौजूद डायन से मुक्ति दिलाएगा , शहर की पुलिस चौकी जाने तक बहुत देर हो जाती और उसकी बताई बातों का कौन भरोसा करता ,इसलिए वो खुद सब बंदोबस्त करके , टेबल पर अपना सेट जमा के बैठ जाता है , रात होते ही मोहिनी की पाज़ेब की छन छन की आवाज़ से सारी कोठी गूँज उठती है , राज़ उसकी तरफ तिरछी नज़रो से देखता है , उसके तीखे तेवर देख कर लग रहा था वो उसे कच्चा चबा जाएगी , वो राज़ के बहुत करीब थी इतनी करीब की राज़ उसके जिस्म के सड़े हुए मांस की गंध से उसका दम घुटने लगा था , वो राज़ की गर्दन पर अपना हाँथ फेरती हुयी डरावनी आवाज़ में राज़ से कहती है क्यों राइटर तो आखिर तुम मेरे तहखाने तक पहुंच ही गए , और मेरे शिकार को आखिर तुम मेरे शिकंजे से कब तक बचाओगे , अब तुम वही कहानी लोगों को लिखकर भेजोगे जिसमे की मेरी मजबूरी और मेरी मासूमियत लोगों को दिखाई दे ताकि दुनिया भर के लोग यहां आएं और मैं उनका शिकार करके अपने इस सड़े हुए जिस्म को चुस्त तंदुरुस्त रख सकूं और उनके रक्त से और ज़्यादा जवान दिख सकूं , तभी राज़ कहता है जो हुकुम आका मेरे आप तो वैसे भी मलिका ए हुश्न हैं , आप के हुकुम की नाफरमानी करने की गुस्ताखी मुझ जैसा नाचीज़ नहीं कर सकता है , तभी राज़ की बातों से मोहिनी चिढ जाती है , राज़ उसकी तारीफ करके अपनी बातों में उलझाए रखता है , बातों बातों में सुबह हो जाती है , गुस्से से बौखलाई मोहिनी राज़ को टेबल समेत दूर फेंक देती है, मौका पाकर राज़ दरवाज़ा खोल देता है , सूरज की रौशनी मोहिनी के जिस्म को झुलसा देती है , मोहिनी का जिस्म रौशनी से झुलशकर बूँद बूँद टपकने लगता है , वो सीढ़ियों से ऊपर की तरफ भागती तभी राज़ कोठी में आग लगा देता है , क्यों की उसने पहले ही सब जगह पहले से ही ज्वलनशील पदार्थ छुपा कर रख दिए थे , आग की लपेट में जलकर मोहिनी का जिस्म ख़ाक हो जाता है , और बर्षों से कोठी में भटक रही रूहों को मुक्ति मिल जाती है , राज़ उस शख्स को हॉस्पिटल में एडमिट करवा कर वापस मुंबई चला जाता है , और अपने डायरेक्टर सादिक को असली स्टोरी बताता है , राज़ की स्टोरी सुनकर सादिक और एक्ससाइटेड हो जाता है , और बोलता है इस पर अपुन नयी वेबसेरीज़ बनाना मांगता है। और इसी के साथ नयी स्टोरी पर काम सुरु हो जाता है।

pics taken by google …